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स्पेशल रिपोर्ट: जैविक खेती किसानों और स्वास्थ्य के लिए वरदान... मिलिए झालावाड़ के प्रभु लाल साहू से

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Published : Nov 5, 2019, 1:01 PM IST

झालावाड़ के सरेडी गांव में किसान प्रभु लाल साहू जैविक खेती करते है. जिसके बाद ये खेती और लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र बना गया है. यहीं नहीं जैविक खेती को देखने और सीखने के लिए देश- विदेश से लोग ट्रेनिंग लेने सरेडी गांव आते है. बता दें कि चौथी क्लास तक पढ़े प्रभु लाल साहू राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री की ओर से सम्मानित भी किए जा चुके है.

झालावाड़ में जैविक खेती, Organic farming of Jhalawar

झालावाड़. किसानों प्रभु लाल साहू ने 12 हैक्टेयर में अनाज, सब्जी और फलों की खेती को अपनाया है. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा भी मिल रहा है. जैविक खाद को वो खुद तैयार करते है. इसी के साथ-साथ उन्होंने लगभग 25 से 30 लोगों को रोजगार भी दे रखा है. खाद तैयार करने में कोई अतिरिक्त खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है. जैविक खेती ही शरीर को स्वस्थ रखने का सही उपाय है.

स्पेशल रिपोर्ट: जैविक खेती किसानों और स्वास्थ्य के लिए वरदान

जैविक खेती में जिलास्तर एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि पिछले कई साल से भूमि पर रासायनिक खेती को छोड़कर अनाज, सब्जी व फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है. अब जैविक खाद से उत्पन्न होने वाले फसल के अनाजों की मांग बढ़ गई है इसके अतिरिक्त आस-पास के गांवों में जैविक अनाज, सब्जी व फलों की डिमांड बढ़ रही है. वो बताते है कि भैंस का गोबर डालकर केचुएं की सहायता से जैविक खाद तैयार किया जाता है.

पढ़ें- कोटा में अन्नदाता पर कुदरत का कहर, अचानक हुई बारिश से किसानों के जींस भीगे, लाखों का नुकसान

किसान प्रभु लाल साहू अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं राष्ट्रपति से सम्मानित हुकुमचंद पाटीदार से समय-समय पर जैविक खेती का बारे में जानकारी लेते रहते हैं..वहीं जिले के सरेडी गांव में इन्हें देखकर लोग प्रेरित होते हैं और इनसे सीखने के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं.

गोमूत्र व घास से तैयार होती है कीटनाशक दवाएं
जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि बाजार में महंगे दामों पर मिलने वाली रासायनिक दवाओं के स्थान पर गोमूत्र, गाय के गोबर, नीम पत्ते, घास एवं आसानी से घर पर ही उपलब्ध होने वाली चीजों से कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है. जिससे पैदावार बढऩे के साथ-साथ विभिन्न रोगों से छुटकारा मिल जाता है.

सब्जियों के भी मिलते हैं दोगुने दाम
स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालने वाले रासायनिक अनाज एवं सब्जियों के स्थान पर लोग जैविक अनाज व सब्जियों को बढ़ावा दे रहे हैं. लोग किसानों से पकने से पहले ही गेहूं की बुकिंग कर जाते हैं. किसानों का कहना है कि बाजार में रासायनिक गेहूं 1800 से 2000 तक बिकता है, लेकिन जैविक गेहूं के लिए लोग चार से पांच हजार प्रति क्विटंल तक लेने को तैयार हो जाते हैं.
झालावाड़ जिले के अंदर धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर रुझान लोगों का बढ़ता जा रहा है. किसान प्रभु लाल साहू ने बताया कि मेरे खेत पर लोगों को रोजगार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा मिल रहा है और इसको देखकर जैविक खेती की ओर लोग प्रेरित हो रहा है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : प्रदेश में सबसे ज्यादा मटर की फसल बूंदी में, इस बार अच्छे जमाने की आस

वहीं प्रभु लाल साहू ने बताया कि अगले वर्ष उनका धनिया अमेरिका, नेपाल बिकने के लिए भेजा गया था. जहां पर भी अच्छी मांग है. उन्होंने बताया कि बढ़ते जैविक खेती के उत्पादों की मांग तेजी से हो रही है. उनके खेत पर पपीता, आंवला, कटहल, अमरूद अच्छी काफी मांग चल रही है. जैविक खेती के बढ़ते रुझान को देखते हुए लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. देश-विदेश के लोग झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचते हैं. कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी कई बार इसका अवलोकन कर चुके हैं.

झालावाड़. किसानों प्रभु लाल साहू ने 12 हैक्टेयर में अनाज, सब्जी और फलों की खेती को अपनाया है. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा भी मिल रहा है. जैविक खाद को वो खुद तैयार करते है. इसी के साथ-साथ उन्होंने लगभग 25 से 30 लोगों को रोजगार भी दे रखा है. खाद तैयार करने में कोई अतिरिक्त खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है. जैविक खेती ही शरीर को स्वस्थ रखने का सही उपाय है.

स्पेशल रिपोर्ट: जैविक खेती किसानों और स्वास्थ्य के लिए वरदान

जैविक खेती में जिलास्तर एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि पिछले कई साल से भूमि पर रासायनिक खेती को छोड़कर अनाज, सब्जी व फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है. अब जैविक खाद से उत्पन्न होने वाले फसल के अनाजों की मांग बढ़ गई है इसके अतिरिक्त आस-पास के गांवों में जैविक अनाज, सब्जी व फलों की डिमांड बढ़ रही है. वो बताते है कि भैंस का गोबर डालकर केचुएं की सहायता से जैविक खाद तैयार किया जाता है.

पढ़ें- कोटा में अन्नदाता पर कुदरत का कहर, अचानक हुई बारिश से किसानों के जींस भीगे, लाखों का नुकसान

किसान प्रभु लाल साहू अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं राष्ट्रपति से सम्मानित हुकुमचंद पाटीदार से समय-समय पर जैविक खेती का बारे में जानकारी लेते रहते हैं..वहीं जिले के सरेडी गांव में इन्हें देखकर लोग प्रेरित होते हैं और इनसे सीखने के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं.

गोमूत्र व घास से तैयार होती है कीटनाशक दवाएं
जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि बाजार में महंगे दामों पर मिलने वाली रासायनिक दवाओं के स्थान पर गोमूत्र, गाय के गोबर, नीम पत्ते, घास एवं आसानी से घर पर ही उपलब्ध होने वाली चीजों से कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है. जिससे पैदावार बढऩे के साथ-साथ विभिन्न रोगों से छुटकारा मिल जाता है.

सब्जियों के भी मिलते हैं दोगुने दाम
स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालने वाले रासायनिक अनाज एवं सब्जियों के स्थान पर लोग जैविक अनाज व सब्जियों को बढ़ावा दे रहे हैं. लोग किसानों से पकने से पहले ही गेहूं की बुकिंग कर जाते हैं. किसानों का कहना है कि बाजार में रासायनिक गेहूं 1800 से 2000 तक बिकता है, लेकिन जैविक गेहूं के लिए लोग चार से पांच हजार प्रति क्विटंल तक लेने को तैयार हो जाते हैं.
झालावाड़ जिले के अंदर धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर रुझान लोगों का बढ़ता जा रहा है. किसान प्रभु लाल साहू ने बताया कि मेरे खेत पर लोगों को रोजगार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा मिल रहा है और इसको देखकर जैविक खेती की ओर लोग प्रेरित हो रहा है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : प्रदेश में सबसे ज्यादा मटर की फसल बूंदी में, इस बार अच्छे जमाने की आस

वहीं प्रभु लाल साहू ने बताया कि अगले वर्ष उनका धनिया अमेरिका, नेपाल बिकने के लिए भेजा गया था. जहां पर भी अच्छी मांग है. उन्होंने बताया कि बढ़ते जैविक खेती के उत्पादों की मांग तेजी से हो रही है. उनके खेत पर पपीता, आंवला, कटहल, अमरूद अच्छी काफी मांग चल रही है. जैविक खेती के बढ़ते रुझान को देखते हुए लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. देश-विदेश के लोग झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचते हैं. कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी कई बार इसका अवलोकन कर चुके हैं.

Intro:अकलेरा झालावाड़ हेमराज शर्मा 9950555135


/झालावाड़ /जिले के सरेडी गांव में आधुनिक तरीके से खेती की जाती है वहीं लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है ---वहीं इस खेती को देखने के लिए देश और विदेशों से प्रशिक्षण लेने के लिए सरेडी गांव के कक्षा चार तक पढ़े लिखे प्रभु लाल साहू राजस्थान सरकार कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित भी किए हैं।

बाजार में अधिक दामों पर मिलने वाले रासायनिक उर्वरक एवं दवाओं से तैयार होने वाली फसलों से छुटकारा पाने के लिए किसानों का जैविक खेती की ओर रुझान बढ़ने लगा है। इस बार झालावाड़ जिले के सरेडी गांव के प्रभु लाल साहू
किसानों ने 12 हैक्टेयर में अनाज, सब्जी एवं फलों की खेती को अपनाया है। इससे किसानों का कम लागत में अधिक मुनाफा भी मिल रहा है। जैविक खाद तैयार करने के लिए कृषि अपने हाथों से खुद स्वयं तैयार करते हैं इसी के साथ साथ इन्होंने लगभग 25 से 30 लोगों को रोजगार भी दे रखा है इससे किसानों को खाद तैयार करने में कोई अतिरिक्त खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है। कस्बे के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने रासायनिक को छोड़कर जैविक खेती करना शुरू किया है। इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा मिल रहा है। खरीददार किसानों से सीधे ही जैविक सब्जियों व अनाज खरीद रहे हैं। किसानों का मानना है कि रासायनिक खाद एवं दवाओं के छिड़काव के तैयार होने वाली फसल एवं सब्जियां शरीर में विभिन्न बीमारियों को जन्म देती है तथा दुधारू पशुओं को भी हरे चारे में नुकसान होता है। ऐसे में जैविक खेती ही स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने का सही उपाय है।

गोबर से तैयार होता है जैविक खाद

जैविक खेती में जिलास्तर एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि पिछले कई साल से भूमि पर रासायनिक खेती को छोड़कर अनाज, सब्जी व फलों की खेती कर रहे हैं, जिनमें जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है। झालावाड़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गांव कस्बे ढाणी एवं विदेशों में भी अब जैविक खाद से उत्पन्न होने वाले फसल के अनाजों की मांग बढ़ गई है इसके
अतिरिक्त आस-पास के गांवों में जैविक अनाज, सब्जी व फलों की डिमांड बढ़ रही है। वर्मीकंपोस्ट इकाई का निर्माण कराया गया है। इसमें भैंस का गोबर डालकर केचुएं की सहायता से जैविक खाद तैयार किया जाता है।

गोमूत्र व घास से तैयार होती है कीटनाशक दवाएं

जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि बाजार में महंगे दामों पर मिलने वाली रासायनिक दवाओं के स्थान पर गोमूत्र, गाय के गोबर, नीम पत्ते, घास एवं आसानी से घर पर ही उपलब्ध होने वाली चीजों से कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है। जिससे पैदावार बढऩे के साथ-साथ विभिन्न रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

सब्जियों के भी मिलते हैं दोगुने दाम

स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालने वाले रासायनिक अनाज एवं सब्जियों के स्थान पर लोग जैविक अनाज व सब्जियों को बढ़ावा दे रहे हैं। लोग किसानों से पकने से पहले ही गेहूं की बुकिंग कर जाते हैं। किसानों का कहना है कि बाजार में रासायनिक गेहूं 1800 से 2000 तक बिकता है, लेकिन जैविक गेहूं के लिए लोग चार से पांच हजार प्रति क्विटंल तक लेने को तैयार हो जाते हैं।

किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं । किसान प्रभु लाल साहू अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं राष्ट्रपति से सम्मानित हुकुमचंद पाटीदार द्वारा समय-समय पर जैविक खेती का बारे में जानकारी लेते रहते हैं झालावाड़ जिले के अंदर धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ता जा रहा है रुझान लोगों को धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए एक अच्छी पहल है वही प्रभु लाल साहू ने बताया कि मेरे खेत पर लोगों को रोजगार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा मिल रहा है और इसको देखकर जैविक खेती की ओर प्रेरित हो रहा है वही प्रभु लाल साहू ने बताया कि अगले वर्ष उनका धनिया अमेरिका नेपाल गया था बिकने के लिए भेजा गया था जहां पर भी अच्छी भांग है बढ़ते जैविक खेती के उत्पादों की मांग जोरों शोरों पर चल रही है वही के खेत पर बबीता आंवला कटहल अमरूद अच्छी काफी मांग चल रही है


जैविक खेती के बढ़ते रुझान को देखते हुए लोग इसकी और पर आकर्षित हो रहे हैं देश विदेश के लोग राजस्थान झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचते हैं कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं कि कहीं बाहर इसका अवलोकन कर चुके हैं पहला नंबर वन यहां पर शुद्ध सात्विक सारा खेती में उपयोग होने वाला जैविक खाद यहीं पर तैयार किया जाता है दूसरा समस्त प्रकार की सब्जियां यहीं पर जैविक खाद द्वारा ही उत्पन्न की जाती है हेलो में अगर देखा जाए तो सरकार के जैविक खेती द्वारा ही उत्पन्न किए गए यहां पर सारा सिस्टम जैविक खेती पर आधारित लोगों के लिए एक आकर्षक का केंद्र भी बना हुआ है यहां पर सीखने के लिए भी आते हैं झालावाड़ जिले में बहुत ही शानदार पहल है जिससे कि किसानों को केमिकल व शहरी क्षेत्र से निजात मिलने के आसार नजर आ रहे हैं वही जैविक खेती की ओर बढ़ते कदम एक नए आयाम को जन्म देने वाले हैं ईटीवी भारत के रिपोर्टर हेमराज शर्मा ने झालावाड़ के शिरडी गांव में जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू जोकि हाली कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित किए गए वहीं विभिन्न राज्यों में भी सम्मानित हो चुके

वही सबसे बड़ी बात यह है कि इन्होंने बिल्कुल हाय मॉडर्न टेक्नोलॉजी और सुशोभित सुंदर तरीके से खेती को नया आयाम दिया एक तरफ सुंदर सा बगीचा दूसरी तरफ सब्जियों का बागवान तैयार कर रखा है आई लव यू मोरे टेक्नोलॉजी एवं साफ-सुथरी सुनियोजित करके खेती को एक अलग ही स्वरूप दे दिया और एक आकर्षक का केंद्र बना दिया जिसे देखने के लिए लोगों बड़े लालायित होते हैं देखने के लिए हो भी क्यों ना क्योंकि इन्होंने पूरा सिस्टम ही जैविक खेती पर आधारित सिस्टम से डालेगी नया रूप दिया जिसमें बागवान को एक अलग ही रूप देखकर जिले में अपना नाम रोशन किया ईटीवी भारत की टीम जब पहुंची वहां पर तुम वहां पर देखा कि सिस्टम के तरीके से खाद जैविक बनाने का सिस्टम अलग जगह बना रखा है मैं कीटनाशक दवाओं का सिस्टम अलग जगह बना रखा है पशुओं के लिए अलग से ही जगह सुनिश्चित कर रखी है सब्जियों के लिए भी एवं फल फ्रूट के लिए अलग से बगीचा शानदार और सुंदर रूप दे रखा है एक अनूठी मिसाल है झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में वहीं इन्हें देखकर लोग प्रेरित होते हैं और इनसे सीखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं । वहीं की खेती को देखने के लिए हर तबके का जनप्रतिनिधि अधिकारी किसान वर्ग सभी लोग सिर्फ जैविक खेती की पद्धति और यहां की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं जो इन्होंने बहुत खूब अदा की ढंग से सुशोभित किया है एक मिसाल के रूप में इन्होंने अलग पहल करके पेश कीBody:राजस्थान के झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में जैविक खेती बनी एक मिसाल इस अनूठी पहल को देखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रीय के छात्र-छात्राएं एवं देश विदेश के लोग देखने के लिए पहुंचते हैं और इसके ऊपर रिसर्च करके जैविक खेती पर जानकारियां जुटा ते हैं इसके लिए जिले में एक अनूठी पहल मिसाल के रूप में उभर कर आई है

जैविक खेती किसान प्रभु लाल साहू बताते हैं कि जैविक खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा रहा है वहीं 12 एकड़ भूमि में जैविक खेती करते हैं इसी खेती के अंदर 25 से 30 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रखा है जैविक खेती के लिए गोबर खाद एवं कीटनाशक दवाई स्वयं तैयार करते हैं

जैविक खेती केंद्र एक मिसाल के रूप में उभर कर आया है जिसे देखने के लिए सभी वर्गों के लोग यहां पर पहुंचते हैं वही झालावाड़ जिले के एक छोटे से गांव में जैविक खेती का रुझान अब आसपास के क्षेत्रों में भी बढ़ने लगा लोग जैविक खेती की ओर आकर्षित नजर आ रहे हैंConclusion:अकलेरा झालावाड़ हेमराज शर्मा 9950555135


/झालावाड़ /जिले के सरेडी गांव में आधुनिक तरीके से खेती की जाती है वहीं लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है ---वहीं इस खेती को देखने के लिए देश और विदेशों से प्रशिक्षण लेने के लिए सरेडी गांव के कक्षा चार तक पढ़े लिखे प्रभु लाल साहू राजस्थान सरकार कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित भी किए हैं।

बाजार में अधिक दामों पर मिलने वाले रासायनिक उर्वरक एवं दवाओं से तैयार होने वाली फसलों से छुटकारा पाने के लिए किसानों का जैविक खेती की ओर रुझान बढ़ने लगा है। इस बार झालावाड़ जिले के सरेडी गांव के प्रभु लाल साहू
किसानों ने 12 हैक्टेयर में अनाज, सब्जी एवं फलों की खेती को अपनाया है। इससे किसानों का कम लागत में अधिक मुनाफा भी मिल रहा है। जैविक खाद तैयार करने के लिए कृषि अपने हाथों से खुद स्वयं तैयार करते हैं इसी के साथ साथ इन्होंने लगभग 25 से 30 लोगों को रोजगार भी दे रखा है इससे किसानों को खाद तैयार करने में कोई अतिरिक्त खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है। कस्बे के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने रासायनिक को छोड़कर जैविक खेती करना शुरू किया है। इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा मिल रहा है। खरीददार किसानों से सीधे ही जैविक सब्जियों व अनाज खरीद रहे हैं। किसानों का मानना है कि रासायनिक खाद एवं दवाओं के छिड़काव के तैयार होने वाली फसल एवं सब्जियां शरीर में विभिन्न बीमारियों को जन्म देती है तथा दुधारू पशुओं को भी हरे चारे में नुकसान होता है। ऐसे में जैविक खेती ही स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने का सही उपाय है।

गोबर से तैयार होता है जैविक खाद

जैविक खेती में जिलास्तर एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि पिछले कई साल से भूमि पर रासायनिक खेती को छोड़कर अनाज, सब्जी व फलों की खेती कर रहे हैं, जिनमें जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है। झालावाड़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गांव कस्बे ढाणी एवं विदेशों में भी अब जैविक खाद से उत्पन्न होने वाले फसल के अनाजों की मांग बढ़ गई है इसके
अतिरिक्त आस-पास के गांवों में जैविक अनाज, सब्जी व फलों की डिमांड बढ़ रही है। वर्मीकंपोस्ट इकाई का निर्माण कराया गया है। इसमें भैंस का गोबर डालकर केचुएं की सहायता से जैविक खाद तैयार किया जाता है।

गोमूत्र व घास से तैयार होती है कीटनाशक दवाएं

जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू का कहना है कि बाजार में महंगे दामों पर मिलने वाली रासायनिक दवाओं के स्थान पर गोमूत्र, गाय के गोबर, नीम पत्ते, घास एवं आसानी से घर पर ही उपलब्ध होने वाली चीजों से कीटनाशक दवाओं को तैयार किया जाता है। जिससे पैदावार बढऩे के साथ-साथ विभिन्न रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

सब्जियों के भी मिलते हैं दोगुने दाम

स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालने वाले रासायनिक अनाज एवं सब्जियों के स्थान पर लोग जैविक अनाज व सब्जियों को बढ़ावा दे रहे हैं। लोग किसानों से पकने से पहले ही गेहूं की बुकिंग कर जाते हैं। किसानों का कहना है कि बाजार में रासायनिक गेहूं 1800 से 2000 तक बिकता है, लेकिन जैविक गेहूं के लिए लोग चार से पांच हजार प्रति क्विटंल तक लेने को तैयार हो जाते हैं।

किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं । किसान प्रभु लाल साहू अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं राष्ट्रपति से सम्मानित हुकुमचंद पाटीदार द्वारा समय-समय पर जैविक खेती का बारे में जानकारी लेते रहते हैं झालावाड़ जिले के अंदर धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ता जा रहा है रुझान लोगों को धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए एक अच्छी पहल है वही प्रभु लाल साहू ने बताया कि मेरे खेत पर लोगों को रोजगार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा मिल रहा है और इसको देखकर जैविक खेती की ओर प्रेरित हो रहा है वही प्रभु लाल साहू ने बताया कि अगले वर्ष उनका धनिया अमेरिका नेपाल गया था बिकने के लिए भेजा गया था जहां पर भी अच्छी भांग है बढ़ते जैविक खेती के उत्पादों की मांग जोरों शोरों पर चल रही है वही के खेत पर बबीता आंवला कटहल अमरूद अच्छी काफी मांग चल रही है


जैविक खेती के बढ़ते रुझान को देखते हुए लोग इसकी और पर आकर्षित हो रहे हैं देश विदेश के लोग राजस्थान झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचते हैं कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं कि कहीं बाहर इसका अवलोकन कर चुके हैं पहला नंबर वन यहां पर शुद्ध सात्विक सारा खेती में उपयोग होने वाला जैविक खाद यहीं पर तैयार किया जाता है दूसरा समस्त प्रकार की सब्जियां यहीं पर जैविक खाद द्वारा ही उत्पन्न की जाती है हेलो में अगर देखा जाए तो सरकार के जैविक खेती द्वारा ही उत्पन्न किए गए यहां पर सारा सिस्टम जैविक खेती पर आधारित लोगों के लिए एक आकर्षक का केंद्र भी बना हुआ है यहां पर सीखने के लिए भी आते हैं झालावाड़ जिले में बहुत ही शानदार पहल है जिससे कि किसानों को केमिकल व शहरी क्षेत्र से निजात मिलने के आसार नजर आ रहे हैं वही जैविक खेती की ओर बढ़ते कदम एक नए आयाम को जन्म देने वाले हैं ईटीवी भारत के रिपोर्टर हेमराज शर्मा ने झालावाड़ के शिरडी गांव में जैविक खेती करने वाले किसान प्रभु लाल साहू जोकि हाली कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित किए गए वहीं विभिन्न राज्यों में भी सम्मानित हो चुके

वही सबसे बड़ी बात यह है कि इन्होंने बिल्कुल हाय मॉडर्न टेक्नोलॉजी और सुशोभित सुंदर तरीके से खेती को नया आयाम दिया एक तरफ सुंदर सा बगीचा दूसरी तरफ सब्जियों का बागवान तैयार कर रखा है आई लव यू मोरे टेक्नोलॉजी एवं साफ-सुथरी सुनियोजित करके खेती को एक अलग ही स्वरूप दे दिया और एक आकर्षक का केंद्र बना दिया जिसे देखने के लिए लोगों बड़े लालायित होते हैं देखने के लिए हो भी क्यों ना क्योंकि इन्होंने पूरा सिस्टम ही जैविक खेती पर आधारित सिस्टम से डालेगी नया रूप दिया जिसमें बागवान को एक अलग ही रूप देखकर जिले में अपना नाम रोशन किया ईटीवी भारत की टीम जब पहुंची वहां पर तुम वहां पर देखा कि सिस्टम के तरीके से खाद जैविक बनाने का सिस्टम अलग जगह बना रखा है मैं कीटनाशक दवाओं का सिस्टम अलग जगह बना रखा है पशुओं के लिए अलग से ही जगह सुनिश्चित कर रखी है सब्जियों के लिए भी एवं फल फ्रूट के लिए अलग से बगीचा शानदार और सुंदर रूप दे रखा है एक अनूठी मिसाल है झालावाड़ जिले के सरेडी गांव में वहीं इन्हें देखकर लोग प्रेरित होते हैं और इनसे सीखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं । वहीं की खेती को देखने के लिए हर तबके का जनप्रतिनिधि अधिकारी किसान वर्ग सभी लोग सिर्फ जैविक खेती की पद्धति और यहां की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं जो इन्होंने बहुत खूब अदा की ढंग से सुशोभित किया है एक मिसाल के रूप में इन्होंने अलग पहल करके पेश की
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