चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा, पिलानी और सुल्ताना समेत आसपास के इलाकों में टिड्डी का प्रकोप देखा जा रहा है. इस कीट से किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. उधर, सिस्टम की उदासीनता से किसानों का दर्द को और भी बढ़ा दिया है. इस कीट से फसलें चौपट हो रही हैं और किसान बड़ी समस्या से जूझ रहा है, तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी अभी तक भी किसानों के बीच नहीं पहुंचे हैं.
सुल्ताना गांव के किसान श्रीलाल पारीक ने इस बार 25 बीघा में बाजरे की फसल की खेती की है. पारीक बताते हैं कि इस बार अच्छी बारिश होने से बाजरे की फसल भी काफी अच्छी हुई है. लेकिन, अब इस कीट के प्रकोप से बाजरे की फसल चौपट हो रही है. पारीक ने कृषि अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत करवाया. बावजूद, कृषि अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. किसान श्रीलाल पारीक ने केसीसी से ढ़ाई लाख रुपए का ऋण लेकर फसल की बुवाई की, लेकिन अब फसल चौपट होने से ये चिंता सता रही है कि ऋण लिया हुआ पैसा वो वापस कैसे लौटा पाएंगे.
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एक सप्ताह से बढ़ा गया है कीट का प्रभाव
चिड़ावा, पिलानी, सुलताना समेत आस-पास के गांवों में टीडी कीड़े ने दस्तक दी है. जिससे किसान चिंतित हो गए हैं. इन कीटों ने पिछले 6 से 7 दिनों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ये कीट झुंड में रहते हैं और फसलों को नष्ट कर देते हैं. इस कीट से किसानों की बाजरे, ग्वार, मूंग की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस पर कीटनाशक दवाओं का कोई असर नहीं होता है. जिसके कारण फसल पूरी तरह तैयार भी नहीं हो पा रही है.
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कृषि अधिकारी तो नहीं पहुंचे, लेकिन कृषि उपज मंडी सदस्य जरुर पहुंचे
क्षेत्र में टिड्डी के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद कृषि उपज मंडी सदस्य बलजीत शर्मा ने खेतों का जायजा लिया. इस दौरान किसानों ने अपना दर्द कृषि उपज मंडी सदस्य के साथ भी साझा किया. किसानों ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों की बेरूखी से वे काफी चिंतित है. उन्हें इस समस्या से कैसे निजात मिलेगी. इसकी सहीं जानकारी कृषि विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है. उनकी समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है.