बालोतरा : 10 दिवसीय शारदीय नवरात्र को लेकर इन दिनों हर देवी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. नवरात्र के पावन पर्व पर आज हम आपको बालोतरा जिले के समदड़ी कस्बे में स्थित एक ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मान्यता है कि माता करीबन 800 वर्ष पहले पहाड़ों को फाड़कर प्रकट हुईं थी. इन्हें ललेची माता के नाम से पुकारा जाता है. खास बात ये है कि यहां देवी के तीन रूप देखने को मिलते हैं.
यहां देवी के तीन रूप : मंदिर के पुजारी मोहनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ललेची माता का मंदिर का इतिहास 800 वर्ष से भी पुराना है. मान्यता है कि पहाड़ों को फाड़कर बाल, युवा और बुजुर्ग रूप में माताजी की प्रतिमाएं कुदरती तौर पर प्रकट हुईं थी. इसके बाद से माताजी के यहां पर तीन अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है. उन्होंने दावा किया कि मंदिर में स्थापित माताजी की तीनों मूर्तियां सुबह से शाम तक अपना रंग बदलती हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती हैं.
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भव्य गरबा महोत्सव का आयोजन : उन्होंने बताया कि गांव के लोगों के सहयोग से मंदिर में लगातार विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. मंदिर प्रांगण में 1997 से निरंतर हर्ष शारदीय नवरात्र में गांव के लोगों के सहयोग से युवा भव्य नवरात्र महोत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है. गरबा महोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और पहाड़ों पर बैठकर गरबा महोत्सव देखने का आनंद लेते हैं.
दूर-दूर से आते हैं दर्शनार्थ श्रद्धालु : पंडित अशोक श्रीमाली ने बताया कि नवरात्रि के समय 9 दिनों तक माता का विशेष श्रृंगार और पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही भव्य मेले और भव्य गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. दूर दूर से श्रद्धालु माताजी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, होम अष्टमी के दिन कन्या पूजन व भोज का बड़ा आयोजन किया जाएगा.