झालावाड़. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार कहा था कि अगर कोई भारतीय मंगल ग्रह पर भी फंसा होगा तो भारतीय दूतावास उसे वहां से रेस्क्यू करेगा, लेकिन कोरोना वायरस के चलते कई कईं भारतीय अभी भी अलग-अलग देशों में फंसे हुए हैं. झालावाड़ से मेडिकल की पढ़ाई करने गए कई स्टूडेंट अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, लेकिन भारतीय दूतावास उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों के परिजनों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार और प्रशासन से बच्चों के रेस्क्यू करने की अपील की है.
विद्यार्थियों का कहना है कि यूक्रेन में कोरोना वायरस के चलते दिन-ब-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं. वहां पर लगभग 70 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. वहीं तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसके अलावा वहां पर जांच की और आइसोलेशन वार्ड की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और गृहमंत्री को ट्वीट करके जानकारी दी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. इसके अलावा उन्होंने भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया, लेकिन उनकी तरफ से भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिल पाया है. जिसके चलते वो यहां पर अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
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आपको बता दें कि यूक्रेन की ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी और कीव मेडिकल कॉलेज में झालावाड़ के महिपाल सिंह वाघेला, अतीक उर रहमान, तरुण सिंह महान, फिरोज अहमद, जावेद अहमद, अद्वितीय व्यास और राकेश यादव नाम के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने रेस्क्यू की अपील की है.