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बीडीके अस्पताल में नहीं शुरू हो सकी निशुल्क जांचें, जांच एजेंसी का 2 साल से बिजली-पानी का बिल बकाया

झुंझुनू के राजकीय अस्पताल में 40 प्रकार की जांच सुविधाएं जून माह से बंद पड़ी है. बीडीके अस्पताल में जांच करने वाली एजेंसी से एमओयू होने के बाद भी अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है.

BDK Hospital, झुंझुनू की खबर
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Published : Nov 3, 2019, 3:24 PM IST

झुंझुनू. राजकीय अस्पताल में जून माह से बंद पड़ी करीब 40 प्रकार की जांच सुविधाएं बीडीके अस्पताल में जांच करने वाली एजेंसी से एमओयू होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है. जानकारी के अनुसार राज्य सरकार का कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर से अनुबंध हुआ है. पूर्व में इसी सेंटर से सरकार का अनुबंध था. अनुबंध समाप्त होने के बाद जांच होना बंद हो गई.

बीडीके अस्पताल में नहीं शुरू हुई नि:शुल्क जांच

इधर, बीडीके अस्पताल में जांच एजेंसी ने 2 साल का बिजली और पानी का बिल जमा नहीं करवाया था. जिस पर अस्पताल प्रशासन ने 2 साल का बकाया जमा करवाने की बात कही है. वहीं, अधिकारियों के अनुसार जांच के लिए सामान और कर्मचारी आ चुके हैं. लेकिन, अभी तक बकाया रुपए जमा नहीं करवाया गया हैं. जिसके चलते नि:शुल्क जांच की सुविधा अभी भी बंद पड़ी है. मजबूरन रोगियों को निजी लेबोरेटरी में जांच करवानी पड़ रही है. जिससे रोगियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें- अमर शहीद बृजलाल धनखड़ की मूर्ति का किया गया अनावरण

लगाया अलग से मीटर

जानकारी के अनुसार पूर्व में जहां पर जांच होती थी, वहां पर अलग से मीटर नहीं लगा हुआ था. पूरा बिल एक साथ ही आता था. वहीं, कंपनी की ओर से बीडीके अस्पताल प्रशासन को बिजली पानी के रुपए जमा नहीं करवाए गए थे. बीडीके अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कंपनी के संचालक जल्द ही रुपए जमा करवाने की बात कह रहे हैं.

झुंझुनू. राजकीय अस्पताल में जून माह से बंद पड़ी करीब 40 प्रकार की जांच सुविधाएं बीडीके अस्पताल में जांच करने वाली एजेंसी से एमओयू होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है. जानकारी के अनुसार राज्य सरकार का कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर से अनुबंध हुआ है. पूर्व में इसी सेंटर से सरकार का अनुबंध था. अनुबंध समाप्त होने के बाद जांच होना बंद हो गई.

बीडीके अस्पताल में नहीं शुरू हुई नि:शुल्क जांच

इधर, बीडीके अस्पताल में जांच एजेंसी ने 2 साल का बिजली और पानी का बिल जमा नहीं करवाया था. जिस पर अस्पताल प्रशासन ने 2 साल का बकाया जमा करवाने की बात कही है. वहीं, अधिकारियों के अनुसार जांच के लिए सामान और कर्मचारी आ चुके हैं. लेकिन, अभी तक बकाया रुपए जमा नहीं करवाया गया हैं. जिसके चलते नि:शुल्क जांच की सुविधा अभी भी बंद पड़ी है. मजबूरन रोगियों को निजी लेबोरेटरी में जांच करवानी पड़ रही है. जिससे रोगियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें- अमर शहीद बृजलाल धनखड़ की मूर्ति का किया गया अनावरण

लगाया अलग से मीटर

जानकारी के अनुसार पूर्व में जहां पर जांच होती थी, वहां पर अलग से मीटर नहीं लगा हुआ था. पूरा बिल एक साथ ही आता था. वहीं, कंपनी की ओर से बीडीके अस्पताल प्रशासन को बिजली पानी के रुपए जमा नहीं करवाए गए थे. बीडीके अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कंपनी के संचालक जल्द ही रुपए जमा करवाने की बात कह रहे हैं.

Intro:सरकारी सिस्टम के हालात यह हैं कि एमओयू होने के बाद भी मरीजों को निशुल्क जांच की सुविधा नहीं मिल रही है। पताल प्रशासन क्या रहा है कि एमओयू वाली फर्म ने बिजली पानी का बिल जमा नहीं करवाया है लेकिन इसमें सोचने वाली बात यह है कि अभी तक बिल वसूला क्यों नहीं गया जबकि उसका पिछला टेंडर पहले खत्म हो गया था।


Body:झुंझुनू। राजकीय अस्पतालों में जून माह से बंद पड़ी करीब 40 प्रकार की जांच सुविधाएं, बीडीके अस्पताल में जांच करने वाली एजेंसी से एमओयू होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार का कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर से अनुबंध हुआ है। पूर्व में इसी सेंटर से सरकार का अनुबंध था अनुबंध समाप्त होने के बाद जांच होना बंद हो गई ।इधर बीडीके अस्पताल में जांच एजेंसी ने 2 साल का बिजली व पानी का बिल जमा नहीं करवाया था। जिस पर अस्पताल प्रशासन ने 2 साल का बकाया जमा करवाने की बात कही है। अधिकारियों के अनुसार जांच के लिए सम्मान व कर्मचारी आ चुके हैं लेकिन अभी तक बकाया रुपए जमा नहीं करवाए गए हैं, जिसके चलते निशुल्क जांच की सुविधा अभी भी बंद पड़ी है। मजबूरन रोगियों को निजी लेबोरेटरी में जांच करवानी पड़ रही है जिससे रोगियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

लगाया अलग से मीटर

जानकारी के अनुसार पूर्व में जहां पर जांच होती थी वहां पर अलग से मीटर नहीं लगा हुआ था, पूरा बिल एक साथ ही आता था ।कंपनी की और से बीडीके अस्पताल प्रशासन को बिजली पानी के रुपए जमा नहीं करवाए गए थे ।बीडीके अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कंपनी के संचालक जल्द ही रुपए जमा करवाने की बात कह रहे हैं।

बाइट डॉक्टर शुभकरण कालेर पीएमओ


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