जयपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय की योजनाओं का नाम बदलने, प्रोजेक्ट्स का काम रोकने के मुद्दे पर बीते एक साल में सत्ता पक्ष और विपक्ष कई बार आमने-सामने हो चुका है. अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने उनकी सरकार के समय जयपुर और जोधपुर में शुरू की गई दो दिव्यांग विश्वविद्यालय का काम अटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार को इन दोनों विश्वविद्यालयों का काम अविलंब शुरू करवाना चाहिए.
अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा कि सिर्फ दिव्यांग नाम देने से नहीं, उन्हें शिक्षा के अवसर देने के काम आगे बढ़ाए सरकार. एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकलांग शब्द को दिव्यांग करवाते हैं और उन्हें सम्मान देने की बात करते हैं. दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सरकार राजस्थान में दिव्यांगों के हित में घोषित की गई दो यूनिवर्सिटी का काम रोक कर बैठी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संज्ञान लेकर इन दोनों विश्वविद्यालयों का काम जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहिए.
सिर्फ दिव्यांग नाम देने से नहीं, उन्हें शिक्षा के अवसर देने के काम आगे बढ़ाए सरकार
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 14, 2025
एक तरफ तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विकलांग शब्द को दिव्यांग करवाते हैं और उन्हें सम्मान देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सरकार राजस्थान में दिव्यांगों के हित में घोषित…
उच्च शिक्षा में दिव्यांगों की भागीदारी कम : गहलोत ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा में दिव्यांगों की सहभागिता 5 प्रतिशत से भी कम है. तमाम चुनौतियों के कारण दिव्यांग चाहकर भी उच्च शिक्षा में दाखिल नहीं हो पाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बजट 2022-23 में जयपुर में बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी और बजट 2023-24 में जोधपुर में महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा की थी.
हमें कोर्स डिजाइन और औपचारिकता में लगा समय : उन्होंने कहा कि यह नए तरह के विश्वविद्यालय थे. इसलिए इनके कोर्स डिजाइन करने एवं अन्य औपचारिकताओं में समय लगना लाजिमी था. इसके लिए जयपुर में यूजीसी में लंबा अनुभव रखने वाले डॉ. देवस्वरूप को और जोधपुर में दिव्यांग सेवा में पूरा जीवन लगाने वाली कुसुमलता भंडारी को वाइस चांसलर नियुक्त किया गया था. इसके बाद हमारी सरकार बदल गई.
मांग के बावजूद सरकार ने नहीं दी वित्तीय मदद : गहलोत बोले- यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार ने इन दोनों प्रोजेक्ट्स को अघोषित तरीके से रोक दिया है. कुसुमलता भंडारी लगातार सरकार से उन्हें स्टाफ एवं वित्तीय सहायता देने की मांग करती रहीं, लेकिन उन्हें सरकार ने कोई सहायता नहीं दी. दो महीने पूर्व उनका देहांत हो जाने के बाद अब तक किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई है. जयपुर में भी दिव्यांग विश्वविद्यालय के काम को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है.