जालोर. जिला मुख्यालय से 250 किमी दूर चितलवाना उपखंड मुख्यालय के सामने 45 से 50 डिग्री के बीच टापी ग्राम पंचायत के सैंकड़ों ग्रामीण गोचर और ओरण की जमीन को अतिक्रमियों से बचाने के लिए 11 दिन से धरना दे रहे है. जिसमें तीन लोग 4 जून से अनशन पर बैठे है, जिनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है. इसके बावजूद भी प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है.
ग्रामीणों ने बताया कि टापी गांव में गोचर जमीन पर लम्बे समय से अतिक्रमियों ने स्टाम्प पर प्लॉट काट कर बेचने का गोरख धंधा किया जा रहा है.इस बारे में ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.
जिसके बाद कुछ ग्रामीणों ने जोधपुर हाई कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की . जिसमें जालोर कलेक्टर को एक बार तलब भी किया था, लेकिन प्रशासन ने गोचर पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर कोई कदम नहीं उठाए, जिसके चलते अतिक्रमण करने वालों के होशले बुलन्द होते गए और 50 से बढ़कर अतिक्रमियों की संख्या 107 हो गई. अब ग्रामीण अनशन पर बैठकर अतिक्रमियों को बेदखल करने की मांग कर रहे है.
अनशन कर रहे लोगों को डराने का किया प्रयास
गोचर जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे ग्रामीणों को स्थानीय प्रशासन ने डराने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण धरना स्थल पर डटे रहे. अनशन पर बैठे गंगाराम जाट की जमीन नापने टीम उनके घर तक चली गई. उनकी पैतृक जमीन की पैमाइस भी प्रशासन ने करवाई, लेकिन उनके पैतृक जमीन में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं पाया गया. वहीं अनशन कर रहे ग्रामीण की जमीन की पैमाइस करने की जानकारी के बाद स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे तो प्रशासन ने अतिक्रमियों को चिन्हित करने का काम वापस शुरू किया.
हिंडवाड़ा गांव के ग्रामीण भी धरने पर
हिंडवाड़ा गांव के ग्रामीण भी गोचर पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्रामीणों के साथ धरना दे रहे है, लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया. ग्रामीण आसुराम गोदारा ने बताया की गोचर की 400 बीघा जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर दिया है. जिसके कारण गायों व अन्य जानवरों के विचरण करने के लिए जमीन नहीं बची है. जिसके कारण गोचर की जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए, लेकिन प्रशासन अतिक्रमण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.