झालावाड़. शहर में गढ़ पैलेस के पीछे स्थित भवानी नाट्यशाला समस्त उत्तरी भारत में अपने ढंग की एकमात्र नाट्यशाला है, जिसे झालावाड़ के तत्कालीन राजा भवानी सिंह ने बनवाया था. यहां पर 16 जुलाई 1921 को महाकवि कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञान शाकुंतलम् नाटक का हिंदी में मंचन किया गया था. उसके बाद से यहां पर हैमलेट जैसे विश्व प्रसिद्ध नाटकों के अलावा अनेक देशी-विदेशी नाटकों का भी मंचन किया गया है.
इस बेमिसाल नाट्यशाला का निर्माण इस ढंग से किया गया है कि विदेशी वास्तुविद भी आश्चर्य कर जाते हैं. भवानी नाट्यशाला में 33 फुट लंबा, 28 फीट चौड़ा और 23 फीट ऊंचा मंच है. भव्यता लिए हुए यह नाट्यशाला वर्तमान में दुर्दशा का शिकार हो रही है. नाट्यशाला में नवीकरण (Renovation) का कार्य होना था. लेकिन बीते 1 साल से यह कार्य पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है, जिसके चलते भवानी नाट्यशाला में चारों तरफ कूड़े-करकट का ढेर लगा हुआ है. साथ ही प्रवेश द्वार पर भी कीचड़ भरा हुआ है. वहीं, नाट्यशाला के देखरेख की किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नाट्यशाला की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं तथा कई जगहों पर टीन शेड भी उड़ गए हैं.
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इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि इस नाट्यशाला में विदेशी नाटककार चार्ल्स डोरेन ने भी अभिनय किया था. उसके बाद वो यहीं के होकर रह गए. उसके अलावा पंडित उदयशंकर, जो विश्व-विख्यात नृत्यकार रहे हैं और पंडित रविशंकर ने भी इस नाट्यशाला में सितार वादन किया है. उन्होंने भी सबसे पहले अपना नृत्य इसी भवानी नाट्यशाला में प्रस्तुत किया था. यह नाट्यशाला अंडाकार (Oval) शैली में है. 61 फीट ऊंची, 48 फीट चौड़ी और 36 बालकनियों वाली ये भवानी नाट्यशाला पूरे भारत में अनूठापन लिए हुए है.
![jhalawar news etv bharat news persian opera style historical bhavani theater abhigyan shakuntalam staged garh palace in jhalawar raja bhavani singh historian lalit sharma jhalawar tourism development committee bhawani natyasala plight victim](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8061661_1.jpg)
झालावाड़ की पर्यटन विकास समिति का कहना है कि प्रशासनिक उपेक्षा के चलते इस ऐतिहासिक भवानी नाट्यशाला की दुर्दशा हुई है. ऐसे में इसके रिनोवेशन के कार्य में तेजी लाई जाए. साथ ही इसका पूर्ण तरीके से संरक्षण किया जाए. रिनोवेशन के बाद यहां पर नाटक और अन्य प्रकार के सभी आयोजन फिर से शुरू किया जाएं, जिससे झालावाड़ में पर्यटन की संभावना भी बढ़ेगी.
![jhalawar news etv bharat news persian opera style historical bhavani theater abhigyan shakuntalam staged garh palace in jhalawar raja bhavani singh historian lalit sharma jhalawar tourism development committee bhawani natyasala plight victim](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8061661_2.jpg)
वहीं, दुर्दशा का शिकार हो रही है भवानी नाट्यशाला से जुड़े हुए स्थानीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी जवाब देने से बचते नजर आए. कर्मचारियों का कहना है कि इसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है. जो भी जानकारी सही है, वह कोटा या जयपुर के स्तर से मिल पाएगी.