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HIV पॉजिटिव गर्भवती के एंबुलेंस में प्रसव का मामला...बीसीएमओ बोले- संक्रमण न फैले, इसलिए किया गया रेफर

जिले के चिड़ावा कस्बे के सरकारी अस्पताल में एक निजी अस्पताल से रेफर होकर एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए अस्पताल आई. लेकिन सीमित संसाधनों एवं संक्रमण फैलने के खतरे के कारण उस प्रसूता को झुंझुनू बीडीके अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. अब इस मामले में बीसीएमओ का बयान सामने आया है.

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Published : Sep 5, 2019, 10:24 PM IST

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा उपखंड के एक गांव की प्रसूता पिछले नौ माह से एक निजी अस्पताल में इलाज ले रही थी, लेकिन वहां पर डिलीवरी नहीं करवाई गई. इसके बाद प्रसूता दो अन्य निजी अस्पताल में गई, वहां पर भी प्रसूता की डिलीवरी नहीं करवाई गई. इसके बाद उसके परिजन आनन-फानन में उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए, जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. टीना ढाका ने प्रसूता की जांच करवाई.

चिड़ावा में एंबुलेंस में प्रसव का मामला

वहीं, जांच में जब सामने आया कि प्रसूता एचआईवी पॉजिटिव है तो डॉ. ढाका ने इसकी जानकारी चिड़ावा बीसीएमओ को दी. बीसीएमओ ने इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी तो उच्च अधिकारियों ने प्रसूता को झुंझुनू बीडीके अस्पताल भेजने के लिए कहा. कारण ये रहा कि चिड़ावा के सरकारी अस्पताल में एक ही रूम है, जहां प्रसव होता है और सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कम से पांच प्रसव होते हैं. ऐसे में अगर उस रूम में प्रसव करवाया दिया जाता तो फिर प्रतिदिन होने वाले प्रसव के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती.

पढ़ें: एक्शन मोड में चूरू पुलिस, खाकी और खादी को भी नहीं बख्शा...

वहीं, संक्रमण न फैले और जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहें, इसके लिए झुंझुनू रेफर कर दिया. इस बीच जब 104 एंबुलेंस प्रसूता को झुंझुनू लेकर जा रही थी, तभी बगड़ में प्रसूता ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस बाबत बीसीएमओ का कहना है कि ये संवेदनशील मामला था. इसके लिए अन्य प्रसूताओं की सेहत की सुरक्षा एवं संक्रमण न फैले इसके लिए ये कदम उठाए गए. हालांकि इस मामले में विभागीय जांच जारी है.

चिड़ावा (झुंझुनू). जिले के चिड़ावा उपखंड के एक गांव की प्रसूता पिछले नौ माह से एक निजी अस्पताल में इलाज ले रही थी, लेकिन वहां पर डिलीवरी नहीं करवाई गई. इसके बाद प्रसूता दो अन्य निजी अस्पताल में गई, वहां पर भी प्रसूता की डिलीवरी नहीं करवाई गई. इसके बाद उसके परिजन आनन-फानन में उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए, जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. टीना ढाका ने प्रसूता की जांच करवाई.

चिड़ावा में एंबुलेंस में प्रसव का मामला

वहीं, जांच में जब सामने आया कि प्रसूता एचआईवी पॉजिटिव है तो डॉ. ढाका ने इसकी जानकारी चिड़ावा बीसीएमओ को दी. बीसीएमओ ने इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी तो उच्च अधिकारियों ने प्रसूता को झुंझुनू बीडीके अस्पताल भेजने के लिए कहा. कारण ये रहा कि चिड़ावा के सरकारी अस्पताल में एक ही रूम है, जहां प्रसव होता है और सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कम से पांच प्रसव होते हैं. ऐसे में अगर उस रूम में प्रसव करवाया दिया जाता तो फिर प्रतिदिन होने वाले प्रसव के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती.

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वहीं, संक्रमण न फैले और जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहें, इसके लिए झुंझुनू रेफर कर दिया. इस बीच जब 104 एंबुलेंस प्रसूता को झुंझुनू लेकर जा रही थी, तभी बगड़ में प्रसूता ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस बाबत बीसीएमओ का कहना है कि ये संवेदनशील मामला था. इसके लिए अन्य प्रसूताओं की सेहत की सुरक्षा एवं संक्रमण न फैले इसके लिए ये कदम उठाए गए. हालांकि इस मामले में विभागीय जांच जारी है.

Intro:एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती के 104 एम्बुलेंस में प्रसव का मामला
संक्रमण न फैले इसके लिए झुंझुनूं बीडीके अस्पताल के लिए किया गया रैफर

चिड़ावा/झुंझुनूं।
जिले के चिड़ावा कस्बे के सरकारी अस्पताल में एक निजी अस्पताल से रैफर होकर एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए अस्पताल आई। लेकिन सीमित संसाधनो एवं संक्रमण फैलने के खतरे के चलते उस प्रसूता को झुंझुनूं बीडीके अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। इस बीच जब 104 एम्बुलेंस प्रसूता को झुंझुनूं लेकर जा रही थी, तभी बगड़ में प्रसूता ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
Body:बता दे कि चिड़ावा उपखंड के एक गांव की प्रसूता पिछले नौ माह से एक निजी अस्पताल में इलाज ले रही थी। वहां पर डिलेवरी नहीं करवाई। इसके बाद प्रसूता दो अन्य निजी अस्पताल में भी गई। वहां पर भी प्रसूता की डिलेवरी नहीं करवाई गई। इसके बाद प्रसूता के परिजन आनन-फानन में प्रसूता को सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ टीना ढाका ने प्रसूता की जांच करवाई। जांच में जब सामने आया कि प्रसूता एचआईवी पॉजिटिव है तो डॉ ढाका ने इसकी जानकारी चिड़ावा बीसीएमओं को दी। बीसीएमओं ने इस मामले की जानकारी उच्चधिकारियों को दी तो उच्चधिकारियों ने प्रसूता को झुंझुनूं बीडीके अस्पताल भेजने के लिए कहां। कारण ये रहा कि चिड़ावा के सरकारी अस्पताल में एक ही रूम है , जहां प्रसव होता है और सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कम से पांच प्रसव होते है। ऐसे में अगर उस रूम में प्रसव करवाया दिया जाता तो फिर प्रतिदिन होने वाले प्रसव के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती। संक्रमण न फैले और जच्चा और बच्चा सुरक्षित रहे, इसके लिए झुंझुनूं रैफर कर दिया। लेकिन प्रसूता ने बगड़ के पास ही चलती एम्बुलेंस में नवजात को जन्म दिया।

बीसीएमओं का कहना है कि ये संवेदनशील मामला था, इसके लिए अन्य प्रसूताओं की सेहत की सुरक्षा एवं संक्रमण न फैले इसके लिए ये कदम उठाए गए। हालांकि इस मामले में विभागीय जांच जारी है।

बाइट 01- डॉ संतकुमार जांगिड़, बीसीएमओं, चिड़ावा सीएचसी।Conclusion:
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