झुंझुनू. शेखावाटी में बड़ी संख्या में निवासरत धानका समाज के लोग आरक्षण को लेकर आंदोलन पर उतर गये हैं. इस सिलसिले में विवाद भी लगातार जारी है. पहले मीणा समाज ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देते हुए बताया कि धाणका समाज गुजरात से आया हुआ है और यह अनुसूचित जाति में आता है. उनके लिये अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाये. वहीं, दूसरी और धाणका समाज ने अनुसूचित जनजाति में होने का हवाला देकर प्रमाण पत्र अनवरत जारी रखने की मांग की थी. अभी हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया है.
गजट का दिया हवाला - भारत सरकार द्वारा राजस्थान के लिए जारी गजट नोटिफिकेशन में अनुसूचित जाति और जनजाति आदेश संशोधन अधिनियम 1976 और हिंदी संस्करण 1979 के अनुसार धाणका को अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रम संख्या 4 पर अभीसूचित किया गया है. इसमें धानक, धाणक, धानकिया जातियों को अनुसूचित जाति में क्रम संख्या 20 और 21 पर अभीसूचित भी किया गया है. गौरतलब है कि धानका जाति नाम से कोई भी जाति राजस्थान राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में अभिसूचित नहीं है. इसी परिपत्र का विरोध करते हुए धानका समाज के जिला अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह केवल लिखने का ही अंतर है और केवल इसी आधार पर पूरे समाज को जनजाति के प्रमाण पत्र से वंचित करना न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मांग करते है कि हमारी जाति को दो जगहों मे न बांटकर एक ही में माना जाये. आगे उन्होंने कहा कि यदि उनके समाज को अनुसुचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गये तो यह समाज एक होकर आंदोलन करेगा.