झालावाड़. जिले के अकलेरा कस्बे के वन विभाग के रेंजर की जीप में शुक्रवार रात एक युवक का शव संदिग्ध हालत में पड़ा मिलने से सनसनी फैल गई. बाद में मृतक की पहचान योगेंद्र मीणा के रूप में हुई जो कि गोरियाखेड़ा गांव का निवासी था. वहीx इधर मृतक के परिजनों ने वन विभाग रेंजर कैलाश चंद सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कराया है. इस मामले की जानकारी देते हुए अकलेरा थाना प्रभारी लक्ष्मीचंद वर्मा ने बताया मृतक के पिता रतनलाल ने शुक्रवार देर रात लिखित शिकायत दी है. उसके अनुसार 1 सितंबर को दिन में करीब 12:00 उसके पुत्र योगेंद्र को वन विभाग रेंजर कैलाश चंद अपने साथ लेकर गया था. जब देर रात तक उनका योगेंद्र घर नहीं लौटा तो वे उसकी तलाश में वन विभाग नर्सरी के गेट पर पहुंचे. जहां उसके बेटे योगेंद्र का शव गाड़ी में पड़ा हुआ था.
बाद मे वे योगेंद्र को लेकर निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने के लिए पहुंचे. जहां डॉक्टर ने परीक्षण के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया है. मृतक के पिता ने रेंजर कैलाश चंद सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस की ओर से शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. फ़िलहाल पूरे मामले में एक आरोपी को डिटेन किया गया है तथा अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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वही मृतक योगेंद्र मीणा के पिता रतनलाल का कहना है कि शुक्रवार दोपहर 12 बजे वन विभाग का रेंजर कैलाश चंद ने फोन कर उसके पुत्र योगेंद्र को घर से बाहर बुलाया था. उसके बाद वो उसे अपनी जीप में बिठाकर ले गया. उस दौरान जीप में 3 अन्य व्यक्ति भी सवार थे. देर रात 10 बजे तक भी जब योगेंद्र घर नहीं लौटा, तो वह उसकी तलाश करते हुए वन विभाग कार्यालय के बाहर पहुंचे. जहां योगेंद्र संदिग्ध हालत में जीप में पड़ा हुआ था. उसकी हालत को देखने के बाद में वे योगेंद्र को अकलेरा के निजी अस्पताल ले गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.