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झालावाड़: हाईवे पर सुरक्षा के लिए लगी रेलिंग ही असुरक्षित, काट के ले जा रहे चोर - National Highway 52 Railing News

झालावाड़ के नेशनल हाईवे 52 पर लगी रेलिंग के जगह-जगह टूटने और काट कर ले जाने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है. बता दें कि सितम्बर 2018 में ही NH-52 पर रेलिंग लगाई गई थी और तब से ही चोर इसको अपना निशाना बनाने लग गए.

हाईवे रेलिंग चोरी न्यूज, Highway Railing Theft News
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Published : Oct 5, 2019, 11:06 PM IST

झालावाड़. शहर के मध्य में से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 52 पर सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग लगाई गई थी, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई रेलिंग ही असुरक्षित हो गई है. बता दें कि हाईवे पर कई जगहों से रेलिंग को चोर काट कर ले गए तो कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग को तोड़ दिया. वहीं, कई जगहों पर दुर्घटना से टूटी हुई रेलिंग का अभी तक निर्माण नहीं करवाया गया है. जिसके चलते आए दिन लोग दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं.

रेलिंग को चोर व दुकानदार बना रहे हैं निशाना

दरअसल, हाईवे के किनारे बनी हुई रेलिंग सुरक्षा दीवार का भी काम किया करती है. लेकिन जगह-जगह से रेलिंग टूट जाने के कारण अब हाईवे पर मवेशी आ जाते हैं और सड़क पर ही बैठ जाते हैं. जिसके कारण कई बड़ी दुर्घटनाएं भी हो जाती है. वहीं, जिम्मेदार विभाग एनएचएआई की ओर से एक बार भी टूटी हुई रेलिंग को दोबारा लगाने का प्रयास नहीं किया गया है. बता दें कि विभाग ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए चोरी की हुई रेलिंग की शिकायत थाने में दर्ज करवा दी.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: फिर से एक बेटी की अस्मिता तार-तार...अलवर के थानागाजी जैसे कांड की पुनरावृत्ति

वहीं, विभाग ने एक्सीडेंट में टूटी रेलिंग को दोबारा बनाने के लिए प्रस्ताव भिजवाने की बात कही है. लेकिन, अभी तक ना तो रेलिंग को काटने वाले चोरों का कुछ पता लग पाया है और ना ही दुर्घटना में टूटी हुई रेलिंग दोबारा बन पाई है. विभाग अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग काटने वाले व्यापारियों पर भी लगाम कसने में नाकामयाब है. गौरतलब है कि सितम्बर 2018 में ही नेशनल हाईवे 52 पर रेलिंग लगाई गई थी, लेकिन तब से ही इसको चोर अपना निशाना बनाने लग गए.

झालावाड़. शहर के मध्य में से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 52 पर सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग लगाई गई थी, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई रेलिंग ही असुरक्षित हो गई है. बता दें कि हाईवे पर कई जगहों से रेलिंग को चोर काट कर ले गए तो कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग को तोड़ दिया. वहीं, कई जगहों पर दुर्घटना से टूटी हुई रेलिंग का अभी तक निर्माण नहीं करवाया गया है. जिसके चलते आए दिन लोग दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं.

रेलिंग को चोर व दुकानदार बना रहे हैं निशाना

दरअसल, हाईवे के किनारे बनी हुई रेलिंग सुरक्षा दीवार का भी काम किया करती है. लेकिन जगह-जगह से रेलिंग टूट जाने के कारण अब हाईवे पर मवेशी आ जाते हैं और सड़क पर ही बैठ जाते हैं. जिसके कारण कई बड़ी दुर्घटनाएं भी हो जाती है. वहीं, जिम्मेदार विभाग एनएचएआई की ओर से एक बार भी टूटी हुई रेलिंग को दोबारा लगाने का प्रयास नहीं किया गया है. बता दें कि विभाग ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए चोरी की हुई रेलिंग की शिकायत थाने में दर्ज करवा दी.

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वहीं, विभाग ने एक्सीडेंट में टूटी रेलिंग को दोबारा बनाने के लिए प्रस्ताव भिजवाने की बात कही है. लेकिन, अभी तक ना तो रेलिंग को काटने वाले चोरों का कुछ पता लग पाया है और ना ही दुर्घटना में टूटी हुई रेलिंग दोबारा बन पाई है. विभाग अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग काटने वाले व्यापारियों पर भी लगाम कसने में नाकामयाब है. गौरतलब है कि सितम्बर 2018 में ही नेशनल हाईवे 52 पर रेलिंग लगाई गई थी, लेकिन तब से ही इसको चोर अपना निशाना बनाने लग गए.

Intro:झालावाड़ के सिटी फोरलेन पर लगी रेलिंग के जगह जगह टूटने व काट ले जाने के कारण दुर्घटनाएँ बढ़ती जा रही है।


Body:झालावाड़ शहर के मध्य में से गुजरने वाले नेशनल हाईवे नंबर 52 पर सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग लगाई गई थी लेकिन रेलिंग सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई रेलिंग ही असुरक्षित हो गयी है। हाइवे पर से कई जगहों पर रेलिंग को चोर काट कर ले गए तो कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग को तोड़ दिया. वहीं कई जगहों पर दुर्घटना से टूटी हुई रेलिंग का अभी तक भी निर्माण नहीं करवाया गया है. जिसके चलते आये दिन लोग दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं। हाईवे के किनारे बनी हुई रैलिंग सुरक्षा दीवार का भी काम किया करती है लेकिन जगह जगह से टूट जाने के कारण अब हाईवे पर मवेशी आ जाते हैं और सड़क पर ही बैठ जाते हैं जिसके चलते कई बड़ी दुर्घटनायें भी हो जाती हैं.

वहीं जिम्मेदार विभाग एनएचएआई द्वारा एक बार भी टूटी हुई रेलिंग को दोबारा लगाने का प्रयास नहीं किया गया है। विभाग ने कार्यवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए चोरी की हुई रेलिंग की शिकायत थाने में दर्ज करवा दी. वहीं एक्सीडेंट में टूटी रेलिंग को दोबारा बनाने के लिए प्रस्ताव भिजवाने की बात की है. लेकिन इच्छाशक्ति की कमी के चलते ना तो रेलिंग को काटने वाले चोरों का कुछ पता लग पाया है और ना ही दुर्घटना में टूटी हुई रेलिंग दोबारा बन पाई है. विभाग अपनी दुकानों के सामने से रेलिंग काटने वाले व्यापारियों पर भी लगाम कसने में नाकामयाब है.

गौरतलब है कि सितम्बर 2018 में ही सिटी फोरलेन पर रेलिंग लगाई गई थी लेकिन तब से ही इसको चोर निशाना बनाने लग गए थे.



Conclusion:बाइट - ओपी महावर (अधीक्षण अभियंता, एनएचएआई)
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