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थर्मल पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई बंद होने के पीछे बीजेपी सरकार जिम्मेदारः रघुराज सिंह हाडा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह हाडा ने कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयों के बंद होने के पीछे बीजेपी को कारण बताया. इस संबंध में उन्होंने प्रेस वार्ता भी की.

कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट, Kalisindh Thermal Power Plant
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह हाडा
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Published : Aug 17, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 10:58 PM IST

झालावाड़. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाडा ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जिसमें जिले में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयों में कोयले की कमी के चलते बंद हो जाने का मामले रखा. जिसमें केंद्र सरकार और प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार पर उद्योगपति अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए कोल ब्लाॅक आवंटित करने और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतने का आरोप लगाया है.

पढ़ेंः राजस्थान की सियासत से जुड़े सवाल पर फिर बोले माकन- 'वर्क-इन-प्रोग्रेस', पार्टी तय करेगी मंत्रिमंडल विस्ता

बता दें कि झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयां पर्याप्त कोयला नहीं मिलने के चलते बंद हो गई हैं. 11 अगस्त को ही थर्मल की दूसरी यूनिट बंद हुई थी. जिसके बाद पहली यूनिट को भी कोयला नहीं मिलने के चलते बंद करना पड़ा है. ऐसे में 600 - 600 मेगावाट की दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है.

थर्मल पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई बंद होने के पिछे बीजेपी

जानकारी के अनुसार कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट को छत्तीसगढ़ की परसा एवं कांटे ईस्ट की कोयला खदानों से कोयला मिलता है. लेकिन अचानक कोयले की सप्लाई धीरे-धीरे कम होती गई और अब पर्याप्त कोयला ना मिल पाने के चलते थर्मल की दोनों यूनिट को बंद करना पड़ा. बताया जा रहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की ओर से कोयला खदानों को लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते इस तरह के हालात बने हैं. वहीं बार-बार थर्मल पावर प्लांट की यूनिट बंद होने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. साथ ही प्रदेश में बिजली उत्पादन में भी कमी आ रही है.

इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाड़ा ने झालावाड़ में प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि प्रदेश की जनता को होने वाले इस नुकसान के लिए मोदी सरकार की ओर से संसद में 22 मार्च को पारित माइंस एंड मिनरल्स एमिडमेंट बिल व प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से राज्य के कोयला संसाधनों को अडानी ग्रुप को सौंपने का निर्णय जिम्मेदार है.

आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाड़ा ने बताया कि संसद में 22 मार्च 2021 को पारित माइन्स एंड मिनिरल्स अमेंडमेंट बिल 2021 सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला था. जिसमें राजस्थान के हितों की बलि चढ़ा दी गई. इस बिल से पूर्व अडानी ग्रुप ये कोयला राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को ही बेच सकता था.

पढ़ेंः दीया कुमारी का बड़ा बयान : भाजपा आदेश करे तो भंवर जितेंद्र सिंह को BJP ज्वाइन कराने की करूंगी कोशिश..

जबकि इस कानून के बाद अडानी ग्रुप खुले बाजार में न केवल इस कोयले को बेच सकता है बल्कि वो स्वयं भी अपने संयंत्रों के लिए खरीद सकता है. ऐसे में भुगतान ना होने के चलते अडानी ग्रुप की ओर से झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल को कोयले की सप्लाई बंद कर दी गई. जिसके चलते प्रदेश में ना केवल विद्युत उत्पादन पर असर हुआ है, बल्कि थर्मल के बार बार बंद होने से सरकार को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से राजस्थान के इस थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित कोयला खदानों को अपने नियंत्रण में लेने की मांग की है.

झालावाड़. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाडा ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जिसमें जिले में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयों में कोयले की कमी के चलते बंद हो जाने का मामले रखा. जिसमें केंद्र सरकार और प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार पर उद्योगपति अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए कोल ब्लाॅक आवंटित करने और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतने का आरोप लगाया है.

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बता दें कि झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयां पर्याप्त कोयला नहीं मिलने के चलते बंद हो गई हैं. 11 अगस्त को ही थर्मल की दूसरी यूनिट बंद हुई थी. जिसके बाद पहली यूनिट को भी कोयला नहीं मिलने के चलते बंद करना पड़ा है. ऐसे में 600 - 600 मेगावाट की दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है.

थर्मल पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई बंद होने के पिछे बीजेपी

जानकारी के अनुसार कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट को छत्तीसगढ़ की परसा एवं कांटे ईस्ट की कोयला खदानों से कोयला मिलता है. लेकिन अचानक कोयले की सप्लाई धीरे-धीरे कम होती गई और अब पर्याप्त कोयला ना मिल पाने के चलते थर्मल की दोनों यूनिट को बंद करना पड़ा. बताया जा रहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की ओर से कोयला खदानों को लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते इस तरह के हालात बने हैं. वहीं बार-बार थर्मल पावर प्लांट की यूनिट बंद होने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. साथ ही प्रदेश में बिजली उत्पादन में भी कमी आ रही है.

इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाड़ा ने झालावाड़ में प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि प्रदेश की जनता को होने वाले इस नुकसान के लिए मोदी सरकार की ओर से संसद में 22 मार्च को पारित माइंस एंड मिनरल्स एमिडमेंट बिल व प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से राज्य के कोयला संसाधनों को अडानी ग्रुप को सौंपने का निर्णय जिम्मेदार है.

आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता रघुराज सिंह हाड़ा ने बताया कि संसद में 22 मार्च 2021 को पारित माइन्स एंड मिनिरल्स अमेंडमेंट बिल 2021 सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला था. जिसमें राजस्थान के हितों की बलि चढ़ा दी गई. इस बिल से पूर्व अडानी ग्रुप ये कोयला राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को ही बेच सकता था.

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जबकि इस कानून के बाद अडानी ग्रुप खुले बाजार में न केवल इस कोयले को बेच सकता है बल्कि वो स्वयं भी अपने संयंत्रों के लिए खरीद सकता है. ऐसे में भुगतान ना होने के चलते अडानी ग्रुप की ओर से झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल को कोयले की सप्लाई बंद कर दी गई. जिसके चलते प्रदेश में ना केवल विद्युत उत्पादन पर असर हुआ है, बल्कि थर्मल के बार बार बंद होने से सरकार को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से राजस्थान के इस थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित कोयला खदानों को अपने नियंत्रण में लेने की मांग की है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 10:58 PM IST
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