भरतपुर. मानसूनी बरसात के बाद जिले में डेंगू तेजी से पैर पसारने लगा है. मानसूनी बरसात के बाद जगह जगह जलभराव की वजह से डेंगू के मच्छर (मादा एडीज) पनपने लगे हैं, जिसकी वजह से लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं. जिले में बीते तीन माह में ही 86 मरीज सामने आ चुके हैं. जिले में तेजी से फैल रहे डेंगू के बावजूद चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार डेंगू की रोकथाम के पुख्ता प्रयास करते नजर नहीं आ रहे. विभाग की ओर से सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जा रही है जहां से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में विभाग बीमारी फैलने का इंतजार करता नजर आ रहा है.
एक साल में 107 मरीज : सीएमएचओ डॉ गौरव कपूर ने बताया कि जिले में बीते एक साल में डेंगू के कुल 107 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से तीन माह में 86 मरीज पाए गए हैं. बरसात और बरसात के बाद जलभराव की वजह से जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हालांकि गत वर्ष 263 मरीज की तुलना में इस बार डेंगू के मरीज कम सामने आ रहे हैं.
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मरीज मिलने पर ही फॉगिंग : बरसात के बाद जिले में तेजी से डेंगू फैलाने पर भी विभाग की ओर से इसकी रोकथाम के प्रभावी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. सीएमएचओ डॉ. कपूर ने बताया की मुख्यालय से निर्देश हैं कि जिन क्षेत्रों से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं उन्हीं क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जाए. यानी विभाग बीमारी फैलने के बाद ही रोकथाम के प्रयास करेगा. विभाग के पास जिलेभर में सीएचसी और पीएचसी पर कुल 25 फॉगिंग मशीन हैं. लेकिन पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट होने पर ही प्रभावित क्षेत्रों में ही फॉगिंग की जा रही है.
ये हैं लक्षण : आरबीएम अस्पताल के डॉ. अजीत चौधरी ने बताया कि घरों में कूलर, फ्रिज व अन्य स्थानों पर पानी इकट्ठा ना होने दें. क्योंकि डेंगू का मच्छर मादा एडीज ऐसे ही स्थानों पर पनपता है. मच्छर के काटने के करीब 5 दिन बाद इसके लक्षण नजर आते हैं. इनमें अचानक तेज बुखार आना, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, खुजली, थकान जैसे लक्षण नजर आते हैं. डॉ अजीत ने बताया कि घर के आसपास मच्छरों को पनपने से रोकें. घर में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करें. लक्षण नजर आने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर उपचार कराएं.