झालावाड़. कोरोना के दौर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कई मामले आपने देखें होंगे. लेकिन झालावाड़ में (Corona In Jhalawar Rajasthan) एक अनोखा ही मामला सामने आया है. यहां एक घंटे पहले तो व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव (Corona Report Negligence In Jhalawar) आती है और 3 घंटे बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है. ऐसा एक मामले में नहीं बल्कि दो-दो बार हुआ है. जिसके बाद झालावाड़ की मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश बृजेश पवार ने मेडिकल कॉलेज के डीन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तलब किया है.
ये है पूरा मामला : जिला न्यायालय में कार्यरत धीरज सिंह राठौड़ और गौरव शर्मा ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की लैब में अपना कोरोना सैंपल दिया था. जिसमें धीरज सिंह राठौड़ 4.30 बजे रिपोर्ट नेगेटिव आने का मैसेज आता है. जिसके बाद उसी दिन 7.20 बजे फिर से मैसेज आता है जिसमें इनको पॉजीटिव बता दिया जाता है. इसके अलावा गौरव शर्मा को भी पहले नेगेटिव बताया जाता है और उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फोन करके कहा जाता है कि आप निगेटिव नहीं बल्कि कोरोना पॉजिटिव हैं.
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दोनों व्यक्तियों ने इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में अब एमएसीटी कोर्ट के न्यायाधीश बृजेश पवार ने इस मामले को आपराधिक अपकृत्य की श्रेणी में मानते हुए लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर मेडिकल कॉलेज के डीन और सीएमएचओ से जवाब तलब किया है.