झालावाड़. लंबे समय से अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ पहली बार सरकार ने सख्त कदम उठाया है. अब प्रोबेशन अवधि में 1 साल से अधिक अनुपस्थित डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जाएगी. अनुपस्थिति डॉक्टरों को अवकाश की अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद ही स्वीकृत किया जाएगा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उप शासन सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. इसमें प्रोबेशन अवधि में 6 माह सेवा करने से पहले ही स्वेच्छा से अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ राजस्थान सेवा के नियम 64 के तहत सेवा में व्यवधान मानते हुए पुरानी सेवा को जब्त कर पुनः कार्यग्रहण की तिथि से ही सेवा मानी जायेगी. 6 महीने से अधिक सेवा करने के बाद अनुपस्थित डॉक्टर्स के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल समय पर कार्रवाई नहीं होने से डॉक्टरों की अनुपस्थित अवधि बढ़ती जाती है और राज कार्य में बाधा होने के साथ आमजन परेशान होता है. ऐसे में डॉक्टर अनावश्यक रूप से राज सेवक के रूप में बने रहते हैं. साथ ही दूसरे डॉक्टरों की भर्ती और पदोन्नति भी प्रभावित होती है. बिना सूचना और बिना अवकाश स्वीकृत कराए स्वेच्छा से अनुपस्थित चिकित्सकों को नियंत्रण अधिकारी पहले 10 दिन का नोटिस देंगे और फिर 1 महीने से अधिक होने पर कार्रवाई के प्रस्ताव तैयार कर निदेशक के माध्यम से सरकार को भेजेंगे.