झालावाड़. कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयां बंद हो गई हैं. पहली यूनिट को बंद हुए 3 दिन हो गए हैं तो वहीं दूसरी यूनिट मंगलवार को बंद हो गई. दोनों इकाइयों में ट्यूब लीकेज हो गई है. जिससे थर्मल प्रशासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है.
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बता दें कि झालावाड़ का कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट 600-600 मेगावाट का पहला थर्मल है जो आधुनिकतम चाइनीज तकनीक पर बना हुआ है. इसमें बीजीआर कंपनी द्वारा डोंग फोंग कंपनी का जनरेटर, टरबाइन और बॉयलर सहित कई उपकरण लगाए गए थे. ऐसे में करोड़ों रुपए की तकनीक पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
दरअसल कालीसिंध थर्मल की पहली यूनिट रविवार को 65 मीटर पर बॉयलर की ट्यूब लीकेज होने से बंद हो गई थी. अधिक ऊंचाई पर होने से अब वहां पर जगह बनाना इंजीनियरों के लिए मुश्किल हो रहा है. थर्मल प्रशासन पहली यूनिट को सही करवा भी नहीं पाया था कि अब दूसरी यूनिट के बॉयलर में लीकेज होने से वह भी ठप हो गई है. फिलहाल थर्मल में पूरी तरह से बिजली का उत्पादन बंद हो गया है.
कालीसिंध थर्मल की पहली इकाई 3 दिन से बंद है. ऐसे में एक यूनिट से 24 घंटे में 144 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. एक यूनिट की लागत करीब 4.6 रुपए मानी जाती है. ऐसे में थर्मल को एक दिन में करीब 662 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. जिससे तीन दिन में थर्मल को करीब 19 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं दूसरी यूनिट जिसमें भी प्रतिदिन 144 लाख यूनिट का उत्पादन होता है. उसके भी बंद होने से प्रतिदिन नुकसान और बढ़ने वाला है.