झुंझुनू. कोरोना संक्रमण काल से उत्पन्न स्थिति तथा जनहित के अन्य विषयों में राज्य सरकार पर विफलता का आरोप भारतीय जनता पार्टी ने लगाया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में पूरे तरीके से विफल हुई है.
राज्य के मुख्यमंत्री राजनीतिक बयानबाजी करने के अलावा बीमारी के नियंत्रण में व्यवहारिक तौर पर कुछ भी सार्थक नहीं कर पा रहे हैं. उनका स्वयं का ग्रह क्षेत्र जोधपुर ही कोरोना महामारी का एक बहुत बड़ा स्पॉट बना हुआ है. लॉकडाउन का सख्ती से पालना करवाने में भी सरकार पूरी तरह से विफल रही है और स्क्रीनिंग सैंपलिंग और टेस्टिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है.
खाने की व्यवस्था में भी सरकार नाकाम
झुंझुनू के सांसद नरेंद्र खीचड़ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें पूरी तरह से विफलता का आरोप लगाते हुए इसमें कहा गया है कि राज्य में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने और खाने की व्यवस्था करने में भी सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है.
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जिले में उपज की खरीद में भारी अव्यवस्था है. खरीद केंद्र कम है कहीं टोकन नहीं कहीं कांटे नहीं कहीं बाट नहीं होने की शिकायत पूरे जिले से मिल रही हैं. इतना ही नहीं इस संक्रमण काल में भी दवाईयों और खाद्य वस्तुओं की जमकर कालाबाजारी हो रही है.
बिल माफ करने की की गई मांग
ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि राज्य सरकार आम नागरिकों एवं किसानों तथा समस्त श्रेणी के उपभोक्ताओं के पानी, बिजली के बिल और स्कूल फीस सहित राज्य की वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण को माफ करें. गर्मी के कारण जिले में बढ़ रही पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार आपातकालीन कार्ययोजना को सख्ती से लागू करें.
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ज्ञापन में कहा गया कि किसान हितैषी होने का ढोंग करने वाली सरकार दो प्रतिशत अतिरिक्त मंडी कर बढ़ा कर किसानों की कमर तोड़ दी है, जिसे वापिस लिया जाए तथा राज्य में आयुष्मान भारत योजना का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया जाए ताकि मरीजों को इलाज करवाने में सुगमता हो.