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विजय दिवस की स्वर्ण जयंती: झुंझुनू में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित...शहीदों को दी जा रही श्रद्धांजलि

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के लिए बुधवार को झुंझुनू में जगह-जगह विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. इस दौरान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.

झुंझुनू में विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित, Victory Day program organized in Jhunjhunu
झुंझुनू में विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित
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Published : Dec 16, 2020, 5:56 PM IST

झुंझुनू. 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. इस बार विजय दिवस के 50 साल पूरे हो गए है. ऐसे में जिले में इस एतिहासिक जीत के उपलक्ष में जगह-जगह विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. जिसमें युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.

शेखावाटी के लिए यह दिवस गौरवपूर्ण है, 1971 का भारत-पाक युद्ध 13 दिन चला था. इस युद्ध में देश के 3900 जवानों ने शहादत दी. इसमें शेखावाटी के 168 जवान थे. झुंझुनू के 108, सीकर के 46 और चूरू के 12 जवान शहीद हुए. बुधवार को पूरे झुंझुनू में अलग-अलग जगहों पर विजय दिवस मनाया जा रहा है और अपनी माटी के लालों को याद किया जा रहा है.

झुंझुनू में विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित, Victory Day program organized in Jhunjhunu
शहीदों को दी जा रही श्रद्धांजलि

इस युद्ध में सबसे अधिक शहीद होने वाले 168 जवान शेखावाटी के सपूत थे. जिनके अदम्य साहस के बूते दुश्मन को घुटने टेकने पड़े और आज भी यह जीत विश्व की सबसे बड़ी जीत के रुप में दर्ज है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था. इस युद्ध के किस्से आज भी यहां कहे और सुनाए जाते हैं. यह तो एक युद्ध की कहानी है, लेकिन देश के हर संकट में यहां के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.

पढे़ं- राजस्थान : निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

अब तक अकेले झुंझुनूं जिले से 468 जवानों ने अपनी शहादत दी है और प्रदेश में यह आंकड़ा 1100 से अधिक है. इसके बाद भी झुंझुनू में हर किसी जवान का सपना सेना में जाने का होता है और इतनी शहादत देखने के बाद भी माटी का लाल देश पर मर मिटने को तत्पर रहता है.

झुंझुनू. 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. इस बार विजय दिवस के 50 साल पूरे हो गए है. ऐसे में जिले में इस एतिहासिक जीत के उपलक्ष में जगह-जगह विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. जिसमें युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.

शेखावाटी के लिए यह दिवस गौरवपूर्ण है, 1971 का भारत-पाक युद्ध 13 दिन चला था. इस युद्ध में देश के 3900 जवानों ने शहादत दी. इसमें शेखावाटी के 168 जवान थे. झुंझुनू के 108, सीकर के 46 और चूरू के 12 जवान शहीद हुए. बुधवार को पूरे झुंझुनू में अलग-अलग जगहों पर विजय दिवस मनाया जा रहा है और अपनी माटी के लालों को याद किया जा रहा है.

झुंझुनू में विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित, Victory Day program organized in Jhunjhunu
शहीदों को दी जा रही श्रद्धांजलि

इस युद्ध में सबसे अधिक शहीद होने वाले 168 जवान शेखावाटी के सपूत थे. जिनके अदम्य साहस के बूते दुश्मन को घुटने टेकने पड़े और आज भी यह जीत विश्व की सबसे बड़ी जीत के रुप में दर्ज है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था. इस युद्ध के किस्से आज भी यहां कहे और सुनाए जाते हैं. यह तो एक युद्ध की कहानी है, लेकिन देश के हर संकट में यहां के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.

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अब तक अकेले झुंझुनूं जिले से 468 जवानों ने अपनी शहादत दी है और प्रदेश में यह आंकड़ा 1100 से अधिक है. इसके बाद भी झुंझुनू में हर किसी जवान का सपना सेना में जाने का होता है और इतनी शहादत देखने के बाद भी माटी का लाल देश पर मर मिटने को तत्पर रहता है.

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