झालावाड़. एक सैनिक जब देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करता है तो उसके मन में एक बात जरूर होती है कि उसकी गैरमौजूदगी में पूरे देश की आवाम उसके परिवार के साथ खड़ी होगी. ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है झालावाड़ के लाल शहीद मुकुट बिहारी मीणा की जिनके परिवार को सरकार की ओर से 27 लाख की आर्थिक सहायता दी गई है. और यह सहायता दिलवाने में सहायक बने सारे गांव वाले.
पिछले साल जुलाई महीने में कश्मीर के कुपवाड़ा के जंगलों में आतंकवादियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए झालावाड़ के लडानिया गांव के मुकुट बिहारी मीणा के परिजनों को आखिरकार आर्थिक सहायता मिल ही गई. राज्य सरकार ने शहीद के परिजनों को 8 महीने बाद आर्थिक सहायता पहुंचाई है. जिला कलेक्टर ने राज्य सरकार द्वारा शहीदों के आश्रितों को दिए जाने वाले पैकेज भूमि की एवज में मुकुट बिहारी की पत्नी को 24 लाख रुपए का स्वीकृति पत्र दिया.
शहीद की पत्नी के खाते में 24 लाख की राशि आरटीजीएस के माध्यम से जमा करवाई जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री सहायता कोष से शहीद के पिता को 3 लाख की सहायता राशि पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना में जमा करवाई जाएगी. गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई महीने में मुकुट बिहारी मीणा शहीद हो गए थे. जिसके बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने शहीद के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की थी.
8 महीने बीत जाने के बाद भी परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई थी. जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया. ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी थी कि अगर परिजनों को आर्थिक सहायता नहीं मिली तो सभी ग्रामीण झालावाड़-बारां मेगा हाईवे को जाम कर देंगे. ऐसे में अब सरकार ने शहीद के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर 27 लाख रूपए की मदद की है.