झालावाड़. जिले में सोमवार को जिला कलेक्टर हरिमोहन मीना ने परवन वृहद बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया. जिसमें जिला कलेक्टर ने परवन सिंचाई परियोजना से निकलने वाली नहरों के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा संबधित हितकारी किसानों को शीघ्र वितरण करने के निर्देश दिए.
इस दौरान उन्होंने नहरों के लिए भूमि-अवाप्ति के मुआवजे के वितरण के पश्चात नहरों का कार्य तुरंत प्रभाव से पूर्ण करने के निर्देश दिए. इसके अलावा जिला कलेक्टर ने निर्माणाधीन बांध और वॉटर टनल के कार्य का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्धारित तिथि तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए.
परियोजना में कार्यरत अधिशाषी अभियंता प्रथम भारतरत्न गौड और अधिशाषी अभियंता द्वितीय राधामोहन शर्मा ने बताया कि परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के तहत निर्मित भारत की सबसे लंबी 8 किलोमीटर 708 मीटर की वॉटर टनल की खुदाई का कार्य पूर्ण हो चुका है. इसमें सीमेंट, कंक्रीट लाइनिंग बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है.
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बता दें कि इस परियोजना से झालावाड़, कोटा, बारां जिलों के 2 लाख एक हजार हेक्टेयर कमांड एरिए में पाइपलाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इस सिंचाई परियोजना पर करीब 7 हजार 355 करोड़ रुपए व्यय होंगे. बांध के निर्माण के अंतर्गत 7 लाख घनमीटर खुदाई का कार्य और 42 हजार घनमीटर सीमेंट, कंक्रीट कार्य पूर्ण किया जा चुका है. निरीक्षण के दौरान सहायक अभियंता महावीर प्रसाद निर्मल, दिपेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे.