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राहत: कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को अब पालनहार योजना से मिलेगा लाभ, जिला कलेक्टर के दिए संघन सर्वे करने के निर्देश

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Published : May 31, 2021, 4:16 PM IST

प्रदेश में कोरोना काल में कई बच्चे अनाथ हो चुके हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को राहत देने के लिए काम शुरू कर दिया है. झुंझुनू में ऐसे परिवार का सर्वे करवाया जा रहा है जिससे प्रभावित बच्चों को राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना पालनहार के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा.

झुंझुनू न्यूज, jhunjhunu corona case
कोरोना से प्रभावित बच्चों को मिलेगा पालनहार योजना का लाभ

झुंझुनू. जिले में ऐसे परिवार जो कोरोना महामारी से प्रभावित हुए हैं, उनको भारत और राज्य सरकार की ओर से शीघ्र राहत देने की दिशा में जिला प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया गया है.

जिला कलेक्टर उमरदीन खान के निर्देशों के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के माध्यम से जिले में ऐसे परिवार का सर्वे करवाया जा रहा है, जिससे प्रभावित बच्चों को राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना पालनहार के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा. जिला कलेक्टर ने बताया कि इन बच्चों को सरकार की अन्य योजनाओं से जोड़कर लभान्वित करवाने के भी प्रयास किए जाएंगे.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि जिले में ऐसे परिवारों का सर्वे किया जा रहा है, जिनमें माता और पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से होने, माता या पिता में से एक की मृत्यु कोरोना से होने, माता या पिता में से एक की मृत्यु कोविड-19 से और एक की मृत्यु कोविड 19 से पहले हो चुकी हो और ऐसे परिवार जिनमें एक मात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु कोरोना से होने वाले परिवारों को चिन्हित किया गया है. अब इन चयनित परिवारों को पालनहार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाकर लाभ दिलवाया जाएगा.

ऐसे अनाथ बच्चों के लालन-पालन में मिलेगी आर्थिक सहायता

पात्र बच्चों को पालनहार योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे के लिए पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे के लिए 500 रुपए प्रतिमाह की दर से और स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 साल की आयु पूर्ण करने तक 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. इसके अतिरिक्त कपड़े, जूते, स्वेटर और अन्य आवश्यक कार्य के लिए 2000 रुपए प्रति वर्ष विधवा और नाता की श्रेणी को छोड़कर प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, कपड़े एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है. राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना सम्पूर्ण भारत वर्ष में अनूठी योजना है.

मृतक के परिजनों और अनाथ बच्चों तक क्षेत्र के जागरूक लोग पहुचाएं जानकारी

राज्य सरकार महामारी के इस दौर मे आमजन की प्रत्येक पीड़ा को समझते हुए उन्हें सहायता देने के रूप में अग्रसर है. जहां एक ओर दिन प्रतिदिन कोविड से मौतें हो रही है. वहीं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस महामारी के समय जो भी मृत्यु हो रही है उनके परिजनों को विभाग की योजनाओं से जोड़े कर लाभान्वित कर रहा है.

पढ़ें- जोधपुर के 4 युवाओं ने की तीसरी लहर की तैयारी, 50 लाख का फंड जुटाकर खोला पहला चाइल्ड कोविड केयर सेंटर

विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि विभाग की समस्त योजनाएं ऑनलाइन की जा चुकी है. आवेदक खुद की एसएसओ आईडी से या नजदीकी ई मित्र से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस संबंध में वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप वार्षिक सत्यापन से छुट दी है. आप अपने पास पड़ोस मे कोविड 19 महामारी से हुई मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को योजना की जानकारी देवे और योजना मे लाभान्वित करवाएं.

झुंझुनू. जिले में ऐसे परिवार जो कोरोना महामारी से प्रभावित हुए हैं, उनको भारत और राज्य सरकार की ओर से शीघ्र राहत देने की दिशा में जिला प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया गया है.

जिला कलेक्टर उमरदीन खान के निर्देशों के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के माध्यम से जिले में ऐसे परिवार का सर्वे करवाया जा रहा है, जिससे प्रभावित बच्चों को राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना पालनहार के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा. जिला कलेक्टर ने बताया कि इन बच्चों को सरकार की अन्य योजनाओं से जोड़कर लभान्वित करवाने के भी प्रयास किए जाएंगे.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि जिले में ऐसे परिवारों का सर्वे किया जा रहा है, जिनमें माता और पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से होने, माता या पिता में से एक की मृत्यु कोरोना से होने, माता या पिता में से एक की मृत्यु कोविड-19 से और एक की मृत्यु कोविड 19 से पहले हो चुकी हो और ऐसे परिवार जिनमें एक मात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु कोरोना से होने वाले परिवारों को चिन्हित किया गया है. अब इन चयनित परिवारों को पालनहार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाकर लाभ दिलवाया जाएगा.

ऐसे अनाथ बच्चों के लालन-पालन में मिलेगी आर्थिक सहायता

पात्र बच्चों को पालनहार योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे के लिए पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे के लिए 500 रुपए प्रतिमाह की दर से और स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 साल की आयु पूर्ण करने तक 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. इसके अतिरिक्त कपड़े, जूते, स्वेटर और अन्य आवश्यक कार्य के लिए 2000 रुपए प्रति वर्ष विधवा और नाता की श्रेणी को छोड़कर प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, कपड़े एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है. राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना सम्पूर्ण भारत वर्ष में अनूठी योजना है.

मृतक के परिजनों और अनाथ बच्चों तक क्षेत्र के जागरूक लोग पहुचाएं जानकारी

राज्य सरकार महामारी के इस दौर मे आमजन की प्रत्येक पीड़ा को समझते हुए उन्हें सहायता देने के रूप में अग्रसर है. जहां एक ओर दिन प्रतिदिन कोविड से मौतें हो रही है. वहीं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस महामारी के समय जो भी मृत्यु हो रही है उनके परिजनों को विभाग की योजनाओं से जोड़े कर लाभान्वित कर रहा है.

पढ़ें- जोधपुर के 4 युवाओं ने की तीसरी लहर की तैयारी, 50 लाख का फंड जुटाकर खोला पहला चाइल्ड कोविड केयर सेंटर

विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि विभाग की समस्त योजनाएं ऑनलाइन की जा चुकी है. आवेदक खुद की एसएसओ आईडी से या नजदीकी ई मित्र से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस संबंध में वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप वार्षिक सत्यापन से छुट दी है. आप अपने पास पड़ोस मे कोविड 19 महामारी से हुई मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को योजना की जानकारी देवे और योजना मे लाभान्वित करवाएं.

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