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Pakistani Beti became Indian Bahu: खत्म हुआ 34 साल का इंतजार...आखिरकार मिल गई भारतीय नागरिकता - Rajasthan hindi news

झालावाड़ की बहू को 34 साल बाद भारत की नागरिकता मिल (pak resident became Indian) गई. खैरुन्निसा ने वीजा मिलने को असली आजादी बताया है.

Jhalawar latest news, Indian citizenship
झालावाड़ में मिली भारतीय नागरिकता
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Published : Dec 30, 2021, 4:08 PM IST

झालावाड़. 34 साल पहले शादी करके राजस्थान के झालावाड़ जिले में आई खैरुन्निसा को भारत की नागरिकता मिल गई. इस मौके पर खैरुन्निसा काफी खुश नजर आई. उन्होंने इसे अपनी जिंदगी की असली आजादी करार दिया.

बता दें कि 35 साल पहले पाकिस्तान के कराची की रहने वाली खैरुन्निसा की शादी राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन में बुरहानुद्दीन से हुई थी. तब से खैरुन्निसा झालावाड़ में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही थी (Pakistani Beti became Indian). जिसे हर दो साल में रिन्यू करवाना पड़ता था लेकिन स्थानीय नागरिकता नहीं मिल पा रही थी. जिसके चलते कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में 34 साल के संघर्ष के बाद खैरुन्निसा तमाम बंदिशों से आजाद हो गई और भारत की स्थानीय नागरिक बन गई. झालावाड़ जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने गुरुवार को खैरुन्निसा को भारत की नागरिकता प्रदान की.

झालावाड़ में मिली भारतीय नागरिकता

यह भी पढ़ें. Amid Corona Fear Tourist Flood To Sariska: दिल्ली हरियाणा में लगी रोक, अलवर और सरिस्का पहुंच रहे हैं हजारों लोग

खेरुन्नीसा के पति बुरहानुद्दीन ने बताया कि जब से शादी हुई थी, तब से कोशिश की जा रही थी कि भारत की नागरिकता मिल पाए लेकिन नागरिकता नहीं मिल पाई थी. जिसकी वजह से कहीं भी बाहर आ जा नहीं सकते थे. ऐसे में अब नागरिकता मिलने के बाद पूरी आजादी से घूम सकेंगे.

झालावाड़. 34 साल पहले शादी करके राजस्थान के झालावाड़ जिले में आई खैरुन्निसा को भारत की नागरिकता मिल गई. इस मौके पर खैरुन्निसा काफी खुश नजर आई. उन्होंने इसे अपनी जिंदगी की असली आजादी करार दिया.

बता दें कि 35 साल पहले पाकिस्तान के कराची की रहने वाली खैरुन्निसा की शादी राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन में बुरहानुद्दीन से हुई थी. तब से खैरुन्निसा झालावाड़ में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही थी (Pakistani Beti became Indian). जिसे हर दो साल में रिन्यू करवाना पड़ता था लेकिन स्थानीय नागरिकता नहीं मिल पा रही थी. जिसके चलते कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में 34 साल के संघर्ष के बाद खैरुन्निसा तमाम बंदिशों से आजाद हो गई और भारत की स्थानीय नागरिक बन गई. झालावाड़ जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने गुरुवार को खैरुन्निसा को भारत की नागरिकता प्रदान की.

झालावाड़ में मिली भारतीय नागरिकता

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खेरुन्नीसा के पति बुरहानुद्दीन ने बताया कि जब से शादी हुई थी, तब से कोशिश की जा रही थी कि भारत की नागरिकता मिल पाए लेकिन नागरिकता नहीं मिल पाई थी. जिसकी वजह से कहीं भी बाहर आ जा नहीं सकते थे. ऐसे में अब नागरिकता मिलने के बाद पूरी आजादी से घूम सकेंगे.

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