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जालोर : रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन ने साधी चुप्पी - rajasthan

जालोर जिले के गांधव बाखासर सड़क मार्ग पर खुलेआम बालू रेत का खनन हो रहा है. इस खनन से परेशान किसानों ने प्रशासन से न्याय की गुहार तो लगाई है लेकिन प्रशासन पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है.

रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद
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Published : Jul 25, 2019, 11:55 PM IST

जालोर. जिले में कई जगहों पर अवैध खनन चोरी-छुपे तो लम्बे समय से चल रहा है, लेकिन गांधव बाखासर सड़क मार्ग पर खुलेआम बालू रेत का खनन बता रहा है कि बजरी माफियाओं को अब पुलिस और प्रशासन का कोई भय नहीं है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं किया जाना व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

रेत माफियाओं ने खेत को लीज पर लेकर, खुलेआम अवैध खनन शुरू कर दिया है. जालोर जिले में बेशक कई जगहों पर चोरी छिपे कही पर बजरी तो, कहीं पर पत्थरों का खनन हो रहा है लेकिन अब खुलेआम सड़क के किनारे बालू मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है. आसपास के खेत वालों ने उसे रुकवाने के लिए कई ठेकेदार को बोला भी लेकिन खनिज विभाग से अनुमति लेने की बात करके ग्रामीणों पर धौंस जमा कर चुप करवा दिया गया.

रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद

इस भारी मात्रा में किए जा रहे अवैध खनन की जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची. जहां हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला. 8 से 10 डंपर गाड़ियां लाइन में खड़ी थी और मशीन से रेत को खनन करके भरा जा रहा था. जिस खेत में मशीन से खुदाई का कार्य चल रहा था, वहां पर 300 मीटर चौड़ाई व 80 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक खुदाई की जा चुकी थी और सड़क के किनारे मशीन लगाकर खुदाई का कार्य किया जा रहा था.

पड़ोस के रहने वाले एक किसान ने बताया कि इस बड़े खड्डे से उसके खेत को नुकसान पहुंचेगा. पीड़ित किसान ने बताया कि यदि बरसात आती है तो ऐसी स्थिति में उसके खेत की जमीन ढह जाएगी. और खेत में बना उसका मकान भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा. इस अवैध खनन को रुकवाने के लिए किसानों ने चितलवाना के तहसीलदार व सांचोर के एसडीएम को ज्ञापन दिया था. जिसके बाद सांचोर कार्यवाहक एसडीएम ने किसानों को अवैध खनन रुकवाने के बजाय थाने में मामला दर्ज करवाने का बोल कर घर भेज दिया. अब किसान भी इस अवैध तौर पर हो रहे खनन को लेकर परेशान है.

प्रशासन की ओर से अवैध खनन करने वाले ठेकेदार कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. यहां तक प्रशासनिक अधिकारियों ने तो मौका मुआयना करना भी जायज नहीं समझा. ईटीवी भारत की टीम सांचोर के कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से बात करनी चाही तो उन्होंने पहले तो उस चितलवाना का मामला होने की बात कह कर मामले को टालना चाहा, लेकिन कार्यवाहक एसडीएम चार्ज उनके पास होने का हवाला दिया तो कहा कि चितलवाना तहसीलदार को मामले की जांच करने को बोल दिया है. जल्द ही जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

पड़ोस के खेत का किसान मना करता रहा, ठेकेदार अवैध खनन करता रहा
जिस जगह पर ठेकेदार द्वारा बालू मिट्टी का अवैध तौर पर खनन किया का रहा है. उस खेत के मालिक से जमीन समतलीकरण करने का एक एग्रीमेंट बनाया हुआ है. जिसके आड़ में ठेकेदार बालू रेत का अवैध खनन कर रहा है, लेकिन जिस जगह यह खनन किया जा रहा है उसके पड़ोस के खेत मालिक ने खनन करने वाले ठेकेदार को उसके खेत से दूर खनन करने की मांग करता रहा, लेकिन ठेकेदार ने एक नहीं सुनी
ईटीवी की टीम ने तहसीलदार व कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से टीम ने बात करनी चाही लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने बोलने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की. वहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी ली तो सामने आया कि अवैध तौर पर बालू रेत की खुदाई की अनुमति नहीं ली गई है.

जालोर. जिले में कई जगहों पर अवैध खनन चोरी-छुपे तो लम्बे समय से चल रहा है, लेकिन गांधव बाखासर सड़क मार्ग पर खुलेआम बालू रेत का खनन बता रहा है कि बजरी माफियाओं को अब पुलिस और प्रशासन का कोई भय नहीं है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं किया जाना व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

रेत माफियाओं ने खेत को लीज पर लेकर, खुलेआम अवैध खनन शुरू कर दिया है. जालोर जिले में बेशक कई जगहों पर चोरी छिपे कही पर बजरी तो, कहीं पर पत्थरों का खनन हो रहा है लेकिन अब खुलेआम सड़क के किनारे बालू मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है. आसपास के खेत वालों ने उसे रुकवाने के लिए कई ठेकेदार को बोला भी लेकिन खनिज विभाग से अनुमति लेने की बात करके ग्रामीणों पर धौंस जमा कर चुप करवा दिया गया.

रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद

इस भारी मात्रा में किए जा रहे अवैध खनन की जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची. जहां हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला. 8 से 10 डंपर गाड़ियां लाइन में खड़ी थी और मशीन से रेत को खनन करके भरा जा रहा था. जिस खेत में मशीन से खुदाई का कार्य चल रहा था, वहां पर 300 मीटर चौड़ाई व 80 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक खुदाई की जा चुकी थी और सड़क के किनारे मशीन लगाकर खुदाई का कार्य किया जा रहा था.

पड़ोस के रहने वाले एक किसान ने बताया कि इस बड़े खड्डे से उसके खेत को नुकसान पहुंचेगा. पीड़ित किसान ने बताया कि यदि बरसात आती है तो ऐसी स्थिति में उसके खेत की जमीन ढह जाएगी. और खेत में बना उसका मकान भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा. इस अवैध खनन को रुकवाने के लिए किसानों ने चितलवाना के तहसीलदार व सांचोर के एसडीएम को ज्ञापन दिया था. जिसके बाद सांचोर कार्यवाहक एसडीएम ने किसानों को अवैध खनन रुकवाने के बजाय थाने में मामला दर्ज करवाने का बोल कर घर भेज दिया. अब किसान भी इस अवैध तौर पर हो रहे खनन को लेकर परेशान है.

प्रशासन की ओर से अवैध खनन करने वाले ठेकेदार कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. यहां तक प्रशासनिक अधिकारियों ने तो मौका मुआयना करना भी जायज नहीं समझा. ईटीवी भारत की टीम सांचोर के कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से बात करनी चाही तो उन्होंने पहले तो उस चितलवाना का मामला होने की बात कह कर मामले को टालना चाहा, लेकिन कार्यवाहक एसडीएम चार्ज उनके पास होने का हवाला दिया तो कहा कि चितलवाना तहसीलदार को मामले की जांच करने को बोल दिया है. जल्द ही जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

पड़ोस के खेत का किसान मना करता रहा, ठेकेदार अवैध खनन करता रहा
जिस जगह पर ठेकेदार द्वारा बालू मिट्टी का अवैध तौर पर खनन किया का रहा है. उस खेत के मालिक से जमीन समतलीकरण करने का एक एग्रीमेंट बनाया हुआ है. जिसके आड़ में ठेकेदार बालू रेत का अवैध खनन कर रहा है, लेकिन जिस जगह यह खनन किया जा रहा है उसके पड़ोस के खेत मालिक ने खनन करने वाले ठेकेदार को उसके खेत से दूर खनन करने की मांग करता रहा, लेकिन ठेकेदार ने एक नहीं सुनी
ईटीवी की टीम ने तहसीलदार व कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से टीम ने बात करनी चाही लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने बोलने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की. वहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी ली तो सामने आया कि अवैध तौर पर बालू रेत की खुदाई की अनुमति नहीं ली गई है.

Intro:जिले के कई जगहों पर अवैध खनन चोरी छुपे तो लम्बे समय से चल रहा है, लेकिन गांधव बाखासर सड़क मार्ग पर खुलेआम बालू रेत का खनन हो रहा है। जिसको रुकवाने के लिए किसानों ने तहसीलदार, एसडीएम व संबंधित थाने में तहरीर दी है, लेकिन अभी तक खनन बदत्तर जारी है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि खुलेआम सड़क के किनारे भारी मात्रा में बालू रेत का खनन हो रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने आखिर क्यों नहीं रुकवाया।


Body:रेत माफियाओं ने खेत को लीज पर लेकर खुलेआम कर रहे है अवैध खनन, प्रशासन जान कर बना अनजान जालोर जिले में बेशक कई जगहों पर चोरी छिपे कही पर बजरी तो कही पर पत्थरों का खनन हो रहा है, लेकिन अब खुलेआम सड़क के किनारे बालू मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। आठ से दस डम्पर गाड़िया व हिटेशी मशीन से खुदाई करके बालू रेत को एक ठेकेदार लेकर जा रहा है। आसपास के खेत वालों ने उससे रुकवाने के लिए कई बार अवैध खनन करने वाले ठेकेदार को बोला भी, लेकिन खनिज विभाग से अनुमति लेने की बात करके ग्रामीणों पर धौंस जमा कर चुप करवा दिया। इस भारी मात्रा में किये जा रहे अवैध खनन की जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो हैरान करने वाला नजारा था। 8 से 10 डम्पर गाड़िया लाइन में खड़ी थी और हिटेची मशीन ने रेत को खनन करके भरा जा रहा था। जिस खेत में मशीन से खुदाई का कार्य चल रहा था वहां पर 300 मीटर चौड़ाई व 80 फ़ीट से ज्यादा ऊंचाई तक खुदाई की जा चुकी थी और सड़क के किनारे मशीन लगाकर खुदाई का कार्य किया जा रहा था। इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने वहां पर पड़ोस के किसान से बात की तो उन्होंने बताया की ठेकेदार ने खनिज विभाग व तहसीलदार से अनुमति लेकर खुदाई कार्य करने की धौंस दिखाकर यहां से मशीनों से खुदाई करके बालू रेत ले जाई जा रही है। जिसके कारण पड़ोस में मेरे खेत में दरार आ गई है, वहीं ज्यादा बारिश हुई तो खेत में बनाई गई ढाणी भी जमीन के कटाव के कारण जमीदोज हो जाएगी। इस अवैध खनन को रुकवाने के लिए किसानों ने चितलवाना के तहसीलदार व सांचोर के एसडीएम को ज्ञापन दिया था। जिसके बाद सांचोर कार्यवाहक एसडीएम ने किसानों को अवैध खनन रुकवाने के बजाय थाने में मामला दर्ज करवाने का बोल कर घर भेज दिया। अब किसान भी इस अवैध तौर पर हो रहे खनन को लेकर परेशान है, लेकिन अवैध खनन करने वाला ठेकेदार पर प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है। जानबूझ कर इग्नोर कर रहा है प्रशासन धड़ल्ले से चल रहे बालू रेत के अवैध खनन की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी थी, प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना स्थल पर हो रहे का मौका मुआयना तक नहीं किया है। ईटीवी भारत की टीम ने भी प्रशासन से पक्ष भी जानने व लम्बे समय से अवैध खनन होने के बावजूद कोई कार्यवाहीं नहीं करने की बात को लेकर सांचोर के कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से बात करनी चाही तो उन्होंने पहले तो उस चितलवाना हल्के का मामला होने की बात कह कर मामले को टालना चाहा, लेकिन कार्यवाहक एसडीएम चार्ज उनके पास होने का हवाला दिया तो कहा कि चितलवाना तहसीलदार को मामले की जांच करने को बोल दिया है, जल्द ही जांच करके कार्यवाही की जाएगी। पड़ोस के खेत का किसान मना करता रहा, ठेकेदार अवैध खनन करता रहा जिस जगह पर ठेकेदार ने बालू मिट्टी का अवैध तौर खनन किया का रहा है। उस खेत के मालिक से जमीन समतलीकरण करने का एक एग्रीमेंट बनाया हुआ है। जिसके आड़ में ठेकेदार बालू रेत का अवैध खनन कर रहा है, लेकिन जिस जगह यह खनन किया जा रहा है उसके पड़ोस के खेत मालिक ने खनन करने वाले ठेकेदार को उसके खेत से दूर खनन करने की मांग करता रहा, लेकिन ठेकेदार के आगे काम करने वाले लोगों ने एक नहीं सुनी।उसके खेत के जस्ट पास में 70 से 80 फीट गहरा खड्डा खोद दिया। जिसके कारण पड़ोस के किसान की जमीन में दरार आ गई है और वह जमीन कभी भी ढह सकती है। अगर ऐसा होता है तो पड़ोस के किसान की जमीन में बना उसका घर भी जमीदोज हो जाएगा। बाईट- भेराराम, पीड़ित किसान बाईट - सांवलाराम, पीड़ित किसान बाईट- पीताम्बर दास राठी, कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी चितलवाना


Conclusion:यह खबर खनन माफियाओं के गढ़ में जाकर ईटीवी भारत की टीम ने बनाई है, इसमें क्षेत्र के तहसीलदार व कार्यवाहक एसडीएम पीताम्बर दास राठी से टीम ने बात करनी चाही लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने बोलने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की। वहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी ली तो सामने आया कि अवैध तौर पर बालू रेत की खुदाई की अनुमति नहीं ली गई है। वहीं ठेकेदार ने दावा किया कि खनिज विभाग के अधिकारियों से जमीन समतलीकरण करने की अनुमति ले रखी है। जिसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की तो सामने आया कि जमीन समतलीकरण करने के लिए खेत मालिक 3 मीटर तक ही खुदाई की जा सकती है, लेकिन मौके पर खुदाई 70 से 80 फ़ीट तक की गई है।
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