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आज फिर इतिहास रचेगा राजस्थान, एक साथ सूर्य नमस्कार करेंगे लाखों लोग, सभी स्कूलों के बच्चे होंगे शामिल - SURYA NAMASKAR

राज्य के सभी विद्यालयों में विद्यार्थी, शिक्षक और आमजन सूर्य नमस्कार करेंगे. एसएमएस स्टेडियम में शिक्षामंत्री मदन दिलावर की उपस्थिति में कार्यक्रम होगा.

सूर्य नमस्कार का आयोजन
सूर्य नमस्कार का आयोजन (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 6:44 AM IST

जयपुर : राजस्थान में आज सोमवार को को सूर्य सप्तमी के पहले पर एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा. प्रदेशभर के राजकीय और निजी विद्यालयों में बच्चे, शिक्षक और आमजन एक साथ सूर्य नमस्कार करेंगे और भारतीय पारंपरिक योग प्रणाली द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देंगे. पिछले साल राज्य में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के आयोजन में और अधिक उत्साह देखने को मिलेगा. राज्य के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में सुबह 9:00 बजे एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा. शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर स्वयं एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार करेंगे. शिक्षामंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है.

सूर्य नमस्कार केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाना और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. इस बार हम सूर्य नमस्कार में पिछले वर्ष बनाए गए विश्व रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करेंगे- मदन दिलावर, शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री, राजस्थान सरकार

इसे भी पढ़ें- अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगा राजस्थान! 78 हजार से ज्यादा स्कूलों में 3 फरवरी को एक साथ होगा सूर्य नमस्कार

नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी : राजस्थान इस बार पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है. पिछले वर्ष के आयोजन में 78,974 विद्यालयों के 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस बार सभी विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, स्कूल स्टाफ, एसएमसी, एसडीएमसी के सदस्यों के साथ अभिभावक एवं आमजन भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशानुसार, इस बार कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी सूर्य नमस्कार में भागीदार बनाया जाएगा. छोटे बच्चों को यथा शक्ति सूर्य नमस्कार के दो से तीन चरण ही कराए जाएंगे, जबकि अन्य सभी इसके 10 चरण करेंगे. प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसके लिए एक सप्ताह पहले से सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया जा रहा है. बीमार या हाल में किसी शल्य प्रक्रिया से गुजरने वाले विद्यार्थी, शिक्षक या अभिभावक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे.

इसे भी पढ़ें- सूर्य नमस्कार पर रार: दिलावर के फैसले पर भड़के कांग्रेस के कागजी, बालमुकुंदाचार्य ने दे दी यह नसीहत

योग एक्सपर्ट करेंगे विद्यालयों का सहयोग : क्रीड़ा भारती संस्था सूर्य नमस्कार में सभी विद्यालयों और शिक्षक संस्थाओं का सहयोग करेगी. संस्था से जुड़े एक्सपर्ट विद्यालयों में व्यक्तिगत रूप से सूर्य नमस्कार के वैज्ञानिक महत्व को बताएंगे. इसके साथ ही नमस्कारासन, हस्तोत्तानासन सहित योग की सभी क्रियाओं को लाइव करके समझाएंगे, ताकि प्रतिदिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा के समय इसका अभ्यास कराया जा सके.

क्यों करना चाहिए सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार एक यौगिक प्रक्रिया है, जिससे शारीरिक लाभ तो मिलते ही हैं, यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करती है. 12 आसनों की इस प्रक्रिया में आसनों के साथ श्वास-प्रश्वास के भी नियम होते हैं, जिससे सूर्य नमस्कार करने वाला व्यक्ति निरोगी और तेजस्वी बनता है. योगाचार्यों के अनुसार, सूर्य नमस्कार अपने आप में संपूर्ण व्यायाम है. बच्चों के लिए यह शारीरिक बल और बुद्धि को तीव्र करने वाला एक वरदान है.

जयपुर : राजस्थान में आज सोमवार को को सूर्य सप्तमी के पहले पर एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा. प्रदेशभर के राजकीय और निजी विद्यालयों में बच्चे, शिक्षक और आमजन एक साथ सूर्य नमस्कार करेंगे और भारतीय पारंपरिक योग प्रणाली द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देंगे. पिछले साल राज्य में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के आयोजन में और अधिक उत्साह देखने को मिलेगा. राज्य के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में सुबह 9:00 बजे एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा. शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर स्वयं एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार करेंगे. शिक्षामंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है.

सूर्य नमस्कार केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाना और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. इस बार हम सूर्य नमस्कार में पिछले वर्ष बनाए गए विश्व रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करेंगे- मदन दिलावर, शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री, राजस्थान सरकार

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नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी : राजस्थान इस बार पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है. पिछले वर्ष के आयोजन में 78,974 विद्यालयों के 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस बार सभी विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, स्कूल स्टाफ, एसएमसी, एसडीएमसी के सदस्यों के साथ अभिभावक एवं आमजन भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशानुसार, इस बार कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी सूर्य नमस्कार में भागीदार बनाया जाएगा. छोटे बच्चों को यथा शक्ति सूर्य नमस्कार के दो से तीन चरण ही कराए जाएंगे, जबकि अन्य सभी इसके 10 चरण करेंगे. प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसके लिए एक सप्ताह पहले से सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया जा रहा है. बीमार या हाल में किसी शल्य प्रक्रिया से गुजरने वाले विद्यार्थी, शिक्षक या अभिभावक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे.

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योग एक्सपर्ट करेंगे विद्यालयों का सहयोग : क्रीड़ा भारती संस्था सूर्य नमस्कार में सभी विद्यालयों और शिक्षक संस्थाओं का सहयोग करेगी. संस्था से जुड़े एक्सपर्ट विद्यालयों में व्यक्तिगत रूप से सूर्य नमस्कार के वैज्ञानिक महत्व को बताएंगे. इसके साथ ही नमस्कारासन, हस्तोत्तानासन सहित योग की सभी क्रियाओं को लाइव करके समझाएंगे, ताकि प्रतिदिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा के समय इसका अभ्यास कराया जा सके.

क्यों करना चाहिए सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार एक यौगिक प्रक्रिया है, जिससे शारीरिक लाभ तो मिलते ही हैं, यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करती है. 12 आसनों की इस प्रक्रिया में आसनों के साथ श्वास-प्रश्वास के भी नियम होते हैं, जिससे सूर्य नमस्कार करने वाला व्यक्ति निरोगी और तेजस्वी बनता है. योगाचार्यों के अनुसार, सूर्य नमस्कार अपने आप में संपूर्ण व्यायाम है. बच्चों के लिए यह शारीरिक बल और बुद्धि को तीव्र करने वाला एक वरदान है.

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