उदयपुरवाटी (झुंझुनू). जिले में रविवार को लोहार्गल से 24 कोसीय परिक्रमा शुरू हो गई. बता दें कि परिक्रमा की अगुवाई करने वाले ठाकुर जी की पालकी को लेकर संत महात्मा परिक्रमा के लिए रवाना हुए. वहीं परिक्रमा की शुरुआत से पहले दूर दराज से परिक्रमा करने वाले लोहार्गल पहुंचे संत महात्मा खाकी जी के मंदिर से ठाकुर जी की पालकी में बैठाकर कुंड पर स्नान कराने के बाद 24 कोसीय परिक्रमा के लिए निकले.
बता दें कि परिक्रमा के पहले दिन रात भर किरोड़ी में ठाकुरजी को विश्राम करवाया गया जिसके बाद सुबह पूजा के बाद पालकी को लेकर संत महात्मा आगे के लिए रवाना हुए. वहीं 24 कोसीय परिक्रमा के दूसरे दिन सोमवार को शाकम्भरी माता में पड़ाव डाला गया है. बता दें कि पड़ाव से पहले कोट बांध पर पहुंची ठाकुर जी की पालकी को रखकर कोट बांध के जल से ठाकुर जी को स्नान कराने के समय कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल नहीं लेने दिया और संत महात्माओं के साथ अभद्र व्यवहार करने लग गए. इसको लेकर संत महात्माओं ने भारी आक्रोश जताया है.
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ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे महाराज दिनेश दास ने कहा कि प्रशासन पिछले कई सालों से यहां पर घाट बनाने के लिए हमें झूठा आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 24 कोसीय परिक्रमा अनादि काल से चली आ रही है जिस पर प्रशासन की ओर से ठेस पहुंचाई जा रही है. महात्मा ने कहा कि कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को स्नान कराने के लिए कोट बांध पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जल भरने से इनकार कर दिया और संत महात्माओं के साथ डंडा लेकर मारपीट पर उतारू हो गए.
जानकारी के अनुसार पिछले अनादि काल से चली आ रही 24 कोसीय परिक्रमा को लेकर संत महात्मा कोट बांध पर ठाकुर जी की पालकी को रखकर उन्हें कोट बांध के पानी से स्नान कराया जाता है. लेकिन इस बार यहां पर कोट बांध पर संत महात्माओं को नहीं तो पानी लेने दिया और ना ही स्नान करने दिया जिसके चलते संत महात्माओं में भारी आक्रोश देखने को मिला है. वहीं इस दौरान कोट बांध पर स्थित नागेश्वर मंदिर में डॉ योगी जीवन नाथ ने 24 कोसीय परिक्रमा में ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई कर रहे संत महात्माओं का भोजन करवाकर विदाई की, जिसके बाद संत महात्माओं ने कोट बांध से बिना स्नान किए ही शाकम्भरी माता के लिए आगे रवाना हो गए.