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जालोर : कोविड के कारण रोडवेज डिपो को रोजाना ढाई लाख का नुकसान, आधी बसों का संचालन भी रोका

जिले में कोरोना के बचाव को लेकर लगाए गए जन अनुशासन पखवाड़े के तहत लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोकने के कारण जालोर डिपो की बसों का संचालन आधा कर दिया है. पहले 85 बसों का संचालन किया जा रहा था. अब 45 बसें ही चल रही हैं. डिपो को रोजाना दो से ढाई लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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Published : Apr 26, 2021, 9:56 PM IST

जालोर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के पेशेंट्स को देखते हुए लगाए गए जन अनुशासन पखवाड़ा के बाद लगातार यात्री भार में कमी आई है. जिसके कारण रोडवेज ने भी अपनी आधी बसों का संचालन रोक दिया है. पिछले एक सप्ताह से जालोर के रोडवेज डिपो को रोजाना दो से ढाई लाख का राजस्व नुकसान हो रहा है.

इसके अलावा प्रतिदिन 50 प्रतिशत बसों के संचालन में भी हालत यह है कि बसों में जलने वाले डीजल के पैसों की वसूली तक नहीं हो पा रही है. जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले वीक एन्ड कर्फ्यू लगाया था. बाद में राज्य सरकार ने इसको आगे बढ़ाते हुए जन अनुशासन पखवाड़े के नाम से लॉक डाउन लगा दिया. उसमें बसों का आवागमन शुरू रखा है.

ऐसे में जालोर डिपो बसों का संचालन तो कर रहा है लेकिन संख्या आधी कर दी है. रोडवेज अधिकारियों के अनुसार लॉक डाउन से पहले प्रतिदिन 85 बसों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन जन अनुशासन पखवाड़े को लागू करने के कारण बसों का संचालन आधा करके अब प्रतिदिन 46 बसें ही चल रही है. इनमें यात्री भार बहुत कम हो गया है. जिसके कारण हालात यह है कि इन बसों में जलने वाले डीजल के पैसों की वसूली तक नहीं हो पा रही है.

पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में कोरोना से लड़ने पर मंथन, CM गहलोत ने भाजपा पर साधा निशाना

जिले में कोविड का लहर तेजी से बढ़ रही है. जिसके कारण प्रतिदिन 100 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना लगभग बंद ही कर दिया है. ऐसे में रोडवेज बसों का संचालन करना भी रोडवेज के लिए मुश्किल होता जा रहा है. जालोर आगार में यात्रियों के भार को देखते हुए विभाग ने 17 बसों को अनुबंधित पर लगा रखा था, लेकिन कोरोना के कारण बसों का संचालन कम करने पर सबसे पहले 17 अनुबंधित बसों पर गाज गिरी ओर उनको हटा दिया.

जालोर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के पेशेंट्स को देखते हुए लगाए गए जन अनुशासन पखवाड़ा के बाद लगातार यात्री भार में कमी आई है. जिसके कारण रोडवेज ने भी अपनी आधी बसों का संचालन रोक दिया है. पिछले एक सप्ताह से जालोर के रोडवेज डिपो को रोजाना दो से ढाई लाख का राजस्व नुकसान हो रहा है.

इसके अलावा प्रतिदिन 50 प्रतिशत बसों के संचालन में भी हालत यह है कि बसों में जलने वाले डीजल के पैसों की वसूली तक नहीं हो पा रही है. जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले वीक एन्ड कर्फ्यू लगाया था. बाद में राज्य सरकार ने इसको आगे बढ़ाते हुए जन अनुशासन पखवाड़े के नाम से लॉक डाउन लगा दिया. उसमें बसों का आवागमन शुरू रखा है.

ऐसे में जालोर डिपो बसों का संचालन तो कर रहा है लेकिन संख्या आधी कर दी है. रोडवेज अधिकारियों के अनुसार लॉक डाउन से पहले प्रतिदिन 85 बसों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन जन अनुशासन पखवाड़े को लागू करने के कारण बसों का संचालन आधा करके अब प्रतिदिन 46 बसें ही चल रही है. इनमें यात्री भार बहुत कम हो गया है. जिसके कारण हालात यह है कि इन बसों में जलने वाले डीजल के पैसों की वसूली तक नहीं हो पा रही है.

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जिले में कोविड का लहर तेजी से बढ़ रही है. जिसके कारण प्रतिदिन 100 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना लगभग बंद ही कर दिया है. ऐसे में रोडवेज बसों का संचालन करना भी रोडवेज के लिए मुश्किल होता जा रहा है. जालोर आगार में यात्रियों के भार को देखते हुए विभाग ने 17 बसों को अनुबंधित पर लगा रखा था, लेकिन कोरोना के कारण बसों का संचालन कम करने पर सबसे पहले 17 अनुबंधित बसों पर गाज गिरी ओर उनको हटा दिया.

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