झालावाड़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) कोटा ग्रामीण की टीम ने झालावाड़ में कार्रवाई करते हुए जेलर को 10 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी ने परिवादी से उसकी जेल में बंद मां से लगातार फोन पर बात करवाने और तंग नहीं करने की एवज में यह रिश्वत की राशि ली थी.
साथ ही जेलर करण सिंह खुद ही रिश्वत की राशि को लेने के लिए परिवादी को एलआईसी (LIC) बिल्डिंग के नजदीक बुलाया. जहां पर उसने यह रुपए ले लिए थे. जिसके बाद एसीबी (ACB) की टीम ने उन्हें दबोच लिया और रिश्वत की राशि उनके पास से बरामद की गई. उनसे पूछताछ की जा रही है, साथ ही मौके पर कार्रवाई जारी है.
मामले के अनुसार खानपुर इलाके की संतोष झालावाड़ सेंट्रल जेल में बंद है. संतोष मीणा ने अपने बेटे भवानी शंकर को फोन किया था कि जेलर करण सिंह को 20 हजार रुपए पहुंचा दिया जाए, ताकि वह उसे जेल में सजा काटने के दौरान परेशान नहीं किया जाएगा. साथ ही लगातार फोन से भी वह संतोष को बात करवाने देंगे.
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इस संबंध में भवानी शंकर ने 26 जुलाई को कोटा एसीबी ग्रामीण (Kota ACB Rural) की टीम को इस संबंध में शिकायत की. जिस पर सत्यापन करवाया गया. इस सत्यापन के दौरान भवानी शंकर के पास उसकी मां संतोष का फोन आया. जिस पर उसने कहा कि उसके पास अभी 20 हजार रुपए नहीं है. जिसके बाद तय हुआ कि वह 10 हजार रुपए की रिश्वत राशि ही जेलर करण सिंह को दे दें.
ऐसे में भवानी शंकर को मंगलवार को रिश्वत राशि के साथ करण सिंह ने बुलाया. जिसके बाद वह गया और उसने जगह राशि सौंप दी. उसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने करण सिंह को गिरफ्तार कर लिया. वहीं अवैध रूप से घरवालों से बात करवाने और लोगों परेशान करने के मामले में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं.