झुंझुनू. जिले में जिला प्रमुख बनाने जा रहे भारतीय जनता पार्टी में नामांकन के समय हाईप्रोफाइल ड्रामा चला. भाजपा के पास कुल 35 वार्ड में से 20 वार्ड हैं. पार्टी की ओर से सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्रवधू हर्षिनी कुमारी को टिकट दिया गया. इसके बाद निर्दलीय के रूप में भाजपा के पूर्व महामंत्री राजेश बाबल की पत्नी पूजा बाबल ने भी नामांकन किया.
इसके बाद मीडिया से बातचीत में राजेश बाबल की आंखें छलक आई और उन्होंने कहा कि आम कार्यकर्ता हैं और उनके साथ लगा हुआ है. यही नहीं उन्होंने दावा किया कि वे किसी भी हालात में नामांकन वापसी नहीं करेंगे. हालांकि बाद में नाम वापसी से मात्र 2 मिनट पहले राजेश बाबल की पत्नी पूजा बाबल ने अपना नाम वापस ले लिया.
पहले भी कई बार कर चुके हैं नामांकन
राजेश बाबल इससे पहले एक बार झुंझुनू नगर परिषद में भी सभापति पद के दावेदार थे, लेकिन उस समय भी उनका टिकट काट दिया गया था. इसके बाद उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया और उस समय भी उनकी आंखें छलक आई थी, लेकिन बाद में तत्कालीन समय में भी नाम वापस ले लिया था. राजेश बाबल अब तक सात चुनाव लड़ चुके हैं और उनमें किसी में भी उनको हार नहीं मिली है, लेकिन जब भी उनको कुछ मिलने का अवसर आता है तो कोई ना कोई अन्य दावेदार आ जाता है और उनकी दावेदारी खारिज हो जाती है.
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अब कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर
वहीं अब सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्रवधू हर्षिनी कुलहरी और कांग्रेस की अंजू कसवा के बीच में जिला प्रमुख के लिए सीधी टक्कर है. संख्या बल देखा जाए तो कुल 35 में से 20 भाजपा के पास जितेंद्र वार्ड हैं तो वहीं कांग्रेस के पास मात्र 13 वार्ड हैं वहीं दो निर्दलीय हैं.