झालावाड़. जिले के विशिष्ट न्यायालय के न्यायाधीश ने अवैध संबंधों के शक में पनवाड़ क्षेत्र के ग्रामीण की हत्या कर शव कुएं में डालने और बाद में उसे एक्सीडेंट का रूप देने के लिए शव को निकालकर सड़क पर डालने के मामले में फैसला सुनाया है. हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी 2 महिला समेत 4 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही साक्ष्य मिटाने में सहयोग करने वाले तीन आरोपियों को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
विशिष्ठ लोक अभियोजक तनवीर आलम ने बताया कि रामहेतार गुर्जर 27 जनवरी 2017 की शाम को बाइक से सरखंडिया गांव में गया था. जो वापस नहीं लौटा. सुबह उसका शव सरखंडिया गांव की सड़क पर पड़ा मिला. जिस पर पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज करते हुए अनुसंधान किया. जिसमें सामने आया कि नया गांव के निवासी किशन की पत्नी राजेश बाई के साथ रामहेतार के अवैध संबंध थे. जिसके शक में किशन ने अपनी पत्नी राजेश बाई, पुष्पा बाई व मंजूर शाह के साथ मिलकर रात में उसके साथ मारपीट की और हत्या कर दी तथा उसके शव को कुएं में डाल दिया.
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इसके बाद हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने के लिए उसके शव को कुएं से निकालकर सरखण्डिया गांव की रोड पर डाल दिया. जिसमें मुकेश गोचर, कालू लाल व चंद्र प्रकाश नाम के लोग भी शामिल थे. जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया. जिसमें विशिष्ट लोक अभियोजक तनवीर आलम ने 73 दस्तावेज और 24 गवाह पेश किए. जिसके आधार पर न्यायाधीश ने किशन, मंजूर शाह, पुष्पा बाई व राजेश बाई को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं सबूत मिटाने में सहयोग करने वाले मुकेश, कालू लाल व चंद्र प्रकाश को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.