जालोर. कोरोना को लेकर मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया था. उस समय प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों का 15 दिन का वेतन काटा था. अभी तक एक-एक दिन का वेतन काटा जा रहा है. वहीं कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है. जिसके विरोध में सोमवार को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन दिया.
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मार्च में शिक्षकों का 15 दिनों के वेतन की कटौती की थी. इसके अलावा अब तक प्रत्येक महीने एक-एक दिन का वेतन काटा जा रहा है. उसको बन्द किया जाए और मार्च में काटे वेतन को भी दीपावली के बोनस के साथ देने की मांग की है.
शिक्षक संघ शेखावत के जिला संयोजक दलपत सिंह आर्य ने बताया कि कोर्ट के आदेश है कि किसी भी शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाए, लेकिन आदेश के विपरीत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सरकार की आर्थिक स्थिति खराब थी, तब कर्मचारियों के 15 दिन का वेतन काटा था, लेकिन अब आर्थिक हालात में सुधार हो गया है. ऐसे में रोका हुआ 15 दिनों का वेतन खातों में जमा किया जाए और अब प्रत्येक माह 1 दिन के वेतन की कटौती को भी बन्द किया जाए.
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उन्होंने ज्ञापन में सरकार को अल्टीमेटम दिया कि बकाया वेतन देने के साथ रुका 15 दिनों का वेतन बोनस के साथ नहीं दिया गया तो राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत द्वारा प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.