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'हुनर का हाट' में महिलाओं ने दिखाया अपने हुनर का कमाल, वूमंस विंग फाउंडेशन दे रहा महिलाओं को पहचान बनाने का मौका - झालावाड़ में हुनर का हाट

महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपने हुनर का परचम लहराया है. ऐसे में झालावाड़ जिले की इन्हीं हुनरमंद महिलाओं को पहचान और मंच देने का काम कर रहा है वूमंस विंग फाउंडेशन.

झालावाड़ में हुनर का हाट, The skill of the hand in Jhalawar
महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपने हुनर का परचम लहराया
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Published : Apr 13, 2021, 2:30 PM IST

झालावाड़. वूमंस विंग फाउंडेशन ने उन हुनरमंद महिलाओं को पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया है. जिन्हें अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के कारण अपना हुनर को दिखाने का कभी मौका और मंच नहीं मिल पाया. ऐसे में झालावाड़ के गोविंद भवन में वूमंस विंग फाउंडेशन ने "हूनर का हाट" आयोजित किया गया है.

महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपने हुनर का परचम लहराया

पढ़ेंः राजस्थान में लॉकडाउन लगेगा या नहीं, रघु शर्मा ने साफ कर दिया है...खुद सुनिये

जहां पर सैकड़ों की संख्या में महिला उद्यमी जिनमें घरेलू से लेकर कामकाजी सभी महिलाएं शामिल हुई. ये सौंदर्य प्रसाधन से लेकर ज्वैलरी, फूड आइटम, डेकोरेशन, कपड़े और यहां तक कि फर्नीचर आइटम्स में भी अपना हुनर दिखाया. "हुनर का हाट" में लोगों के उत्साह एवं मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. उनमें भी महिला प्रतिभागी ही प्रस्तुतियां दी. इस हुनर का हाट कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि आयोजन से लेकर प्रतिभागिता तक सभी महिलाओं ने ही की है.

वूमंस विंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रीति बोहरा ने बताया कि "हुनर का हाट" के माध्यम से उन महिलाओं को मंच देने का प्रयास किया गया है. जो घर पर रहकर ही काम करती है. इसमें जितनी भी स्टॉल और दुकानें हैं वह महिलाओं को ही आवंटित की गई है. उन्होंने बताया कि सब लोगों में हुनर का हाट को लेकर उत्साह और क्रेज बना रहे. इसके लिए इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी जोड़ा गया है. जिसमें परंपरागत व लोक नृत्य और लोकगीतों को महिला प्रतिभागियों के द्वारा ही प्रस्तुत किया गया है.

पढ़ेंः कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर रघु शर्मा ने PM पर साधा निशाना, कहा- मोदी मौनी बाबा हो गए हैं

फाऊंडेशन की उपाध्यक्ष पूनम रौतेला ने बताया कि हर एक हुनरमंद महिला को एक मंच आवश्यकता होती है क्योंकि वह घर की जिम्मेदारियों और अन्य कार्यों से समय निकालकर अपने हुनर पर काम करती है. ऐसे में घरेलू और कामकाजी महिलाओं के हुनर को पहचान दिलाने के लिए उनके द्वारा हुनर का हाट लगाया गया है. हाट में लगाई गई हर एक स्टॉल पर महिलाएं अपनी प्रतिभा और हुनर दिखा रही हैं. जिससे लगता है कि वूमंस विंग फाउंडेशन का महिलाओं के हुनर को पहचान दिलाने का उद्देश्य सफल होता हुआ नजर आया.

उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार महिलाओं के लिए इस तरीके का कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें बहुत ही वेराइटी देखने को मिली. जिसमें महिलाओं ने खुद के द्वारा तैयार की गई आयुर्वेदिक दवाईयां, हैण्डलूम, टेराकोटा, गुड चिट्टी, अचार-पापड़, बुटिक, बैग, कवर, पर्दे, डिजाइनर कपड़े, मास्क, वाद्ययंत्र, फास्ट फूड, झालर और लाइट्स और कपड़ों का प्रदर्शन किया.

पढ़ेंः डोटासरा सीकर में झूलेलाल जयंती कार्यक्रम में शामिल, मंदिर के जीर्णीद्वार के लिए 35 लाख रुपए की घोषणा की

वहीं एक अन्य प्रतिभागी सुनीता रावत ने बताया कि वो वूमंस विंग फाउंडेशन का बहुत ही धन्यवाद करती है. जो उनको यह प्लेटफार्म दिया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में जब काम करने वाली बाइयां और अन्य महिलाओं के पास कोई कामकाज नहीं बचा था और वो आर्थिक तंगी से जूझ रही थी तो वह उन महिलाओं को सामान उपलब्ध करवाती और उनसे डिजायनर मास्क और कपड़े बनवाती और उसके बाद उनको बाजार में बेचती थी. ऐसे में अब उनको यह मौका मिला है जहां से वह अपने हुनर को लोगों के बीच में पहुंचा पा रही हैं.

झालावाड़. वूमंस विंग फाउंडेशन ने उन हुनरमंद महिलाओं को पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया है. जिन्हें अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के कारण अपना हुनर को दिखाने का कभी मौका और मंच नहीं मिल पाया. ऐसे में झालावाड़ के गोविंद भवन में वूमंस विंग फाउंडेशन ने "हूनर का हाट" आयोजित किया गया है.

महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में अपने हुनर का परचम लहराया

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जहां पर सैकड़ों की संख्या में महिला उद्यमी जिनमें घरेलू से लेकर कामकाजी सभी महिलाएं शामिल हुई. ये सौंदर्य प्रसाधन से लेकर ज्वैलरी, फूड आइटम, डेकोरेशन, कपड़े और यहां तक कि फर्नीचर आइटम्स में भी अपना हुनर दिखाया. "हुनर का हाट" में लोगों के उत्साह एवं मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. उनमें भी महिला प्रतिभागी ही प्रस्तुतियां दी. इस हुनर का हाट कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि आयोजन से लेकर प्रतिभागिता तक सभी महिलाओं ने ही की है.

वूमंस विंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रीति बोहरा ने बताया कि "हुनर का हाट" के माध्यम से उन महिलाओं को मंच देने का प्रयास किया गया है. जो घर पर रहकर ही काम करती है. इसमें जितनी भी स्टॉल और दुकानें हैं वह महिलाओं को ही आवंटित की गई है. उन्होंने बताया कि सब लोगों में हुनर का हाट को लेकर उत्साह और क्रेज बना रहे. इसके लिए इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी जोड़ा गया है. जिसमें परंपरागत व लोक नृत्य और लोकगीतों को महिला प्रतिभागियों के द्वारा ही प्रस्तुत किया गया है.

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फाऊंडेशन की उपाध्यक्ष पूनम रौतेला ने बताया कि हर एक हुनरमंद महिला को एक मंच आवश्यकता होती है क्योंकि वह घर की जिम्मेदारियों और अन्य कार्यों से समय निकालकर अपने हुनर पर काम करती है. ऐसे में घरेलू और कामकाजी महिलाओं के हुनर को पहचान दिलाने के लिए उनके द्वारा हुनर का हाट लगाया गया है. हाट में लगाई गई हर एक स्टॉल पर महिलाएं अपनी प्रतिभा और हुनर दिखा रही हैं. जिससे लगता है कि वूमंस विंग फाउंडेशन का महिलाओं के हुनर को पहचान दिलाने का उद्देश्य सफल होता हुआ नजर आया.

उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार महिलाओं के लिए इस तरीके का कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें बहुत ही वेराइटी देखने को मिली. जिसमें महिलाओं ने खुद के द्वारा तैयार की गई आयुर्वेदिक दवाईयां, हैण्डलूम, टेराकोटा, गुड चिट्टी, अचार-पापड़, बुटिक, बैग, कवर, पर्दे, डिजाइनर कपड़े, मास्क, वाद्ययंत्र, फास्ट फूड, झालर और लाइट्स और कपड़ों का प्रदर्शन किया.

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वहीं एक अन्य प्रतिभागी सुनीता रावत ने बताया कि वो वूमंस विंग फाउंडेशन का बहुत ही धन्यवाद करती है. जो उनको यह प्लेटफार्म दिया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में जब काम करने वाली बाइयां और अन्य महिलाओं के पास कोई कामकाज नहीं बचा था और वो आर्थिक तंगी से जूझ रही थी तो वह उन महिलाओं को सामान उपलब्ध करवाती और उनसे डिजायनर मास्क और कपड़े बनवाती और उसके बाद उनको बाजार में बेचती थी. ऐसे में अब उनको यह मौका मिला है जहां से वह अपने हुनर को लोगों के बीच में पहुंचा पा रही हैं.

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