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झालावाड़: वेतन नहीं मिलने पर सफाई कर्मचारियों का फूटा गुस्सा...पार्षदों का मिला समर्थन

झालावाड़ नगरपरिषद में एक तरफ तो कर्मचारियों को पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है. वहीं नगर परिषद की ओर से कवि सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसका पार्षदों ने भी विरोध किया है. इसके बावजूद भी सफाई कर्मियों को अब तक सिर्फ वेतन दिए जाने के आश्वासन से ही काम चलाना पड़ रहा है.

झालावाड़, sanitation workers protest
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Published : Oct 20, 2019, 8:23 PM IST

झालावाड़. नगर परिषद कहने को तो कंगाली के दौर से गुजर रहा है. परिषद में कर्मचारियों को तो दूर, सफाई कर्मियों को भी दो-तीन महीने से एक टका नहीं मिला है. बावजूद इसके नगरपरिषद की ओर से बड़े जोरो- शोरो से कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सफाई कर्मियों को बेतन नहीं मिलने से शहर की साफ- सफाई भी नहीं हो पा रही है. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा रहा है.

वेतन न मिलने पर सफाई कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

बता दें कि नगर परिषद के कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दे चुके हैं. इतना हंगामा होने के बाद भी अभी तक उनको सिर्फ आश्वासन देकर मनाया जाता रहा है. वहीं कवि सम्मेलन के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

पढ़ें: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद: विशेषज्ञ से जानें आखिर क्या है पूरा मामला, और नया क्या है जो आपने अबतक नहीं जाना

ऐसे में नगर परिषद की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े होते हैं कि जब भी नगरपरिषद के पास कर्मचारियों के वेतन के भुगतान की बात आती है, तो हर बार बजट के अभाव का हवाला देकर बात टाल दी जाती है. कवि सम्मेलन के आयोजन को लेकर बोर्ड के ही कई पार्षदों ने विरोध जताया है. पार्षदों का कहना है कि कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए बोर्ड की मीटिंग होनी चाहिए. लेकिन, सभापति ने बिना बोर्ड की मीटिंग किये ही इस कार्यक्रम का आयोजन करवाने का फैसला ले लिया.

झालावाड़. नगर परिषद कहने को तो कंगाली के दौर से गुजर रहा है. परिषद में कर्मचारियों को तो दूर, सफाई कर्मियों को भी दो-तीन महीने से एक टका नहीं मिला है. बावजूद इसके नगरपरिषद की ओर से बड़े जोरो- शोरो से कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सफाई कर्मियों को बेतन नहीं मिलने से शहर की साफ- सफाई भी नहीं हो पा रही है. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा रहा है.

वेतन न मिलने पर सफाई कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

बता दें कि नगर परिषद के कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दे चुके हैं. इतना हंगामा होने के बाद भी अभी तक उनको सिर्फ आश्वासन देकर मनाया जाता रहा है. वहीं कवि सम्मेलन के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

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ऐसे में नगर परिषद की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े होते हैं कि जब भी नगरपरिषद के पास कर्मचारियों के वेतन के भुगतान की बात आती है, तो हर बार बजट के अभाव का हवाला देकर बात टाल दी जाती है. कवि सम्मेलन के आयोजन को लेकर बोर्ड के ही कई पार्षदों ने विरोध जताया है. पार्षदों का कहना है कि कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए बोर्ड की मीटिंग होनी चाहिए. लेकिन, सभापति ने बिना बोर्ड की मीटिंग किये ही इस कार्यक्रम का आयोजन करवाने का फैसला ले लिया.

Intro:झालावाड़ नगरपरिषद में एक तरफ तो कर्मचारियों को पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है, वहीं नगर परिषद के द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसका पार्षदों ने भी विरोध किया है। Body:झालावाड़ नगर परिषद कहने को तो कंगाली के दौर से गुजर रहा है। यहां पर कर्मचारियों को तो दूर सफाई कर्मियों को भी दो-तीन महीने से वेतन नहीं मिल पाया है लेकिन नगरपरिषद द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन बड़े जोर शोर से किया जा रहा है। जहां एक तरफ नगर परिषद के कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, वेतन को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दे चुके हैं और नगर परिषद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं उसके बावजूद अभी तक उनको सिर्फ आश्वासन देकर मनाया जाता रहा है। वहीं दूसरी ओर कवि सम्मेलन के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में नगर परिषद की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े होते हैं कि जब भी नगरपरिषद के पास कर्मचारियों के वेतन के भुगतान की बात आती तो हर बार बजट का अभाव है कहकर बात टाल दी जाती है लेकिन दूसरी ओर लाखों रुपए का कवि सम्मेलन नगर परिषद के द्वारा आयोजित कर दिया जाता है।

कवि सम्मेलन के आयोजन को लेकर बोर्ड के ही कई पार्षदों ने विरोध भी जताया है पार्षदों का कहना है कि कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए बोर्ड की मीटिंग होनी चाहिए लेकिन सभापति ने बिना बोर्ड की मीटिंग किये ही इस कार्यक्रम का आयोजन तय कर दिया।

गौरतलब है कि सफाई कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया है और नगर परिषद के सामने धरना प्रदर्शन भी किया है लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
Conclusion:बाइट 1 - फारूक अहमद (पार्षद)
बाइट 2 - गजेंद्र गुर्जर (पार्षद)
बाइट 3 - संजय (सफाईकर्मी)
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