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झालावाड़: अकलेरा में अवैध खनन रोकने गए वन विभाग की टीम पर हमला, 3 घायल

झालावाड़ के अकलेरा में अवैध खनन रोकने गई वन विभाग के गश्ती दल पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. इस दौरान तीन वनकर्मी घायल हो गए.

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वन विभाग की टीम पर हमला
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Published : Jun 12, 2021, 10:01 PM IST

अकलेरा (झालावाड़). बकानी वन रेंज के भालता वन क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने गए गश्ती दल पर शनिवार को हमला हुआ. इसमें तीन वनकर्मी घायल हुए और वाहन के शीशे भी फोड़े गए. इसके बाद मारपीट कर खनन माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़वाकर फरार हो गए.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह थाना क्षेत्र के भालता वन क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन का काम चल रहा था, जिसकी सूचना पर वन विभाग के गश्ती दल के लोग वन क्षेत्र में जाते समय लंकापुरी के पास रामबाबू माली ट्रैक्टर-ट्रॉली में अवैध पत्थर भरकर ले जा रहा था, जिसे गश्ती दल ने पकड़ लिया. इसके बाद दर्जनों महिला और पुरुषों ने एक राय होकर वनकर्मियों के वाहन पर ताबड़तोड़ पत्थर फेंकना शुरू कर दिए.

यह भी पढ़ें: प्रॉपर्टी कारोबारी की ऑफिस पर दिनदहाड़े हमला कर 18 लाख की डकैती, 5 लोग घायल

हादसे में गश्ती दल के सदस्य बलराम लोधा के सिर में और प्रभारी दुर्गेश बागरी के हाथ की उंगलियों में, लालचंद गुर्जर के पैर में गंभीर चोट आई. घटना के बाद भालता स्वास्थ्य केंद्र पर तीनों घायल वनकर्मियों का उपचार करवाया गया. मामले में थानाधिकारी राजपाल सिंह ने हमला करने वाले ट्रैक्टर मालिक लंकापुरी निवासी रामबाबू माली और उसकी पत्नी व भाई जीतू तथा ड्राइवर मुश्ताक उर्फ मूसा, मांगीलाल पुत्र रामचंद्र, रमेश पुत्र रामचंद्र, राधेश्याम पुत्र फूलचंद, चंदा बाई पत्नी फूलचंद और मुश्ताक की मां के खिलाफ के पुलिस ने राजकार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और वनकर्मियों से मारपीट के मामले में धारा- 332 और 353 में मामला दर्जकर जांच शुरू की.

यह भी पढ़ें: अलवर: बहरोड़ में नशा मुक्ति केंद्र संचालक की हत्या का मामला, 3 आरोपी गिरफ्तार

इस कारण हुआ हमला

भालता गांव सहित क्षेत्र के लोग खनन के कार्य पर ही निर्भर है. कुछ पत्थरों की खानों मजदूरी, कुछ खनन और कुछ ट्रैक्टर में पत्थर भरकर डालते हैं. यह कार्य यहां बड़े पैमाने पर परिवार की आजीविका बन चुका है. यहां इनसे वन विभाग में तैनात वनकर्मियों द्वारा वसूली के लिए परेशान भी किया जाता है. इन खनन माफियाओं से वसूली बांध रखी है, अभी एक हफ्ते पहले ही सभी अवैध पत्थर से भरकर ले जाने ट्रैक्टर वाले ट्रैक्टर मालिकों ने और खनन माफियाओं ने मासिक वसूली के पैसे वन कर्मियों को दिए थे. उसके बावजूद भी वनविभाग द्वारा कार्रवाई जारी थी, जिसको लेकर खनन माफियाओ में रोष था. आए दिन उनके ट्रैक्टर जब्त और खनन का पत्थर फोड़ दिया जाता था. इसलिए नाराज लोगों ने वन विभाग की गश्ती दल पर हमला किया.

अकलेरा (झालावाड़). बकानी वन रेंज के भालता वन क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने गए गश्ती दल पर शनिवार को हमला हुआ. इसमें तीन वनकर्मी घायल हुए और वाहन के शीशे भी फोड़े गए. इसके बाद मारपीट कर खनन माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़वाकर फरार हो गए.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह थाना क्षेत्र के भालता वन क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन का काम चल रहा था, जिसकी सूचना पर वन विभाग के गश्ती दल के लोग वन क्षेत्र में जाते समय लंकापुरी के पास रामबाबू माली ट्रैक्टर-ट्रॉली में अवैध पत्थर भरकर ले जा रहा था, जिसे गश्ती दल ने पकड़ लिया. इसके बाद दर्जनों महिला और पुरुषों ने एक राय होकर वनकर्मियों के वाहन पर ताबड़तोड़ पत्थर फेंकना शुरू कर दिए.

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हादसे में गश्ती दल के सदस्य बलराम लोधा के सिर में और प्रभारी दुर्गेश बागरी के हाथ की उंगलियों में, लालचंद गुर्जर के पैर में गंभीर चोट आई. घटना के बाद भालता स्वास्थ्य केंद्र पर तीनों घायल वनकर्मियों का उपचार करवाया गया. मामले में थानाधिकारी राजपाल सिंह ने हमला करने वाले ट्रैक्टर मालिक लंकापुरी निवासी रामबाबू माली और उसकी पत्नी व भाई जीतू तथा ड्राइवर मुश्ताक उर्फ मूसा, मांगीलाल पुत्र रामचंद्र, रमेश पुत्र रामचंद्र, राधेश्याम पुत्र फूलचंद, चंदा बाई पत्नी फूलचंद और मुश्ताक की मां के खिलाफ के पुलिस ने राजकार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और वनकर्मियों से मारपीट के मामले में धारा- 332 और 353 में मामला दर्जकर जांच शुरू की.

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इस कारण हुआ हमला

भालता गांव सहित क्षेत्र के लोग खनन के कार्य पर ही निर्भर है. कुछ पत्थरों की खानों मजदूरी, कुछ खनन और कुछ ट्रैक्टर में पत्थर भरकर डालते हैं. यह कार्य यहां बड़े पैमाने पर परिवार की आजीविका बन चुका है. यहां इनसे वन विभाग में तैनात वनकर्मियों द्वारा वसूली के लिए परेशान भी किया जाता है. इन खनन माफियाओं से वसूली बांध रखी है, अभी एक हफ्ते पहले ही सभी अवैध पत्थर से भरकर ले जाने ट्रैक्टर वाले ट्रैक्टर मालिकों ने और खनन माफियाओं ने मासिक वसूली के पैसे वन कर्मियों को दिए थे. उसके बावजूद भी वनविभाग द्वारा कार्रवाई जारी थी, जिसको लेकर खनन माफियाओ में रोष था. आए दिन उनके ट्रैक्टर जब्त और खनन का पत्थर फोड़ दिया जाता था. इसलिए नाराज लोगों ने वन विभाग की गश्ती दल पर हमला किया.

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