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स्पेशल रिपोर्ट: मार्केट का नया ट्रेंड... विंडो शॉपिंग करने आते कस्टमर, खरीदारी ऑनलाइन

वक्त के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मार्केट में नया ट्रेंड चल रहा है. वो ट्रेंड है विंडो शॉपिंग का. ऐसे में कस्टमर शोरूम या दुकानों पर जाते है तो है लेकिन सिर्फ प्रोडक्ट की जानकारी लेने और कीमत का हवाला देते है चले जाते है. ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग व्यापारियों के लिए बड़ा दर्द बनता जा रहा है. देखिए झालावाड़ से स्पेशल रिपोर्ट

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Published : Oct 26, 2019, 4:24 AM IST

online shopping, ऑनलाइन शॉपिंग, शॉपिंग का नया ट्रेंड

झालावाड़. दीपावली का त्योहार है. जहां पहले मार्केट में चहल-पहल रहती थी. लेकिन अब दो-तीन सालों से शॉपिंग का नया ट्रेंड चल गया है. जी हां वो ट्रेंड है विंडो शॉपिंग का लोग आते तो है दुकान और शोरूम में लेकिन, सिर्फ प्रोडक्ट की जानकारी लेने के लिए और खरीदारी ऑनलाइन करते है. ऐसे में दुकानदारों के लिए ये ऑनलाइन शॉपिंग नासूर बन गई है. सीधे तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग से कारोबारियों को बड़ी मार मिल पर रही है. इसी दर्द को जानने के लिए ईटीवी भारत झालावाड़ के मार्केट में पहुंचा. जहां इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और मोबाइल शोरूम मालिकों से बात करने की कोशिश की.

मार्केट का नया ट्रेंड... विंडो शॉपिंग करने आते कस्टमर

ऑनलाइन शॉपिंग बना व्यापारियों के लिए दर्द
दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों को ऑनलाइन यह सब चीजें काफी सस्ती दिखाई जाती है. जिसके चलते लोग वहीं से खरीदना पसंद करते हैं और जो लोग यहां आते भी है वो यह कह कर वापस चले जाते हैं कि इससे सस्ता तो ऑनलाइन ही मिल रहा है. कई दुकानदारों ने तो यह तक कहा कि ग्राहक सामान तो यहां देखते हैं और जाकर ऑनलाइन खरीद लेते हैं. ऐसे में दुकानदारों के मेंटेनेंस व मजदूरों का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. वहीं जब स्मार्टफोन की दुकानों की स्थिति जानने की कोशिश की जहां हमें ग्राहक तो खूब नजर आए, लेकिन ज्यादातर मोल भाव करते हुए ही वापस लौट गए. मोबाइल विक्रताओं ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण ग्राहकों की संख्या बहुत हद तक घट कर रह गई है.

पढ़ें- इस दिवाली नहीं रहेगी गरीबों की झोली खाली, क्योंकि टीम निवाला लाया है 'हैप्पी किट

ऑनलाइन ऑफर ग्राहकों को खूब लुभा रहे
इतना ही नहीं ऑनलाइन पर मिलने वाले ऑफर भी ग्राहकों को खूब लुभा रहे है. ऑर्डर करने से पहले वो सिर्फ प्रोडक्ट की जानकारी लेने ही शोरूम पर आ रहे है और फिर कीमत का हवाला देते हुए शोरूम से चले जाते है. ग्राहकों के इस बर्ताव से खुद दुकानदार सोच में है कि क्या करें. लेकिन कस्टमर तो कस्टमर होता है. उसको जहां सस्ता मिलता है वो वहीं जाता है. वहीं दूसरी ओर दुकान में मौजूद फाइनेंस कम्पनी के कमर्चारी से बात की तो उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग में मिल रहे ऑफर और ईएमआई ऑप्शन से दुकानों में ग्राहक नहीं आ रहे है.

पढ़ें- देशभर में दिवाली की धूम तो कुछ बच्चे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने को हैं मजबूर

तेजी से बदल शॉपिंग का कल्चर
सीधे तौर पर समय के साथ शॉपिंग का कल्चर भी तेजी से बदल रहा है. पिछले कुछ साल में जहां पहले मॉल में शॉपिंग का क्रेज बढ़ा है तो अब ऑनलाइन शॉपिंग भी लोगों को खूब लुभा रहा है. इसलिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन देखने के बाद कस्टमर को जहां सस्ता मिलता है वो वहीं से से प्रोडक्ट खरीदना पसंद करता हैं.

झालावाड़. दीपावली का त्योहार है. जहां पहले मार्केट में चहल-पहल रहती थी. लेकिन अब दो-तीन सालों से शॉपिंग का नया ट्रेंड चल गया है. जी हां वो ट्रेंड है विंडो शॉपिंग का लोग आते तो है दुकान और शोरूम में लेकिन, सिर्फ प्रोडक्ट की जानकारी लेने के लिए और खरीदारी ऑनलाइन करते है. ऐसे में दुकानदारों के लिए ये ऑनलाइन शॉपिंग नासूर बन गई है. सीधे तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग से कारोबारियों को बड़ी मार मिल पर रही है. इसी दर्द को जानने के लिए ईटीवी भारत झालावाड़ के मार्केट में पहुंचा. जहां इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और मोबाइल शोरूम मालिकों से बात करने की कोशिश की.

मार्केट का नया ट्रेंड... विंडो शॉपिंग करने आते कस्टमर

ऑनलाइन शॉपिंग बना व्यापारियों के लिए दर्द
दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों को ऑनलाइन यह सब चीजें काफी सस्ती दिखाई जाती है. जिसके चलते लोग वहीं से खरीदना पसंद करते हैं और जो लोग यहां आते भी है वो यह कह कर वापस चले जाते हैं कि इससे सस्ता तो ऑनलाइन ही मिल रहा है. कई दुकानदारों ने तो यह तक कहा कि ग्राहक सामान तो यहां देखते हैं और जाकर ऑनलाइन खरीद लेते हैं. ऐसे में दुकानदारों के मेंटेनेंस व मजदूरों का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. वहीं जब स्मार्टफोन की दुकानों की स्थिति जानने की कोशिश की जहां हमें ग्राहक तो खूब नजर आए, लेकिन ज्यादातर मोल भाव करते हुए ही वापस लौट गए. मोबाइल विक्रताओं ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण ग्राहकों की संख्या बहुत हद तक घट कर रह गई है.

पढ़ें- इस दिवाली नहीं रहेगी गरीबों की झोली खाली, क्योंकि टीम निवाला लाया है 'हैप्पी किट

ऑनलाइन ऑफर ग्राहकों को खूब लुभा रहे
इतना ही नहीं ऑनलाइन पर मिलने वाले ऑफर भी ग्राहकों को खूब लुभा रहे है. ऑर्डर करने से पहले वो सिर्फ प्रोडक्ट की जानकारी लेने ही शोरूम पर आ रहे है और फिर कीमत का हवाला देते हुए शोरूम से चले जाते है. ग्राहकों के इस बर्ताव से खुद दुकानदार सोच में है कि क्या करें. लेकिन कस्टमर तो कस्टमर होता है. उसको जहां सस्ता मिलता है वो वहीं जाता है. वहीं दूसरी ओर दुकान में मौजूद फाइनेंस कम्पनी के कमर्चारी से बात की तो उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग में मिल रहे ऑफर और ईएमआई ऑप्शन से दुकानों में ग्राहक नहीं आ रहे है.

पढ़ें- देशभर में दिवाली की धूम तो कुछ बच्चे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने को हैं मजबूर

तेजी से बदल शॉपिंग का कल्चर
सीधे तौर पर समय के साथ शॉपिंग का कल्चर भी तेजी से बदल रहा है. पिछले कुछ साल में जहां पहले मॉल में शॉपिंग का क्रेज बढ़ा है तो अब ऑनलाइन शॉपिंग भी लोगों को खूब लुभा रहा है. इसलिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन देखने के बाद कस्टमर को जहां सस्ता मिलता है वो वहीं से से प्रोडक्ट खरीदना पसंद करता हैं.

Intro:दिवाली के त्यौहार को देखते हुए ईटीवी भारत ने झालावाड़ के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के बाजारों की स्थिति जानने का प्रयास किया. जिसमें दुकानदार ग्राहक न होने से परेशान नजर आए तो वही ग्राहक जेब में पैसे नहीं होने से निराश नजर आए.


Body:दीपावली पर धन-संपत्ति की देवी के रूप में लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है. दीपावली के सीजन में हर वर्ग के पास लक्ष्मी... यानी की पैसे आने की उम्मीद रहती है. जहां किसानों के पास फसल बेचने से अच्छा पैसा आने की उम्मीद रहती है तो वहीं दुकानदारों को भी इस सीजन में अच्छे व्यापार की उम्मीद रहती है. ऐसे में लोग इस त्योहारी सीजन में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स व सोने-चांदी के जवाहरात खरीदना शुभ मानते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस बार के दीपावली के त्यौहार पर झालावाड़ के बाजारों की स्थिति जानने का प्रयास किया. ऐसे में हम झालावाड़ शहर के मुख्य बाजार की कई इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर गए. जहां दुकानदारों के चेहरे का रंग बाजारों की तरह फीका नजर आया. दुकानदारों ने बेचने के लिए टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मिक्सी, कूलर, मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट आदि सामानों से दुकानें व शोरूम तो भर लिए लेकिन अगर बाजारों में कहीं कमी है तो वह ग्राहकों की है. दुकानदारों का कहना है कि बेचने के लिए उन्होंने सामान तो खूब मंगा लिए हैं लेकिन ग्राहक ही नहीं आ रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम ग्राहक इस बार बाजार में आ रहे है और उनमें से भी आधे बिना खरीदारी किए हुए ही लौट रहे हैं. दुकानदारों ने बिक्री नहीं होने की सबसे बड़ी वजह है बताई है ऑनलाइन शॉपिंग.. दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों को ऑनलाइन यह सब चीजें काफी सस्ती दिखाई जाती है जिसके चलते लोग वहीं से खरीदना पसन्द करते हैं और जो लोग यहाँ आते भी है वो यह कह कर वापस चले जाते हैं कि इससे सस्ता तो ऑनलाइन ही मिल रहा है. कई दुकानदारों ने तो यह तक कहा कि ग्राहक सामान तो यहां देखते हैं और जाकर ऑनलाइन खरीद लेते हैं. ऐसे में दुकानदारों के मेंटेनेंस व मजदूरों का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. हमने स्मार्टफोन की दुकानों पर भी जाकर स्थिति जानने की कोशिश की जहां हमें ग्राहक तो खूब नजर आए लेकिन ज्यादातर मोल भाव करते हुए ही वापस लौट गए. मोबाइल विक्रताओं ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण ग्राहकों की संख्या बहुत हद तक घट कर रह गई है. पिछली बार के मुकाबले 35 प्रतिशत ग्राहक भी नही आ रहे हैं. वही जब हमने खरीददारी करने आये ग्राहकों स्थिति जानने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया कि हर साल वो दीवाली पर अनेक प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदते थे लेकिन इस बार मोबाइल या गिने-चुने आइटम ही खरीद रहे हैं. उनका कहना था इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि इस बार किसानों की फसलें बाढ़ की वजह से खराब हो गई है. जिसके चलते उनके पास पैसा नहीं आ पाया है. ऐसे में लोग पैसा नहीं होने के कारण खरीददारी नही कर पा रहे है इस दौरान हमने फाइनेंस कम्पनी के कमर्चारी जिनकी बाजार पर अच्छी खासी पकड़ होती है उनसे भी बात की तो उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी के एजेंट्स अलग-अलग दुकानों पर बैठे रहते हैं लेकिन वहां पर कस्टमर नहीं आ रहे हैं. लोगों के पास सामान की पूरी कीमत चुकाने के दूर फाइनेंस करवाने जितने भी पैसे नहीं हैं.


Conclusion:बाइट 1 - जसबीर सिंह (शोरूम के मालिक) बाइट 2 - हैदर अली (मोबाइल विक्रेता) बाइट 3 - अवदेश कुमार मीणा (ग्राहक) बाइट 4 - कालूलाल (ग्राहक) बाइट 5 - जावेद अली (इंश्योरेंस कंपनी के एजेंट)
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