रानीवाड़ा (जालोर). कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए इस समय पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. जिसने पूरे देश की आर्थिक स्थिति को हिला के रख दिया है. ऐसे में लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसी कड़ी में रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर लोगों के पिछले तीन महीनों के बिजली बिल मांफ करने की मांग की है.
देवल ने अपने पत्र में लिखा है कि, कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से देशभर में लॉकडाउन लागू है. जिसके चलते सब के काम धंधे ठप पड़े हुए हैं. लोगों के पास खाने-पीने जैसी जरूरी सामान खरीदने के पैसे नहीं हैं, तो वो बिजली के बिलों को कैसे जमा करांगे. पहले राज्य सरकार ने जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए ही विद्युत बिलों को स्थगित किया था. अब एक साथ इतनी रकम गरीब जनता कहां से लाएगी. ऊपर से बिजली कपंनियां आदेश निकाल रही हैं कि, अगर अब बिल जमा नहीं कराया तो, विलम्ब शुल्क के साथ-साथ 2.5 प्रतिशत ब्याज भी लिया जाएगा. वरना बिजली का कनेक्शन काट दिया जायेगा. बिजली कपंनियों का ये निर्णय सरासर गलत और अन्यायपूर्ण है. इसलिए मुख्यमंत्री को जनहित को देखते हुए तुरन्त प्रभाव से निर्णय लेकर स्थगित किए गए विद्युत बिलों की राशि को माफ कर देना चाहिए. जिससे गरीब जनता को राहत मिल सके.
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उन्होंने लिखा कि, जब कांग्रेस पार्टी की महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश सरकार से बिजली के बिल माफ करने की मांग कर सकती हैं, तो राजस्थान सरकार को तो वैसे ही उनकी मांग के अनुरूप खुद आगे बढ़कर बिजली के बिल माफ कर देने चाहिए.