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स्पेशल रिपोर्टः टिड्डी की चपेट में फसलें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

चिड़ावा के इलाकों में इन दिनों टिड्डी कीड़े का प्रकोप छाया हुया है. इस कीट से किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं. उधर, सिस्टम की उदासीनता ने किसानों के दर्द को और भी बढ़ा दिया है.

Chirawa farmers news, चिड़ावा झुंझुनू न्यूज
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Published : Aug 29, 2019, 5:35 PM IST

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा, पिलानी और सुल्ताना समेत आसपास के इलाकों में टिड्डी का प्रकोप देखा जा रहा है. इस कीट से किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. उधर, सिस्टम की उदासीनता से किसानों का दर्द को और भी बढ़ा दिया है. इस कीट से फसलें चौपट हो रही हैं और किसान बड़ी समस्या से जूझ रहा है, तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी अभी तक भी किसानों के बीच नहीं पहुंचे हैं.

टिड्डी दल के प्रकोप से चिंतित किसान

सुल्ताना गांव के किसान श्रीलाल पारीक ने इस बार 25 बीघा में बाजरे की फसल की खेती की है. पारीक बताते हैं कि इस बार अच्छी बारिश होने से बाजरे की फसल भी काफी अच्छी हुई है. लेकिन, अब इस कीट के प्रकोप से बाजरे की फसल चौपट हो रही है. पारीक ने कृषि अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत करवाया. बावजूद, कृषि अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. किसान श्रीलाल पारीक ने केसीसी से ढ़ाई लाख रुपए का ऋण लेकर फसल की बुवाई की, लेकिन अब फसल चौपट होने से ये चिंता सता रही है कि ऋण लिया हुआ पैसा वो वापस कैसे लौटा पाएंगे.

पढ़ें- शिक्षक तबादले के विरोध में उतरे छात्र-छात्राएं, स्कूल के गेट पर की तालाबंदी

एक सप्ताह से बढ़ा गया है कीट का प्रभाव

चिड़ावा, पिलानी, सुलताना समेत आस-पास के गांवों में टीडी कीड़े ने दस्तक दी है. जिससे किसान चिंतित हो गए हैं. इन कीटों ने पिछले 6 से 7 दिनों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ये कीट झुंड में रहते हैं और फसलों को नष्ट कर देते हैं. इस कीट से किसानों की बाजरे, ग्वार, मूंग की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस पर कीटनाशक दवाओं का कोई असर नहीं होता है. जिसके कारण फसल पूरी तरह तैयार भी नहीं हो पा रही है.

पढ़ें- छात्र संघ चुनाव 2019ः बीकानेर संभाग के सबसे बड़े कॉलेज डूंगर और एमएस में NSUI का कब्जा

कृषि अधिकारी तो नहीं पहुंचे, लेकिन कृषि उपज मंडी सदस्य जरुर पहुंचे

क्षेत्र में टिड्डी के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद कृषि उपज मंडी सदस्य बलजीत शर्मा ने खेतों का जायजा लिया. इस दौरान किसानों ने अपना दर्द कृषि उपज मंडी सदस्य के साथ भी साझा किया. किसानों ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों की बेरूखी से वे काफी चिंतित है. उन्हें इस समस्या से कैसे निजात मिलेगी. इसकी सहीं जानकारी कृषि विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है. उनकी समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है.

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा, पिलानी और सुल्ताना समेत आसपास के इलाकों में टिड्डी का प्रकोप देखा जा रहा है. इस कीट से किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. उधर, सिस्टम की उदासीनता से किसानों का दर्द को और भी बढ़ा दिया है. इस कीट से फसलें चौपट हो रही हैं और किसान बड़ी समस्या से जूझ रहा है, तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी अभी तक भी किसानों के बीच नहीं पहुंचे हैं.

टिड्डी दल के प्रकोप से चिंतित किसान

सुल्ताना गांव के किसान श्रीलाल पारीक ने इस बार 25 बीघा में बाजरे की फसल की खेती की है. पारीक बताते हैं कि इस बार अच्छी बारिश होने से बाजरे की फसल भी काफी अच्छी हुई है. लेकिन, अब इस कीट के प्रकोप से बाजरे की फसल चौपट हो रही है. पारीक ने कृषि अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत करवाया. बावजूद, कृषि अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. किसान श्रीलाल पारीक ने केसीसी से ढ़ाई लाख रुपए का ऋण लेकर फसल की बुवाई की, लेकिन अब फसल चौपट होने से ये चिंता सता रही है कि ऋण लिया हुआ पैसा वो वापस कैसे लौटा पाएंगे.

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एक सप्ताह से बढ़ा गया है कीट का प्रभाव

चिड़ावा, पिलानी, सुलताना समेत आस-पास के गांवों में टीडी कीड़े ने दस्तक दी है. जिससे किसान चिंतित हो गए हैं. इन कीटों ने पिछले 6 से 7 दिनों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ये कीट झुंड में रहते हैं और फसलों को नष्ट कर देते हैं. इस कीट से किसानों की बाजरे, ग्वार, मूंग की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस पर कीटनाशक दवाओं का कोई असर नहीं होता है. जिसके कारण फसल पूरी तरह तैयार भी नहीं हो पा रही है.

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कृषि अधिकारी तो नहीं पहुंचे, लेकिन कृषि उपज मंडी सदस्य जरुर पहुंचे

क्षेत्र में टिड्डी के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद कृषि उपज मंडी सदस्य बलजीत शर्मा ने खेतों का जायजा लिया. इस दौरान किसानों ने अपना दर्द कृषि उपज मंडी सदस्य के साथ भी साझा किया. किसानों ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों की बेरूखी से वे काफी चिंतित है. उन्हें इस समस्या से कैसे निजात मिलेगी. इसकी सहीं जानकारी कृषि विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है. उनकी समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है.

Intro:चिड़ावा, पिलानी व आसपास के इलाको में टीडी की प्रजाति फिडके व कातरे का प्रकोप
किसानों की फसले हो रही है नष्ट, किसान है चिंतित
चिड़ावा/झुंझुनूं।
जिले के चिड़ावा, पिलानी, सुल्ताना समेत आसपास के इलाको में टीडी की प्रजाति फिडक़े और कातरे का प्रकोप देखा जा रहा है। इस कीट से किसानों की फसले नष्ट हो रही है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे साफ देखी जा सकती है। उधर, सिस्टम की उदासीनता से किसानों के दर्द को और भी बढ़ा दिया है। इस कीट से फसले चौपट हो रही है और किसान बड़ी समस्या से जूझ रहा है, तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी अभी तक भी किसानों के बीच नहीं पहुंचे है। ऐसा आरोप किसानों का है।
Body:जानिए सुल्ताना के इस किसान का दर्द
ये है सुल्ताना गांव के किसान श्रीलाल पारीक। इन्होंने इस बार 25 बीद्या में बाजरे की फसल की खेती की है। किसान श्रीलाल पारीक बताते है कि इस बार अच्छी बारिश होने से बाजरे की फसल भी काफी अच्छी हुई है। लेकिन अब इस कीट के के प्रकोप से बाजरे की फसल चौपट हो रही है। अब किसान का दर्द भी जानिए। श्रीलाल पारीक ने कृषि अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन कृषि अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई। किसान श्रीलाल पारीक ने केसीसी से ढ़ाई लाख रुपए का ऋण लेकर फसल की बुवाई की। लेकिन अब फसल चौपट होने से ये चिंता सता रही है कि ऋण लिया हुआ पैसा वो वापस कैसे लौटा पाएंगे।

एक सप्ताह से बढ़ा इस कीट का प्रभाव
चिड़ावा, पिलानी, सुलताना समेत आस-पास के गांवों में टीडी का ही एक रूप, फिडक़े और कातरे ने दस्तक दे दी हैं। जिससे किसान चिंतित हो गए हैं। इन कीटों ने पिछले 6,7 दिनों से फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। ये कीट फसल पर झुंड में रहते हैं और फसलों को नष्ट कर रहे है। इस कीट से किसानों की बाजरे, ग्वार, मूंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। यह जीव फसलों को नष्ट कर रहा है। इस पर कीटनाशक दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा है। इसके कारण फसल पूरी तरह तैयार भी नहीं हो पा रही है। इन कीटों के झुंड खेतों में देखे जा सकते हैं।
कृषि अधिकारी तो नहीं पहुंचे, लेकिन कृषि उपज मंडी सदस्य जरुर पहुंचे
क्षेत्र में कातरे और फिडक़े के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद कृषि उपज मंडी सदस्य बलजीत शर्मा ने खेतों का जायजा लिया और किसानों से इसकी जानकारी ली। इस दौरान किसानों ने अपना दर्द कृषि उपज मंडी सदस्य के साथ भी साझा किया और बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों की बेरूखी से वे काफी चिंतित है। उन्हें इस समस्या से कैसे निजात मिलेगी, इसकी सहीं जानकारी कृषि विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है। उनकी समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है। कीटो के बढ़ते प्रकोप के चलते फसलें दिनों दिन नष्ट होती जा रही हैं। अब कुछ किसानो को तो ये भी चिंता सताने लगी है कि फसल इस प्रकार से नष्ट होती रही तो वे बैंको से खेती के लिए जो ऋण लिया है वो कैसे चुका पाएंगे।

बाइट 01- श्रीलाल पारीक, सुल्ताना गांव के किसान।Conclusion:
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