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शेखावाटी में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ रही महिलाएं

शेखावाटी में महिलाएं मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़ रही हैं. शेखावटी में पिछले कुछ दिनों में सामने आए मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े रिकॉर्ड यही साबित करते हैं.

Gaurav Jain, SP, jhunjhunu
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Published : Aug 1, 2019, 8:07 PM IST

झुंझुनू. शेखावाटी में अपराध में महिलाओं के नाम कम आते रहे हैं. परिवारिक झगड़े के अलावा महिला थानों में भी कमी दिखाई देती है लेकिन अब मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाओं की सक्रियता भी बढ़ने लग गई है. इन पर शक नहीं होने के कारण तस्कर इनको ढाल बनाने लग गए हैं. इसे अपराध की दुनिया में पुलिस के लिए नई चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है.

शक नहीं होने को बनाया ढाल, मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ रही है महिलाएं

इस तरह के केस आए हैं सामने
झुंझुनू जिले के चिड़ावा इलाके में एक महिला और उसके बेटे को 13 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया. आरोपी महिला उर्मिला अपने बेटे के साथ गांजे की डिलीवरी करने जा रही थी. पुलिस को महिला पर कोई शक नहीं था लेकिन उसका बेटा आदतन तस्कर होने की वजह से मां भी साथ में पकड़ने आ गई. इसी प्रकार मंडावा पुलिस ने विद्या देवी को शिवालय व के पास गांजा बेजते गिरफ्तार किया. इसी प्रकार एक मामले में कोतवाली पुलिस ने भी रोडवेज बस स्टैंड पर हनुमानगढ़ जाने वाली बस में 36 किलो डोडा पोस्त के साथ मध्य प्रदेश निवासी मुन्नी बाई को गिरफ्तार किया.

यह भी पढ़ें: फर्जी सिम के मामले में 'लेडी डॉन' दोषमुक्त...

महिलाओं पर नहीं होता शक
आमतौर पर पुलिस की ओर से भी महिलाओं पर शक नहीं किया जाता है. इसको देखते हुए मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हुए अपराधी गिरोह में महिलाओं को शामिल करने लग गए हैं. जिले में पिछले दिनों पुलिस की ओर से तस्करी से जुड़े हुए मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस सूत्रों की माने तो पंजाब व हरियाणा राज्यो की महिलाएं इसमें सर्वाधिक सक्रिय है. जानकारी के मुताबिक पुलिस ओर से ऐसे मामलों को रोकने के लिए नाकाबंदी करवाई जाती है. लेकिन इस दौरान अधिकांश तौर पर पुरुष पुलिस कर्मी ही तैनात रहते हैं. महिला कॉन्स्टेबल के नहीं होने से पुरुष महिलाओ की तलाशी नहीं ले पाते हैं, जिसका की तस्कर पूरा फायदा उठाते हैं. मामला सामने आया है उसमें यह पाया गया है कि महिला तस्करों की ओर से केवल बस में ही सफर किया जाता है.

झुंझुनू. शेखावाटी में अपराध में महिलाओं के नाम कम आते रहे हैं. परिवारिक झगड़े के अलावा महिला थानों में भी कमी दिखाई देती है लेकिन अब मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाओं की सक्रियता भी बढ़ने लग गई है. इन पर शक नहीं होने के कारण तस्कर इनको ढाल बनाने लग गए हैं. इसे अपराध की दुनिया में पुलिस के लिए नई चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है.

शक नहीं होने को बनाया ढाल, मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ रही है महिलाएं

इस तरह के केस आए हैं सामने
झुंझुनू जिले के चिड़ावा इलाके में एक महिला और उसके बेटे को 13 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया. आरोपी महिला उर्मिला अपने बेटे के साथ गांजे की डिलीवरी करने जा रही थी. पुलिस को महिला पर कोई शक नहीं था लेकिन उसका बेटा आदतन तस्कर होने की वजह से मां भी साथ में पकड़ने आ गई. इसी प्रकार मंडावा पुलिस ने विद्या देवी को शिवालय व के पास गांजा बेजते गिरफ्तार किया. इसी प्रकार एक मामले में कोतवाली पुलिस ने भी रोडवेज बस स्टैंड पर हनुमानगढ़ जाने वाली बस में 36 किलो डोडा पोस्त के साथ मध्य प्रदेश निवासी मुन्नी बाई को गिरफ्तार किया.

यह भी पढ़ें: फर्जी सिम के मामले में 'लेडी डॉन' दोषमुक्त...

महिलाओं पर नहीं होता शक
आमतौर पर पुलिस की ओर से भी महिलाओं पर शक नहीं किया जाता है. इसको देखते हुए मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हुए अपराधी गिरोह में महिलाओं को शामिल करने लग गए हैं. जिले में पिछले दिनों पुलिस की ओर से तस्करी से जुड़े हुए मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस सूत्रों की माने तो पंजाब व हरियाणा राज्यो की महिलाएं इसमें सर्वाधिक सक्रिय है. जानकारी के मुताबिक पुलिस ओर से ऐसे मामलों को रोकने के लिए नाकाबंदी करवाई जाती है. लेकिन इस दौरान अधिकांश तौर पर पुरुष पुलिस कर्मी ही तैनात रहते हैं. महिला कॉन्स्टेबल के नहीं होने से पुरुष महिलाओ की तलाशी नहीं ले पाते हैं, जिसका की तस्कर पूरा फायदा उठाते हैं. मामला सामने आया है उसमें यह पाया गया है कि महिला तस्करों की ओर से केवल बस में ही सफर किया जाता है.

Intro:शेखावाटी मे लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का नाम ही अपराध की दुनिया में कुछ आंखें लेकिन स्थानीय स्तर पर भी मादक पदार्थों की तस्करी में कई महिलाओं के नाम सामने हैं। पुलिस मानती है कि महिला हो या पुरुष सबके लिए सजा बराबर है, लेकिन यह भी सही है कि महिलाओं के मामले मे शक कम होता है।


Body:झुंझुनू। शेखावाटी में अपराध में महिलाओं के नाम कम आते रहे हैं । परिवारिक झगड़े के अलावा महिला थानों में भी कमी दिखाई देती है लेकिन अब मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाओं की सक्रियता भी बढने लग गई है। इन पर शक नहीं होने के कारण तस्कर इनको ढाल बनाने लग गए हैं ।इसे अपराध की दुनिया में पुलिस के लिए नई चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।

इस तरह के केस आए हैं सामने
झुंझुनू जिले के चिड़ावा इलाके में एक महिला और उसके बेटे को 13 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी महिला उर्मिला अपने बेटे के साथ गांजे की डिलीवरी करने जा रही थी। पुलिस को महिला पर कोई शक नहीं था लेकिन उसका बेटा आदतन तस्कर होने की वजह से मां भी साथ में पकड़ने आ गई। इसी प्रकार मंडावा पुलिस ने विद्या देवी को शिवालय व के पास गांजा बेजते गिरफ्तार किया। इसी प्रकार एक मामले में कोतवाली पुलिस ने भी रोडवेज बस स्टैंड पर हनुमानगढ़ जाने वाली बस में 36 किलो डोडा पोस्त के साथ मध्य प्रदेश निवासी मुन्नी बाई को गिरफ्तार किया।

महिलाओं पर नहीं होता शक
आमतौर पर पुलिस की ओर से भी महिलाओं पर शक नहीं किया जाता है। इसको देखते हुए मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हुए अपराधी गिरोह में महिलाओं को शामिल करने लग गए हैं। जिले में पिछले दिनों पुलिस की ओर से तस्करी से जुड़े हुए मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो पंजाब व हरियाणा राज्यो की महिलाएं इसमें सर्वाधिक सक्रिय है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ओर से ऐसे मामलों को रोकने के लिए नाकाबंदी करवाई जाती है। लेकिन इस दौरान अधिकांश तौर पर पुरुष पुलिस कर्मी ही तैनात रहते हैं। महिला कॉन्स्टेबल के नहीं होने से पुरुष महिलाओ की तलाशी नहीं ले पाते हैं जिसका की तस्कर पूरा फायदा उठाते हैं। मामला सामने आया है उसमें यह पाया गया है कि महिला तस्करों की ओर से केवल बस में ही सफर किया जाता है।

बाइट जिला पुलिस अधीक्षक गौरव जैन


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