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झालावाड़: हर्षोल्लास के साथ मनाया गया राजस्थान का पारंपरिक त्योहार गणगौर, महिलाओं ने की ईसर-पार्वती की पूजा-अर्चना

झालावाड़ में गणगौर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. गणगौर के दिन महिलाओं ने विशेष रूप से अपना श्रृंगार करके भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की. मंदिरों में अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी.

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Published : Apr 16, 2021, 9:45 AM IST

Gangaur Puja, राजस्थान न्यूज
झालावाड़ में गणगौर का त्योहार

झालावाड़. जिले में गणगौर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. झालावाड़ शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भी महिलाओं ने भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की. इस दौरान महिलाएं प्रातः काल से ही सज-धज कर मंदिरों में गणगौर की पूजा के लिए जाती हुई नजर आई.

गणगौर के दिन महिलाएं विशेष रूप से अपना श्रृंगार करके भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करती है. साथ ही व्रत करते हुए पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना भी करती है. वहीं गणगौर पर कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत और उपवास रखते हुए भगवान शिव उपासना करती हैं. इस दौरान महिलाओं ने "गोर गोर गोमती, ईसर पूजे पार्वती" जैसे पारंपरिक गीत भी गाए. महिलाओं ने बताया कि वह बचपन से ही गणगौर का त्योहार मनाती हुई आ रही है. इस दिन वह सामूहिक रूप से महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के साथ व्रत रखते हुए भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं.

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चूरू में गणगौर पूजा

चूरू में कोरोना महामारी पर आस्था भारी पड़ती हुई दिखाई दी. सौलह दिवसीय गणगौर पर्व उत्साहपूर्वक मनाया गया. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ. बावजूद इसके महिलाओ ने कोविड-19 गाइडलाइन की पालना करते हुए उत्साह और श्रद्धा के साथ गणगौर का यह सौलह दिवसीय लोक पर्व मनाया और जिला मुख्यालय के सब्जी मंडी स्थित पावटा कुएं में गणगौर का विर्सजन किया.

नागौर के अहिछत्रपुर दुर्ग से गाजे-बाजे के साथ निकली शाही गणगौर

गणगौर पर्व को लेकर शहर भर से महिलाएं गवर के दर्शन करने पहुंची. इस मौके पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहने. इस बार कोरोना की पाबंदियों के चलते शाही गणगौर की सवारी को देखने के लिए कम लोग हीं पहुंचे. इसके बाद गाजे बाजे के साथ गवर माता की सवारी त्रिपोलिया, सदर बाजार, लोढों का चौक, माही दरवाजा से होते हुए बख्तसागर तक पहुंची. शाही लवाजमे के साथ राज की गवर के बख्तसागर पहुंचने से पहले पूरे लवाजमे का भीतरी शहर में स्वागत-सत्कार किया गया.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक लागू होगा साप्ताहिक कर्फ्यू

राजसमंद में भी गणगौर पूजा

राजसमंद के प्रभु श्री द्वारिकाधीश मंदिर में तीन दिवसीय गणगौर महोत्सव की पारंपरिक अंदाज में शुरुआत हुई. उधर, कोरोना का देखते हुए शुक्रवार से मंदिर में अब तीन ही दर्शन होंगे. श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारकाधीश मंदिर में गुरुवार को गणगौर महोत्सव पूरे विधि विधान के साथ आरंभ हुआ. इस अवसर पर प्रातः श्रंगार में प्रभु श्री द्वारकाधीश को चुंदड़ी के विशेष श्रृंगार अंगीकार करवाए गए और गुलाब की मंडली में विराजित किया गया.

अलवर में कोरोना के साए में गणगौर पूजा

अलवर में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना के साए के बीच गुरुवार को महिलाओं ने गणगौर माता का पूजन किया. अलवर में गणगौर त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. सुबह से ही महिलाएं गणगौर पूजन की तैयारी में जुट गई. एक दिन पहले बाजार में भीड़ भाड़ नजर आई. महिलाओं ने जमकर खरीदारी की और हाथों में मेहंदी लगवाई.

झालावाड़. जिले में गणगौर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. झालावाड़ शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भी महिलाओं ने भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की. इस दौरान महिलाएं प्रातः काल से ही सज-धज कर मंदिरों में गणगौर की पूजा के लिए जाती हुई नजर आई.

गणगौर के दिन महिलाएं विशेष रूप से अपना श्रृंगार करके भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करती है. साथ ही व्रत करते हुए पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना भी करती है. वहीं गणगौर पर कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत और उपवास रखते हुए भगवान शिव उपासना करती हैं. इस दौरान महिलाओं ने "गोर गोर गोमती, ईसर पूजे पार्वती" जैसे पारंपरिक गीत भी गाए. महिलाओं ने बताया कि वह बचपन से ही गणगौर का त्योहार मनाती हुई आ रही है. इस दिन वह सामूहिक रूप से महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के साथ व्रत रखते हुए भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं.

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चूरू में गणगौर पूजा

चूरू में कोरोना महामारी पर आस्था भारी पड़ती हुई दिखाई दी. सौलह दिवसीय गणगौर पर्व उत्साहपूर्वक मनाया गया. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ. बावजूद इसके महिलाओ ने कोविड-19 गाइडलाइन की पालना करते हुए उत्साह और श्रद्धा के साथ गणगौर का यह सौलह दिवसीय लोक पर्व मनाया और जिला मुख्यालय के सब्जी मंडी स्थित पावटा कुएं में गणगौर का विर्सजन किया.

नागौर के अहिछत्रपुर दुर्ग से गाजे-बाजे के साथ निकली शाही गणगौर

गणगौर पर्व को लेकर शहर भर से महिलाएं गवर के दर्शन करने पहुंची. इस मौके पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहने. इस बार कोरोना की पाबंदियों के चलते शाही गणगौर की सवारी को देखने के लिए कम लोग हीं पहुंचे. इसके बाद गाजे बाजे के साथ गवर माता की सवारी त्रिपोलिया, सदर बाजार, लोढों का चौक, माही दरवाजा से होते हुए बख्तसागर तक पहुंची. शाही लवाजमे के साथ राज की गवर के बख्तसागर पहुंचने से पहले पूरे लवाजमे का भीतरी शहर में स्वागत-सत्कार किया गया.

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राजसमंद में भी गणगौर पूजा

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अलवर में कोरोना के साए में गणगौर पूजा

अलवर में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना के साए के बीच गुरुवार को महिलाओं ने गणगौर माता का पूजन किया. अलवर में गणगौर त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. सुबह से ही महिलाएं गणगौर पूजन की तैयारी में जुट गई. एक दिन पहले बाजार में भीड़ भाड़ नजर आई. महिलाओं ने जमकर खरीदारी की और हाथों में मेहंदी लगवाई.

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