जालोर. सांचोर में गुजरात सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे 95 साल के एक बुजुर्ग सहित तीन किसानों की बुधवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद तीनों किसानों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. ये किसान गुजरात सरकार से राजस्थान के हिस्से का 2200 क्यूसेक पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं.
सांचोर नर्मदा नहर परियोजना के दफ्तर के बाहर पिछले चार दिन से नर्मदा नहर में 22 क्यूसेक पानी देने की मांग को लेकर गुजरात सरकार के विरोध में अनशन पर 28 किसान बैठे (farmer hunger strike in Sanchore) हैं. जिनमें से 95 वर्षीय बुजुर्ग सहित तीन किसानों की बुधवार देर रात अचानक तबियत बिगड़ गई. तबियत खराब होने पर उपखंड प्रशासन ने देर रात को तीनों किसानों को राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया.
अनशन पर बैठे किसानों का आरोप है कि गुजरात सरकार राजस्थान के हक का पानी दबा रही है. राजस्थान की नर्मदा नहर में 2200 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए था लेकिन पिछले एक महीने से राजस्थान को 1 हजार से 12 सौ क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. जिसके कारण नहर के टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में परेशान किसान आंदोलन कर रहे हैं.
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किसानों का कहना है कि रबी की सीजन शुरू हो चुकी है. किसानों ने बुवाई के लिए खेत तैयार कर दिए हैं लेकिन नहर में पानी नहीं आने के कारण अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं.
इन किसानों की बिगड़ी तबियत
नर्मदा नहर में पानी की मांग को लेकर 28 किसान बुधवार को अनशन पर बैठे थे. जिसमें से 95 वर्षीय लाधा राम पुत्र हीराराम कलबी, 85 वर्षीय सुरजन पुत्र कानाराम बिश्नोई और मसरा राम पुत्र अमरा राम पुरोहित की तबियत बिगड़ गई.