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कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी और संत महात्माओं को स्नान नहीं कराने को लेकर उपजा विवाद

झुंझुनू जिले में रविवार को लोहार्गल से 24 कोसीय परिक्रमा शुरू हो गई. बता दें कि परिक्रमा की अगुवाई करने वाले ठाकुर जी की पालकी को लेकर संत महात्मा परिक्रमा के लिए रवाना हुए. बता दें कि पड़ाव से पहले कोट बांध पर पहुंची ठाकुर जी की पालकी को रखकर कोट बांध के जल से ठाकुर जी को स्नान कराने के समय कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल नहीं लेने दिया और संत महात्माओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लग गए, जिससे संत महात्माओं ने भारी आक्रोश जताया है.

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Published : Aug 26, 2019, 9:45 PM IST

उदयपुरवाटी (झुंझुनू). जिले में रविवार को लोहार्गल से 24 कोसीय परिक्रमा शुरू हो गई. बता दें कि परिक्रमा की अगुवाई करने वाले ठाकुर जी की पालकी को लेकर संत महात्मा परिक्रमा के लिए रवाना हुए. वहीं परिक्रमा की शुरुआत से पहले दूर दराज से परिक्रमा करने वाले लोहार्गल पहुंचे संत महात्मा खाकी जी के मंदिर से ठाकुर जी की पालकी में बैठाकर कुंड पर स्नान कराने के बाद 24 कोसीय परिक्रमा के लिए निकले.

कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी और संत महात्माओं को स्नान नहीं कराने को लेकर उपजा विवाद

बता दें कि परिक्रमा के पहले दिन रात भर किरोड़ी में ठाकुरजी को विश्राम करवाया गया जिसके बाद सुबह पूजा के बाद पालकी को लेकर संत महात्मा आगे के लिए रवाना हुए. वहीं 24 कोसीय परिक्रमा के दूसरे दिन सोमवार को शाकम्भरी माता में पड़ाव डाला गया है. बता दें कि पड़ाव से पहले कोट बांध पर पहुंची ठाकुर जी की पालकी को रखकर कोट बांध के जल से ठाकुर जी को स्नान कराने के समय कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल नहीं लेने दिया और संत महात्माओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लग गए. इसको लेकर संत महात्माओं ने भारी आक्रोश जताया है.

पढ़ें- बीसलपुर बांध का तीसरा गेट भी खुला...पानी की आवक तेज

ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे महाराज दिनेश दास ने कहा कि प्रशासन पिछले कई सालों से यहां पर घाट बनाने के लिए हमें झूठा आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 24 कोसीय परिक्रमा अनादि काल से चली आ रही है जिस पर प्रशासन की ओर से ठेस पहुंचाई जा रही है. महात्मा ने कहा कि कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को स्नान कराने के लिए कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल भरने से इनकार कर दिया और संत महात्माओं के साथ डंडा लेकर मारपीट पर उतारू हो गए.

जानकारी के अनुसार पिछले अनादि काल से चली आ रही 24 कोसीय परिक्रमा को लेकर संत महात्मा कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को रखकर उन्हें कोट बांध के पानी से स्नान कराया जाता है. लेकिन इस बार यहां पर कोट बांध पर संत महात्माओं को नहीं तो पानी लेने दिया और ना ही स्नान करने दिया जिसके चलते संत महात्माओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है. वहीं इस दौरान कोट बांध पर स्थित नागेश्वर मंदिर में डॉ योगी जीवन नाथ ने 24 कोसीय परिक्रमा में ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे संत महात्माओं का भोजन करवाकर विदाई की, जिसके बाद संत महात्माओं ने कोट बांध से बिना स्नान किए ही शाकम्भरी माता के लिए आगे रवाना हो गए.

उदयपुरवाटी (झुंझुनू). जिले में रविवार को लोहार्गल से 24 कोसीय परिक्रमा शुरू हो गई. बता दें कि परिक्रमा की अगुवाई करने वाले ठाकुर जी की पालकी को लेकर संत महात्मा परिक्रमा के लिए रवाना हुए. वहीं परिक्रमा की शुरुआत से पहले दूर दराज से परिक्रमा करने वाले लोहार्गल पहुंचे संत महात्मा खाकी जी के मंदिर से ठाकुर जी की पालकी में बैठाकर कुंड पर स्नान कराने के बाद 24 कोसीय परिक्रमा के लिए निकले.

कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी और संत महात्माओं को स्नान नहीं कराने को लेकर उपजा विवाद

बता दें कि परिक्रमा के पहले दिन रात भर किरोड़ी में ठाकुरजी को विश्राम करवाया गया जिसके बाद सुबह पूजा के बाद पालकी को लेकर संत महात्मा आगे के लिए रवाना हुए. वहीं 24 कोसीय परिक्रमा के दूसरे दिन सोमवार को शाकम्भरी माता में पड़ाव डाला गया है. बता दें कि पड़ाव से पहले कोट बांध पर पहुंची ठाकुर जी की पालकी को रखकर कोट बांध के जल से ठाकुर जी को स्नान कराने के समय कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल नहीं लेने दिया और संत महात्माओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लग गए. इसको लेकर संत महात्माओं ने भारी आक्रोश जताया है.

पढ़ें- बीसलपुर बांध का तीसरा गेट भी खुला...पानी की आवक तेज

ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे महाराज दिनेश दास ने कहा कि प्रशासन पिछले कई सालों से यहां पर घाट बनाने के लिए हमें झूठा आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 24 कोसीय परिक्रमा अनादि काल से चली आ रही है जिस पर प्रशासन की ओर से ठेस पहुंचाई जा रही है. महात्मा ने कहा कि कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को स्नान कराने के लिए कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल भरने से इनकार कर दिया और संत महात्माओं के साथ डंडा लेकर मारपीट पर उतारू हो गए.

जानकारी के अनुसार पिछले अनादि काल से चली आ रही 24 कोसीय परिक्रमा को लेकर संत महात्मा कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को रखकर उन्हें कोट बांध के पानी से स्नान कराया जाता है. लेकिन इस बार यहां पर कोट बांध पर संत महात्माओं को नहीं तो पानी लेने दिया और ना ही स्नान करने दिया जिसके चलते संत महात्माओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है. वहीं इस दौरान कोट बांध पर स्थित नागेश्वर मंदिर में डॉ योगी जीवन नाथ ने 24 कोसीय परिक्रमा में ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे संत महात्माओं का भोजन करवाकर विदाई की, जिसके बाद संत महात्माओं ने कोट बांध से बिना स्नान किए ही शाकम्भरी माता के लिए आगे रवाना हो गए.

Intro:उदयपुरवाटी झुंझुनू

कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी व संत महात्माओं को स्नान नहीं कराने को लेकर उपजा विवाद।

अरावली की वादियों में गूंजे मालकेत बाबा के जयकारे....

मालकेत बाबा की 24 कोसीय परिक्रमा लोहार्गल से ठाकुर जी की पालकी लेकर निकले संत महात्मा..।


दूसरे दिन शाकंभरी माता मंदिर पहुंची ठाकुर जी की पालकी....

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उदयपुरवाटी मालकेत बाबा के जयकारों के साथ रविवार को लोहार्गल से 24 कोसीय परिक्रमा शुरू हो गई परिक्रमा की अगुवाई करने वाले ठाकुर जी की पालकी को लेकर संत महात्मा परिक्रमा के लिए रवाना हो गए।परिक्रमा की शुरुआत से पहले दूर दराज से परिक्रमा करने वाले लोहार्गल पहुंचे संत महात्मा खाकी जी के मंदिर से ठाकुर जी की पालकी में बैठाकर कुंड पर स्नान कराने के बाद 24 कोसीय परिक्रमा के लिए निकले। पहले दिन में रात भर किरोड़ी में ठाकुरजी को विश्राम करवाया गया जिसके बाद सुबह पूजा अर्चना करने के बाद पालकी को लेकर संत महात्मा आगे के लिए रवाना हुए। वहीं 24 कोसीय परिक्रमा का आज दूसरा दिन शाकम्भरी माता में पड़ाव डाला गया है। पड़ाव से पहले कोट बांध पर पहुंची ठाकुर जी की पालकी को रखकर कोट बांध के जल से ठाकुर जी को स्नान कराया जाता है लेकिन कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल नहीं बढ़ने दिया और संत महात्माओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लग गए इसको लेकर संत महात्माओं ने भारी आक्रोश जताया है। कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मी ने कोट बांध से ठाकुर जी की पालकी को स्नान कराने के लिए पानी लेने से इंकार कर दिया जिसके बाद कोर्ट बांध पर संत महात्माओं ने भारी विरोध व्यक्त किया है जिसमें ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे महाराज दिनेश दास ने जताई नाराजगी। कहा कि प्रशासन को पिछले काफी सालों से यहां पर घाट बनाने के लिए हमें झूठा आश्वासन दे रहे हैं लेकिन 24 कोसीय परिक्रमा अनादि काल से चली आ रही है जिस पर प्रशासन की ओर से ठेस पहुंचाई जा रही है। वही महात्मा ने कहा है कि कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को स्नान कराने के लिए कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल भरने से इनकार कर दिया और संत महात्माओं के साथ डंडा लेकर मारपीट पर उतारू हो गए। इस दौरान संत महात्माओं की सुरक्षा में प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। पिछले अनादि काल से चली आ रही 24 कोसीय परिक्रमा को लेकर संत महात्मा कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को रखकर ठाकुर जी को कोट बांध के पानी से स्नान कराया जाता है वही संत महात्मा कोट बांध के पानी से स्नान करते हैं लेकिन इस बार यहां पर कोट बांध पर संत महात्माओं को नहीं तो पानी लेने दिया और ना ही स्नान करने दिया जिसके चलते संत महात्माओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है। इस दौरान कोट बांध पर स्थित नागेश्वर मंदिर में डॉ योगी जीवन नाथ ने 24 कोसीय परिक्रमा में ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे संत महात्माओं का भोजन करवाकर विदाई की जिसके बाद संत महात्माओं ने कोट बांध से बिना स्नान किए ही शाकम्भरी माता के लिए आगे रवाना हो गए 24 कोसीय परिक्रमा का दूसरा पड़ाव आज शाकम्भरी माता में है।

Conclusion:1बाईट... श्री श्री 1008 श्री दिनेश दास महाराज

2 बाईट... डॉ.योगी जीवन नाथ महाराज

ईटीवी भारत के लिए उदयपुरवाटी से विकास कनवा
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