जालोर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर जालोर पहुंचे. यहां सर्किट हाउस में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही. साथ ही उन्होंने खुद भी दो जगहों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
जनता चाहती है बदलाव : बेनीवाल ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी पूरे प्रदेश की 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि वे खुद दो सीट से चुनाव लड़ेंगे. साथ ही जो छोटे दल साथ आना चाहते हैं उनके साथ गठबंधन करने के लिए हम तैयार हैं. उनसे बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि गहलोत मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहते. जबकि सचिन पायलट सीएम बनना चाहते हैं. भाजपा सत्ता में आना चाहती है, इसलिए अब जनता बदलाव चाहती है.
ये मुद्दे संसद में उठाएंगे : उन्होंने कहा कि अगले संसद सत्र में जालोर जिले की प्रमुख मांगों को संसद में उठाएंगे. काफी समय से जालोर जिले में ग्रेनाइट उद्योग को प्रमोट करने के लिए रेल की मांग की जा रही है. इस मामले को भी सदन में उठाया जाएगा. साथ ही जिले में अनार मंडी स्थापित करने और वंचित गांवों में नर्मदा का पानी पहुंचाने के मुद्दे को भी उठाया जाएगा. सुराणा जैसी घटनाएं वापस प्रदेश में नहीं हो, इसके लिए जन-जागरण होना जरूरी है.
बजट जनता के हित के लिए नहीं : बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में बजरी माफिया ही सरकार चला रहे हैं. अडानी देश की सरकार चला रहा है. बजरी से 50 रुपए प्रति टन राज्य सरकार को राजस्व मिलता है, लेकिन ठेकेदार गरीबों से 600 रुपए तक प्रति टन वसूल कर रहे हैं. टोल मुक्त व बजरी की दरें कम करने को लेकर आरएलपी हमेशा प्रदर्शन करती रहेगी. उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी हुए केंद्र व राज्य सरकार के बजट जनहित के नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र के बजट में प्रदेश से पांच-पांच मंत्री होने के बावजूद राजस्थान का नाम तक नहीं लिया गया, जबकि चुनाव के कारण कर्नाटक में विशेष पैकेज की घोषणा की गई. उन्होंने कहा कि राजस्थान को भी विशेष राज्य का दर्जा देने की आवश्यकता है, इसके लिए आवाज उठाई है, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि ब्यूरोक्रेसी सरकार पर हावी हो रहा है. ऐसे में घोषणाओं को धरातल पर उतारना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ा गया. आधा घंटा पहले बजट लीक हो गया, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई.