झालावाड़. पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद कुमार गिरि ने बुधवार को भतीजी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी चाचा को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. न्यायाधीश ने आरोपी की ओर से अर्थदंड की राशि न चुकाने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.
पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रामाहेतार गुर्जर ने बताया कि कोतवाली थाना में पीड़िता ने पहुंच कर एक रिपोर्ट दी थी. पीड़िता ने बताया था कि जब उसके माता-पिता उसकी दादी का ऑपरेशन करवाने के लिए कोटा गए हुए थे. इस दौरान वह घर पर अकेली थी. मौके का फायदा उठाकर उसके चाचा ने खाना बनाने के लिए उसे बुलाया और तालाब के पास ले जाकर जबरदस्ती की. पीड़िता ने बताया कि उसके चाचा ने दुष्कर्म के बाद उसके कपड़े बदलवा दिए और ये बात किसी को न बताने को कहा. साथ ही उसके भाई को जान से मारने की धमकी भी दी.
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बदनामी के डर से मां-पिता ने चुप कराया : पीड़िता ने जब उसके माता-पिता से दुष्कर्म की बात की तो उन्होंने उसे परिवार की बदनामी को लेकर चुप करा दिया. बाद में पीड़िता ने उसके मामा को पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद कोतवाली थाने में पीड़िता की ओर से मामला दर्ज कराया गया. दुष्कर्म का आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा था. बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद कुमार गिरि ने दुष्कर्म के आरोपी को आरोपी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है. इसके साथ ही आरोपी पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.