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10 साल में पहला मौका, जब झालरापाटन में नहीं निकलेगी पशुपतिनाथ की शाही सवारी

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Published : Aug 3, 2020, 12:08 PM IST

झालरापाटन का पशुपतिनाथ मंदिर में पूरे राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों से सावन में श्रद्धालु आते हैं लेकिन कोरोना के कारण यहां होनेवाले आयोजनों पर इस बार असर पड़ा है. हर साल निकलनेवाली भगवान की शाही सवारी नहीं निकाली जाएगी.

jhalawar news, झालावाड़ का पशुपतिनाथ मंदिर
पशुपतिनाथ मंदिर से नहीं निकलेगी शाही सवारी

झालावाड़. झालरापाटन में सावन के आखिरी सोमवार को निकलने वाली भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी इस बार कोरोना के चलते नहीं निकलेगी. 10 सालों में यह पहला मौका होगा, जब पशुपतिनाथ की शाही सवारी नहीं निकाली जाएगी. हालांकि, मंदिर प्रशासन ने बताया कि आस्था नहीं टूटे इसको देखते हुए भगवान को पालकी में बिठाया जाएगा.

पशुपतिनाथ मंदिर से नहीं निकलेगी शाही सवारी

सावन में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. हर साल झालावाड़ के झालरापाटन में सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी निकाली जाती थी लेकिन इस साल ये शाही सवारी नहीं निकल पाएगी. मंदिर के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने बताया कि झालरापाटन में आस्था के केंद्र भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सावन के महीने में हजारों भक्त व श्रद्धालु पहुंचते हैं. हर सोमवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित मध्य प्रदेश के अनेक जिलों से कई कावड़ यात्राएं पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचती है. हर साल सावन के अंतिम सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी निकाली जाती है और नगर भ्रमण करवाया जाता है लेकिन इस साल कोरोना का संक्रमण होने की वजह से और केंद्र व राज्य सरकार के निर्देशों के चलते शाही सवारी व नगर भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें. चंद्रमौलेश्वर महादेव मंदिर : जहां पर चंद्रभागा नदी में स्नान के पश्चात पूजा करने पर होती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण

उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ की शाही सवारी की परंपरा नहीं टूटे, इसके लिए अब मंदिर परिसर में ही भगवान की पूजा-अर्चना कर पालकी में बिठाया जाएगा और पंडितों द्वारा अभिषेक करवाया जाएगा. शर्मा ने जानकारी दी कि भीड़भाड़ से बचने के लिए चंद्रभागा नदी को 61 मीटर चुनरी अर्पित कर 51 दीपकों से आरती भी की जाएगी.

झालावाड़. झालरापाटन में सावन के आखिरी सोमवार को निकलने वाली भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी इस बार कोरोना के चलते नहीं निकलेगी. 10 सालों में यह पहला मौका होगा, जब पशुपतिनाथ की शाही सवारी नहीं निकाली जाएगी. हालांकि, मंदिर प्रशासन ने बताया कि आस्था नहीं टूटे इसको देखते हुए भगवान को पालकी में बिठाया जाएगा.

पशुपतिनाथ मंदिर से नहीं निकलेगी शाही सवारी

सावन में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. हर साल झालावाड़ के झालरापाटन में सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी निकाली जाती थी लेकिन इस साल ये शाही सवारी नहीं निकल पाएगी. मंदिर के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने बताया कि झालरापाटन में आस्था के केंद्र भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सावन के महीने में हजारों भक्त व श्रद्धालु पहुंचते हैं. हर सोमवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित मध्य प्रदेश के अनेक जिलों से कई कावड़ यात्राएं पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचती है. हर साल सावन के अंतिम सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी निकाली जाती है और नगर भ्रमण करवाया जाता है लेकिन इस साल कोरोना का संक्रमण होने की वजह से और केंद्र व राज्य सरकार के निर्देशों के चलते शाही सवारी व नगर भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ की शाही सवारी की परंपरा नहीं टूटे, इसके लिए अब मंदिर परिसर में ही भगवान की पूजा-अर्चना कर पालकी में बिठाया जाएगा और पंडितों द्वारा अभिषेक करवाया जाएगा. शर्मा ने जानकारी दी कि भीड़भाड़ से बचने के लिए चंद्रभागा नदी को 61 मीटर चुनरी अर्पित कर 51 दीपकों से आरती भी की जाएगी.

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