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चंद्रभागा के ऐतिहासिक पशु मेले का आगाज - Inauguration of Chandrabhaga fair

झालरापाटन में ऐतिहासिक चंद्रभागा पशु मेले का आगाज हो चुका है. इस मेले को पशुओं के ब्यूटी पार्लर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर पशुओं के सजाने और संवारने की सामग्री खूब खरीदी-बेची जाती है.

झालावाड़ न्यूज, झालरापाटन पशु मेला, Chandrabhaga fair, cattle fair
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Published : Nov 8, 2019, 5:36 PM IST

झालावाड़. जिले के झालरापाटन के ऐतिहासिक चंद्रभागा पशु मेले की शुक्रवार से शुरुआत हो गई है. इस मेले में न सिर्फ राजस्थान से बल्कि मध्यप्रदेश से भी पशुपालक घोड़ों के साथ पहुंच रहे हैं.

चंद्रभागा पशु मेले का शुक्रवार से आगाज

बता दें कि झालावाड़ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने पशु मेले का उद्घाटन किया. प्रदेश में पुष्कर के पशु मेले के बाद चंद्रभागा का पशुमेला सबसे प्रसिद्ध पशुमेला माना जाता है. जिसमें पुष्कर के पशु मेले के बाद पशुपालक धीरे-धीरे चंद्रभागा के मेले में पशुओं को बेचने के लिए पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल रिपोर्ट : मजबूरी ऐसी कि...कब्रगाह में पढ़ाई करते हैं बच्चे, यहीं खाते हैं मिड-डे मील

ऐसे में मेले की शुरुआत के बाद धीरे-धीरे मेले में पशुपालक पहुंच रहे हैं. इस मेलें में पशुओं के सजाने का सामान बड़ी तादाद में खरीदा और बेचा जाता है. चंद्रभागा मेले में सबसे ज्यादा बिक्री घोड़ों की होती है. ऐसे में न सिर्फ राजस्थान से बल्कि मध्यप्रदेश से भी पशुपालक घोड़ों के साथ पहुंच रहे हैं. पशुपालकों ने बताया कि वे यहां पर अपने घोड़ों के साथ बहुत सालों से आ रहे हैं. उनको यहां पर घोड़ों की अच्छी कीमत मिल जाती है.

साथ ही उनके घोड़े यहां पर 75 हजार से 1.25 लाख रुपए के बीच में बिक जाते हैं. शुरुआती दिनों में तो यहां पर बहुत कम विक्रेता और खरीददार थे. लेकिन अब शुक्रवार को उद्घाटन हो गया है तो धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही है. जिससे मेले में रौनक आ गई है.

यह भी पढ़ें.पुष्कर मेले ने बनाया रिकॉर्ड, 2000 महिलाओं का घूमर नृत्य इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज

वहीं पशुपालकों ने मेले में प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं को लेकर संतोष प्रकट किया. उनका कहना है कि प्रशासन ने सड़क, सुरक्षा और शौचालय की ठीक व्यवस्था की थी. लेकिन गुरुवार को आई आंधी और बारिश की वजह से सारी व्यवस्था खराब हो गई है. ऐसे में प्रशासन द्वारा फिर से व्यवस्थाओं को सही करवाया जा रहा है.

झालावाड़. जिले के झालरापाटन के ऐतिहासिक चंद्रभागा पशु मेले की शुक्रवार से शुरुआत हो गई है. इस मेले में न सिर्फ राजस्थान से बल्कि मध्यप्रदेश से भी पशुपालक घोड़ों के साथ पहुंच रहे हैं.

चंद्रभागा पशु मेले का शुक्रवार से आगाज

बता दें कि झालावाड़ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने पशु मेले का उद्घाटन किया. प्रदेश में पुष्कर के पशु मेले के बाद चंद्रभागा का पशुमेला सबसे प्रसिद्ध पशुमेला माना जाता है. जिसमें पुष्कर के पशु मेले के बाद पशुपालक धीरे-धीरे चंद्रभागा के मेले में पशुओं को बेचने के लिए पहुंचते हैं.

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ऐसे में मेले की शुरुआत के बाद धीरे-धीरे मेले में पशुपालक पहुंच रहे हैं. इस मेलें में पशुओं के सजाने का सामान बड़ी तादाद में खरीदा और बेचा जाता है. चंद्रभागा मेले में सबसे ज्यादा बिक्री घोड़ों की होती है. ऐसे में न सिर्फ राजस्थान से बल्कि मध्यप्रदेश से भी पशुपालक घोड़ों के साथ पहुंच रहे हैं. पशुपालकों ने बताया कि वे यहां पर अपने घोड़ों के साथ बहुत सालों से आ रहे हैं. उनको यहां पर घोड़ों की अच्छी कीमत मिल जाती है.

साथ ही उनके घोड़े यहां पर 75 हजार से 1.25 लाख रुपए के बीच में बिक जाते हैं. शुरुआती दिनों में तो यहां पर बहुत कम विक्रेता और खरीददार थे. लेकिन अब शुक्रवार को उद्घाटन हो गया है तो धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही है. जिससे मेले में रौनक आ गई है.

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वहीं पशुपालकों ने मेले में प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं को लेकर संतोष प्रकट किया. उनका कहना है कि प्रशासन ने सड़क, सुरक्षा और शौचालय की ठीक व्यवस्था की थी. लेकिन गुरुवार को आई आंधी और बारिश की वजह से सारी व्यवस्था खराब हो गई है. ऐसे में प्रशासन द्वारा फिर से व्यवस्थाओं को सही करवाया जा रहा है.

Intro:झालावाड़ के झालरापाटन में ऐतिहासिक चन्द्रभागा पशुमेले का आगाज हो चुका है। इस मेले को पशुओ के ब्यूटी पार्लर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर पशुओं के सजाने व संवारने की सामग्री भी खूब खरीदी व बेची जाती है


Body:झालरापाटन के ऐतिहासिक चंद्रभागा पशु मेले की आज से शुरुआत हो गई है। झालावाड़ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने पशु मेले का उद्घाटन किया। राजस्थान में पुष्कर के पशु मेले के बाद चन्द्रभागा का पशुमेला सबसे प्रसिद्ध पशुमेला माना जाता है। जिसमें पुष्कर के पशु मेले के बाद पशुपालक धीरे-धीरे चंद्रभागा के मेले में पशुओं को बेचने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में धीरे धीरे चंद्रभागा मेले में भी पशुपालक पहुंच रहे हैं। चन्द्रभागा पशुमेले को पशुओं के ब्यूटी पार्लर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर पशुओं के सजाने की सामग्री बड़ी तादाद में खरीदी व बेची जाती है। चन्द्रभागा मेले में सबसे ज्यादा बिक्री घोड़ों की होती है ऐसे में न सिर्फ राजस्थान से बल्कि मध्यप्रदेश से भी पशुपालक घोड़ों के साथ पहुंच रहे। पशुपालकों ने बताया कि वह यहां पर अपने घोड़ों के साथ बहुत वर्षों से आ रहे हैं और उनको यहां पर घोड़ो की अच्छी कीमत मिल जाती है। पशुपालकों ने बताया उनके घोड़े यहां पर 75 हजार से 1.25 लाख रुपए के बीच में बिक जाते हैं। पशुपालकों ने बताया कि शुरुआती दिनों में तो यहां पर बहुत कम विक्रेता और खरीददार थे लेकिन अब आज से उद्घाटन हो गया है तो धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही है जिससे मेले में अच्छा भी लगने लगा है। पशु पालकों ने मेले में प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं को लेकर संतोष प्रकट किया। उनका कहना है कि प्रशासन ने सड़क, सुरक्षा व शौचालय की ठीक व्यवस्था की थी लेकिन कल आंधी व बारिश की वजह से सारी व्यवस्था खराब हो गई थी। ऐसे में प्रशासन के द्वारा फिर से व्यवस्थाओं को सही करवाया जा रहा है।

आपको बता देंगे चंद्रभागा पशु मेले को पशुओं के ब्यूटी पार्लर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर पशुओं को सजाने संवारने की सामग्री भी खूब खरीदी व बेची जाती है।


Conclusion:बाइट 1 - पशुपालक
बाइट 2 - पशुपालक
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