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झालावाड़: मंदिरों के खुले कपाट, कोविड गाइडलाइन के तहत हुए दर्शन

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Published : Sep 8, 2020, 7:50 PM IST

झालावाड़ में काफी लंबे समय बाद मंगलवार को मंदिरों को खोल दिया गया है. इसके चलते जिले की ऐतिहासिक धार्मिक नगरी कामखेड़ा बालाजी तीर्थ एवं शनि धाम पर भक्तों की लंबी लाइन नजर आई. इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन की पालना की.

झालावाड़ समाचार, jhalawar news
मंदिरों के खुले कपाट

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले में लगभग साढे 5 महीनों से भगवान के दर्शन को तरस रहे भक्तों को मुराद मंगलवार को पूरी हो गई है. इस दौरान जिले की ऐतिहासिक धार्मिक नगरी कामखेड़ा बालाजी तीर्थ एवं शनि धाम पर भक्तों की लंबी लाइन नजर आई.

इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने मास्क लगा रखे थे. सभी की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया. संकट मोचन बालाजी सरकार एवं शनि धाम पर भक्तों ने दर्शन कर वैश्विक महामारी से निजात पाने के लिए प्रार्थना की.

इस बीच मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की भावनाओं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई इंतजाम किए थे. कई मंदिरों में तो वहां के प्रशासन ने स्वयं की सैनिटाइजर मशीनें खरीद ली हैं. घंटों को बजाने पर प्रतिबंध हैं तो कई जगह उनको उतार लिया गया है. इतना ही नहीं, कई जगह तो घंटों को कपड़ों से बांध दिया गया है. साफ-सफाई से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए सुरक्षा गार्डों का भी इंतजाम किया गया है.

पढ़ें- झालावाड़ में कोरोना के 132 नए पॉजिटिव मामले, संक्रमितों की कुल संख्या हुई 2740

बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मंदिरों को बंद किया गया था, जिसके बाद मंगलवार को फिर से भगवान के दीदार करने का मौका श्रद्धालुओं को मिला. क्योंकि, अभी संक्रमण का डर है, इसलिए मंदिर प्रशासन को कई सारी हिदायतों के साथ मंदिर खोलने की अनुमति दी गई है.

मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर अभी भी रोक

सभी मंदिरों को कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत खोला गया है. लेकिन अभी भी मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक है. मंदिर पहले की तरह सुबह-शाम महाआरती एवं दोनों समय भोग लगता रहेगा. वहीं, भक्तों को प्रसाद के रूप में केवल तुलसी दिया जाएगा. मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालु फुल-माला, प्रसाद, मिष्ठान आदि नहीं चढ़ा सकेंगे.

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले में लगभग साढे 5 महीनों से भगवान के दर्शन को तरस रहे भक्तों को मुराद मंगलवार को पूरी हो गई है. इस दौरान जिले की ऐतिहासिक धार्मिक नगरी कामखेड़ा बालाजी तीर्थ एवं शनि धाम पर भक्तों की लंबी लाइन नजर आई.

इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने मास्क लगा रखे थे. सभी की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया. संकट मोचन बालाजी सरकार एवं शनि धाम पर भक्तों ने दर्शन कर वैश्विक महामारी से निजात पाने के लिए प्रार्थना की.

इस बीच मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की भावनाओं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई इंतजाम किए थे. कई मंदिरों में तो वहां के प्रशासन ने स्वयं की सैनिटाइजर मशीनें खरीद ली हैं. घंटों को बजाने पर प्रतिबंध हैं तो कई जगह उनको उतार लिया गया है. इतना ही नहीं, कई जगह तो घंटों को कपड़ों से बांध दिया गया है. साफ-सफाई से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए सुरक्षा गार्डों का भी इंतजाम किया गया है.

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बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मंदिरों को बंद किया गया था, जिसके बाद मंगलवार को फिर से भगवान के दीदार करने का मौका श्रद्धालुओं को मिला. क्योंकि, अभी संक्रमण का डर है, इसलिए मंदिर प्रशासन को कई सारी हिदायतों के साथ मंदिर खोलने की अनुमति दी गई है.

मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर अभी भी रोक

सभी मंदिरों को कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत खोला गया है. लेकिन अभी भी मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक है. मंदिर पहले की तरह सुबह-शाम महाआरती एवं दोनों समय भोग लगता रहेगा. वहीं, भक्तों को प्रसाद के रूप में केवल तुलसी दिया जाएगा. मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालु फुल-माला, प्रसाद, मिष्ठान आदि नहीं चढ़ा सकेंगे.

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