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मौत के बाद रेफर : पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल पर गंभीर आरोप...मृत लड़की को रेफर किया, वसूले साढ़े 4 लाख - Kalpavriksha Hospital in Pilani

अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद भी चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया. साथ ही इलाज की एवज में परिजनों से साढ़े 4 लाख रुपए की रकम भी वसूल ली. कहानी फिल्मी लगती है लेकिन ये आरोप हरियाणा के संजय सिंह ने पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल पर लगाए हैं.

Pilani Kalpavriksha Hospital case
मौत के बाद रेफर
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Published : Jun 11, 2021, 4:40 PM IST

पिलानी (झुंझुनू). हरियाणा के बिराण गांव निवासी संजय सिंह ने पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संजय का कहना है कि उसकी मृत बेटी को हिसार रेफर किया गया और रेफर करने से पहले इलाज की एवज में साढ़े 4 लाख की रकम ऐंठी गई. मामला पिलानी थाने में दर्ज कराया गया है.

18 साल की लड़की आरती की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के एक मामले में पिता संजय सिंह का आरोप है कि पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल में ही बेटी की मौत हो गई थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उनसे न केवल साढ़े 4 लाख रुपए वसूले और बच्ची को हिसार रेफर कर दिया.

अस्पताल पर गंभीर आरोप

ये है मामला

18 साल की आरती को खांसी की शिकायत होने के बाद उसके पिता संजय सिंह बेटी को हरियाणा से राजस्थान लाए थे. झुंझुनू के पिलानी शहर में कल्पवृक्ष अस्पताल में आरती को भर्ती कराया गया. तारीख थी 31 मई. पिता का कहना है कि डॉ करण बेनीवाल के कहने पर उन्होंने बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया था. भर्ती करने के अगले ही दिन लड़की का ऑपरेशन कर दिया गया. तीन-चार दिन में ही अस्पताल का बिल साढ़े चार लाख रुपए पहुंच गया. पिता के मुताबिक रकम वसूल भी कर ली गई.

पढ़ें- नहीं रहे जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट अशोक पानगड़िया, PM Modi ने फोन कर ली थी स्वास्थ्य की जानकारी

इसके बाद 4 जून को लड़की को हिसार रेफर कर दिया गया. आरती को हिसार के जिंदल अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बताया कि लड़की 2 से 3 दिन पहले ही दम तोड़ चुकी है.

मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा

मृतका आरती के पिता का आरोप है उनकी बेटी को मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा गया. फिर हिसार के लिए ये कहकर रेफर कर दिया गया कि वहां पर लड़की ठीक हो जाएगी. उन्होंने कल्पवृक्ष अस्पताल के डॉ करण बेनीवाल पर बेटी की हत्या करने, नाजायज तरीके से साढ़े चार लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है. संजय सिंह ने मामला पिलानी थाने में दर्ज कराया है.

डॉक्टर की सफाई

उधर, कल्पवृक्ष अस्पताल के डॉ करण सिंह का कहना है कि आरोप गलत हैं. लड़की की हालत गंभीर थी. जो भी संभव इलाज था वो किया, फिर घरवाले जबरदस्ती अस्पताल से बच्ची को छुट्टी दिलाकर ले गए. इसके लिए उन्होंने फार्म भी साइन किया. डॉ करण सिंह ने कहा कि अगर पैसे लिए गए हैं तो वे बिल पेश करें.

पिलानी (झुंझुनू). हरियाणा के बिराण गांव निवासी संजय सिंह ने पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संजय का कहना है कि उसकी मृत बेटी को हिसार रेफर किया गया और रेफर करने से पहले इलाज की एवज में साढ़े 4 लाख की रकम ऐंठी गई. मामला पिलानी थाने में दर्ज कराया गया है.

18 साल की लड़की आरती की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के एक मामले में पिता संजय सिंह का आरोप है कि पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल में ही बेटी की मौत हो गई थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उनसे न केवल साढ़े 4 लाख रुपए वसूले और बच्ची को हिसार रेफर कर दिया.

अस्पताल पर गंभीर आरोप

ये है मामला

18 साल की आरती को खांसी की शिकायत होने के बाद उसके पिता संजय सिंह बेटी को हरियाणा से राजस्थान लाए थे. झुंझुनू के पिलानी शहर में कल्पवृक्ष अस्पताल में आरती को भर्ती कराया गया. तारीख थी 31 मई. पिता का कहना है कि डॉ करण बेनीवाल के कहने पर उन्होंने बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया था. भर्ती करने के अगले ही दिन लड़की का ऑपरेशन कर दिया गया. तीन-चार दिन में ही अस्पताल का बिल साढ़े चार लाख रुपए पहुंच गया. पिता के मुताबिक रकम वसूल भी कर ली गई.

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इसके बाद 4 जून को लड़की को हिसार रेफर कर दिया गया. आरती को हिसार के जिंदल अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बताया कि लड़की 2 से 3 दिन पहले ही दम तोड़ चुकी है.

मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा

मृतका आरती के पिता का आरोप है उनकी बेटी को मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा गया. फिर हिसार के लिए ये कहकर रेफर कर दिया गया कि वहां पर लड़की ठीक हो जाएगी. उन्होंने कल्पवृक्ष अस्पताल के डॉ करण बेनीवाल पर बेटी की हत्या करने, नाजायज तरीके से साढ़े चार लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है. संजय सिंह ने मामला पिलानी थाने में दर्ज कराया है.

डॉक्टर की सफाई

उधर, कल्पवृक्ष अस्पताल के डॉ करण सिंह का कहना है कि आरोप गलत हैं. लड़की की हालत गंभीर थी. जो भी संभव इलाज था वो किया, फिर घरवाले जबरदस्ती अस्पताल से बच्ची को छुट्टी दिलाकर ले गए. इसके लिए उन्होंने फार्म भी साइन किया. डॉ करण सिंह ने कहा कि अगर पैसे लिए गए हैं तो वे बिल पेश करें.

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