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DILRMP योजना में झालावाड़ प्रदेश में पहले स्थान पर - डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम

डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत 12 तहसीलों को ऑनलाइन कराने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया गया है. जिसके फलस्वरूप झालावाड़ जिला राजस्थान में छठे स्थान पर और कोटा संभाग में पहले स्थान पर रहा है.

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DILRMP योजना में झालावाड़ पहले स्थान पर
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Published : Oct 16, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 11:02 PM IST

झालावाड़. डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के योजनान्तर्गत जिले की 12 तहसीलों को ऑनलाइन कराने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया गया है. जिसके फलस्वरूप झालावाड़ जिला राजस्थान में छठे स्थान पर और कोटा संभाग में पहले स्थान पर रहा है.

जिला कलेक्टर निकया गोहाएन ने बताया कि झालावाड़ जिला डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत ऑनलाइन होने से राजस्व विभाग की अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल, ई-पंजीयन के माध्यम से आमजन एवं काश्तकारों को राजस्व संबंधी कार्यों को करने में राहत मिलेगी और उन्हें पटवारी, तहसील एवं अन्य राजस्व अधिकारियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी.

पढ़ें: नगर निगम चुनाव 2020: BJP ने की चुनाव संयोजकों की घोषणा, हरिहर पारीक और कृष्ण मोहन शर्मा को मिली जयपुर की जिम्मेदारी

काश्तकार खुद ही या ई-मित्र के माध्यम से उक्त पोर्टल पर विभिन्न राजस्व कार्यों को सम्पन्न कर सकेंगे. खातेदारी भूमि का नामान्तरकरण ई-मित्र पर जाकर दर्ज करवाने पर उसकी जांच व प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पटवारी व राजस्व अधिकारियों की तरफ से स्वत ही निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने से काश्तकार के समय की बचत होगी और पारदर्शिता रहेगी.

जमाबंदी की ई-साइन प्रमाणित नकले ई-मित्र से एवं खसरा गिरदावरी की नकल धरा ऐप से स्वयं ई-मित्र से प्राप्त की जा सकेगी. भू-नक्शा पोर्टल पर काश्तकार अपने खेत का नक्शा स्वयं देख और प्रिंट निकाल सकेंगे. भूमि के रहन व रहन से मुक्ति के नामान्तकरण राजस्व अधिकारी ऐप पर बैंक से सीधे ही पटवारी का प्राप्त हो जाएंगे. जिससे उन्हें पटवारी व तहसील के चक्कर नहीं लगाने होंगे.

झालावाड़. डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के योजनान्तर्गत जिले की 12 तहसीलों को ऑनलाइन कराने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया गया है. जिसके फलस्वरूप झालावाड़ जिला राजस्थान में छठे स्थान पर और कोटा संभाग में पहले स्थान पर रहा है.

जिला कलेक्टर निकया गोहाएन ने बताया कि झालावाड़ जिला डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत ऑनलाइन होने से राजस्व विभाग की अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल, ई-पंजीयन के माध्यम से आमजन एवं काश्तकारों को राजस्व संबंधी कार्यों को करने में राहत मिलेगी और उन्हें पटवारी, तहसील एवं अन्य राजस्व अधिकारियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी.

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काश्तकार खुद ही या ई-मित्र के माध्यम से उक्त पोर्टल पर विभिन्न राजस्व कार्यों को सम्पन्न कर सकेंगे. खातेदारी भूमि का नामान्तरकरण ई-मित्र पर जाकर दर्ज करवाने पर उसकी जांच व प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पटवारी व राजस्व अधिकारियों की तरफ से स्वत ही निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने से काश्तकार के समय की बचत होगी और पारदर्शिता रहेगी.

जमाबंदी की ई-साइन प्रमाणित नकले ई-मित्र से एवं खसरा गिरदावरी की नकल धरा ऐप से स्वयं ई-मित्र से प्राप्त की जा सकेगी. भू-नक्शा पोर्टल पर काश्तकार अपने खेत का नक्शा स्वयं देख और प्रिंट निकाल सकेंगे. भूमि के रहन व रहन से मुक्ति के नामान्तकरण राजस्व अधिकारी ऐप पर बैंक से सीधे ही पटवारी का प्राप्त हो जाएंगे. जिससे उन्हें पटवारी व तहसील के चक्कर नहीं लगाने होंगे.

Last Updated : Oct 16, 2020, 11:02 PM IST
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