मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के मनोहरथाना इलाके के शनिधाम कामखेड़ा में शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. इस दौरान यहां श्रद्धालुओं ने कोरोना महामारी से निजात पाने और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की. साथ ही हवन किया गया. श्रद्धालुओं ने यहां भंडारा भी आयोजित किया. साथ ही शनि देव को भोग लगाकर महा प्रसादी कार्यक्रम भी आयोजित हुआ. शनि देव को गुड़, चना, भूमरा और दाल-बाटी-चूरमा का भोग लगाया गया.
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बता दें कि शनिधाम कामखेड़ा में मध्यप्रदेश और झालावाड़ जिले के उदपुरीया गांव से श्रद्धालु भजन कीर्तन करते हुए दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. मंदिर में शनि देव का विशेष श्रृंगार भी किया गया था. इस मौके पर मंदिर के महंत पहलाद स्वामी, लखन दास महाराज, समाज सेवक रामलाल मीणा, कैलाश चंद मीणा, चांदमल मीणा और पूर्व सरपंच मुरलीधर मीणा मौजूद रहे.
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गौरतलब है कि सनातन धर्म के अनुसार शनि देव को सूर्य का पुत्र माना गया है. वहीं, ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता माना गया है. माना जाता है कि ये कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालते हैं. कामखेड़ा मंदिर के महंत पहलाद स्वामी की मानें तो 9 ग्रहों में शनि का एक अलग और खास स्थान होता है. शनि को संतुलन, सीमा और न्याय का ग्रह भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जहां सूर्य का प्रभाव समाप्त होता है, वहीं से शनि का प्रभाव शुरू होता है. शनि हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर डालते हैंं. जहां एक ओर अच्छाई का साथ देने वाले और ईमानदार व्यक्ति पर शनि की कृपा बरसती है, वहीं बुरे कर्म करने वाले लोगों पर शनि की टेढ़ी नज़र भी पड़ सकती है, क्योंकि सभी ग्रहों में सबसे ताकतवर दृष्टि शनि ग्रह की ही मानी गई है.