झालावाड़. नगर परिषद कहने को तो कंगाली के दौर से गुजर रहा है. परिषद में कर्मचारियों को तो दूर, सफाई कर्मियों को भी दो-तीन महीने से एक टका नहीं मिला है. बावजूद इसके नगरपरिषद की ओर से बड़े जोरो- शोरो से कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सफाई कर्मियों को बेतन नहीं मिलने से शहर की साफ- सफाई भी नहीं हो पा रही है. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा रहा है.
बता दें कि नगर परिषद के कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दे चुके हैं. इतना हंगामा होने के बाद भी अभी तक उनको सिर्फ आश्वासन देकर मनाया जाता रहा है. वहीं कवि सम्मेलन के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
ऐसे में नगर परिषद की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े होते हैं कि जब भी नगरपरिषद के पास कर्मचारियों के वेतन के भुगतान की बात आती है, तो हर बार बजट के अभाव का हवाला देकर बात टाल दी जाती है. कवि सम्मेलन के आयोजन को लेकर बोर्ड के ही कई पार्षदों ने विरोध जताया है. पार्षदों का कहना है कि कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए बोर्ड की मीटिंग होनी चाहिए. लेकिन, सभापति ने बिना बोर्ड की मीटिंग किये ही इस कार्यक्रम का आयोजन करवाने का फैसला ले लिया.