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विश्व तंबाकू निषेध दिवस विशेष : लॉकडाउन में छूट रही नशे की लत, सेहत के साथ पैसे भी बच रहे

प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. जिसके कारण लोगों को तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थ नहीं मिल पा रहे हैं. जो उनकी सेहत के लिए अच्छा साबित हो रहा है. लोगों में नशे की लत धीरे धीरे कम हो चुकी है... पढ़ें पूरी खबर

झालावाड़ न्यूज, Tobacco Prohibition Day
लॉकडाउन में लोगों में कम हो रही नशे की लत
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Published : May 31, 2021, 9:25 PM IST

झालावाड़. आज पूरे विश्व में तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसानों का खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि लोग तंबाकू छोड़ें और स्वस्थ रह सकें. ऐसे में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हम कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण समाज पर पड़ रहें सकारात्मक प्रभाव को लेकर बात कर करेंगे. जिससे लोगों की जिंदगी तंबाकू से मुक्त हो सके.

लॉकडाउन में लोगों में कम हो रही नशे की लत

दरअसल, राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है. जिसके चलते तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं हो पा रही है. ऐसे में ये लॉकडाउन नशा करने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होने से लोग अब इन उत्पादों का प्रयोग करना धीरे-धीरे छोड़ रहे हैं. इससे उनके स्वास्थ्य के साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है.

कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी. जिसके बाद से झालावाड़ जिला पूरी तरह से अपने घरों में कैद हो गया है. जहां लॉकडाउन में लोगों को राशन सामग्री और अन्य जरूरी चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस लॉकडाउन से लोगों के जीवन में काफी बदलाव भी देखने को मिला है. जो काम बड़े-बड़े जागरूकता अभियान नहीं कर पाए, वो काम लॉकडाउन की वजह से संभव होता नजर आ रहा है. आम दिनों में लोगों को आसानी से तंबाकू उत्पाद उपलब्ध हो जाते हैं. जिससे वो भारी मात्रा में गुटका, तंबाकू और पान मसाले का सेवन करते थे. लेकिन लॉकडाउन में इनकी बिक्री को छूट नहीं मिलने के कारण ये चीजें मिलना बहुत मुश्किल हो गई.

ऐसे में सरकार की ओर से सख्त किए गए नियमों से नशे की लत के शिकार लोगों की दिनचर्या बदल रही है. लोगों की अब धीरे-धीरे यह बुरी आदतें छूटने लगी है. लोगों ने बताया कि वो पहले दिन भर तंबाकू उत्पादों का सेवन किया करते थे, जिसकी वजह से उनके दांतों में भी समस्याएं हो जाती थी. जिसके चलते परिवार के लोग भी उनको पसंद नहीं करते थे लेकिन लॉकडाउन के चलते उनको तंबाकू उत्पाद नहीं मिल रहे हैं. जिससे उनकी लत छूटती जा रही है.

तंबाकू उत्पाद का सेवन करने वाले लोगों ने बताया कि शुरुआत में उनको काफी दिक्कत हुई लेकिन अब धीरे-धीरे उन्होंने पूरी तरह से तंबाकू का सेवन करना बंद कर दिया है. जिससे उनके प्रति परिवार का व्यवहार भी अच्छा रहने लगा है. उन्होंने बताया कि तंबाकू और पान मसाले की वजह से उनकी फिजूलखर्ची भी बची है. पहले जहां दिन भर में 300 से 400 रुपये तक का खर्चा हो जाता था वहीं, अब उनके ये पैसे बच रहे हैं, जिनका उपयोग वो लॉकडाउन में जरूरी चीजों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य के साथ-साथ उनको आर्थिक फायदा भी मिल रहा है.

पढ़ें- विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज...जिला अस्पताल में ओरल कैंसर के 40 प्रतिशत मरीज भर्ती

वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट जैसे चीजों में एक निकोटिन नाम का रसायन होता है, जो कैंसर का सबसे बड़ा कारण होता है. लॉकडाउन की वजह से लोगों को तंबाकू उत्पाद नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से बच रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि हृदय रोग, अस्थमा, कैंसर और ब्लड प्रेशर के पेशेंट, जिनकी इम्युनिटी पावर कमजोर रहती है. उनके तंबाकू का सेवन नहीं करने से उनकी सेहत में भी सुधार आएगा और इम्यूनिटी पावर मजबूत होगी.

तंबाकू छोड़ने के फायदे

तंबाकू छोड़ने के 20 मिनट बाद से ही पल्स रेट सामान्य हो जाती है. तंबाकू छोड़ने के 8 घंटे बाद शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर कम हो जाता है. तंबाकू छोड़ने के 72 घंटे बाद हमारी श्वास नली ठीक हो जाती है और सांस लेने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है. तंबाकू छोड़ने के एक दो हफ्तों में शरीर में रक्त संचार अच्छे से होने लगता है, जो ह्रदय के लिए काफी अच्छा रहता है.

झालावाड़. आज पूरे विश्व में तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसानों का खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि लोग तंबाकू छोड़ें और स्वस्थ रह सकें. ऐसे में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हम कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण समाज पर पड़ रहें सकारात्मक प्रभाव को लेकर बात कर करेंगे. जिससे लोगों की जिंदगी तंबाकू से मुक्त हो सके.

लॉकडाउन में लोगों में कम हो रही नशे की लत

दरअसल, राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है. जिसके चलते तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं हो पा रही है. ऐसे में ये लॉकडाउन नशा करने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होने से लोग अब इन उत्पादों का प्रयोग करना धीरे-धीरे छोड़ रहे हैं. इससे उनके स्वास्थ्य के साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है.

कोरोना वायरस के चलते सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी. जिसके बाद से झालावाड़ जिला पूरी तरह से अपने घरों में कैद हो गया है. जहां लॉकडाउन में लोगों को राशन सामग्री और अन्य जरूरी चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस लॉकडाउन से लोगों के जीवन में काफी बदलाव भी देखने को मिला है. जो काम बड़े-बड़े जागरूकता अभियान नहीं कर पाए, वो काम लॉकडाउन की वजह से संभव होता नजर आ रहा है. आम दिनों में लोगों को आसानी से तंबाकू उत्पाद उपलब्ध हो जाते हैं. जिससे वो भारी मात्रा में गुटका, तंबाकू और पान मसाले का सेवन करते थे. लेकिन लॉकडाउन में इनकी बिक्री को छूट नहीं मिलने के कारण ये चीजें मिलना बहुत मुश्किल हो गई.

ऐसे में सरकार की ओर से सख्त किए गए नियमों से नशे की लत के शिकार लोगों की दिनचर्या बदल रही है. लोगों की अब धीरे-धीरे यह बुरी आदतें छूटने लगी है. लोगों ने बताया कि वो पहले दिन भर तंबाकू उत्पादों का सेवन किया करते थे, जिसकी वजह से उनके दांतों में भी समस्याएं हो जाती थी. जिसके चलते परिवार के लोग भी उनको पसंद नहीं करते थे लेकिन लॉकडाउन के चलते उनको तंबाकू उत्पाद नहीं मिल रहे हैं. जिससे उनकी लत छूटती जा रही है.

तंबाकू उत्पाद का सेवन करने वाले लोगों ने बताया कि शुरुआत में उनको काफी दिक्कत हुई लेकिन अब धीरे-धीरे उन्होंने पूरी तरह से तंबाकू का सेवन करना बंद कर दिया है. जिससे उनके प्रति परिवार का व्यवहार भी अच्छा रहने लगा है. उन्होंने बताया कि तंबाकू और पान मसाले की वजह से उनकी फिजूलखर्ची भी बची है. पहले जहां दिन भर में 300 से 400 रुपये तक का खर्चा हो जाता था वहीं, अब उनके ये पैसे बच रहे हैं, जिनका उपयोग वो लॉकडाउन में जरूरी चीजों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य के साथ-साथ उनको आर्थिक फायदा भी मिल रहा है.

पढ़ें- विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज...जिला अस्पताल में ओरल कैंसर के 40 प्रतिशत मरीज भर्ती

वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट जैसे चीजों में एक निकोटिन नाम का रसायन होता है, जो कैंसर का सबसे बड़ा कारण होता है. लॉकडाउन की वजह से लोगों को तंबाकू उत्पाद नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से बच रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि हृदय रोग, अस्थमा, कैंसर और ब्लड प्रेशर के पेशेंट, जिनकी इम्युनिटी पावर कमजोर रहती है. उनके तंबाकू का सेवन नहीं करने से उनकी सेहत में भी सुधार आएगा और इम्यूनिटी पावर मजबूत होगी.

तंबाकू छोड़ने के फायदे

तंबाकू छोड़ने के 20 मिनट बाद से ही पल्स रेट सामान्य हो जाती है. तंबाकू छोड़ने के 8 घंटे बाद शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर कम हो जाता है. तंबाकू छोड़ने के 72 घंटे बाद हमारी श्वास नली ठीक हो जाती है और सांस लेने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है. तंबाकू छोड़ने के एक दो हफ्तों में शरीर में रक्त संचार अच्छे से होने लगता है, जो ह्रदय के लिए काफी अच्छा रहता है.

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