झालावाड़. जिले में सरकार द्वारा मीजल्स-रूबेला अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को एमआर के टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस अभियान की मुख्य कड़ी आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उनकी अपनी मानदेय बढ़ाने की मांग को नहीं मानने तक इस अभियान का बहिष्कार कर दिया था. जिसकी वजह से इस अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे थे. ऐसे में अब आशा सहयोगिनी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस अभियान में फिर से शामिल हो गई हैं. जिससे इस अभियान को अब और अधिक बल मिलेगा और सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
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गौरतलब है कि आशा सहयोगिनी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय वृद्धि संबंधी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रही थी, साथ ही उन्होंने सरकार के एमआर अभियान का बहिष्कार भी कर दिया था.जिसके चलते इस अभियान में बाधाएं आ रही थी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शामिल नहीं होने की वजह से ही झालावाड़ में इस अभियान के प्रथम चरण में विभाग 77.50% लक्ष्य हासिल कर पाया था लेकिन अब आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने झालावाड़ सीएमएचओ को जॉइनिंग स्वीकार करने का अनुरोध किया है.