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रबी की ढाई लाख हेक्टेयर फसल पर मंडरा रहा है टिड्डियों के हमले का खतरा, प्रशासन के पास नहीं संसाधन

जालोर जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर जमीन पर रबी की फसल की बुवाई की गई है. ऐसे में अगर टिड्डियों का झुंड हवा के साथ जालोर के गांवों की तरफ बढ़ता है तो जिले में रबी की पूरी फसल चौपट कर सकता है. इनको रोकने या नष्ट करने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास भी कोई संसाधन नहीं है. अगर अब फसल टिड्डी की चपेट में आते है तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.

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टिड्डियों का खतरा
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Published : Dec 22, 2019, 9:23 PM IST

जालोर. जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर में इन दिनों किसानों ने रबी की फसल की बुवाई कर रखी है. जिस पर टिड्डी के हमले का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के पास में बचाव को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है. ऐसे में किसान केवल भगवान भरोसे है. अगर टिड्डी दल जालोर के गांवों में दस्तक देता है तो जिले के किसानों में हाहाकार मच जाएगा, क्योंकि किसानों ने कर्ज लेकर लाखों हेक्टेयर में फसल की बुवाई कर रखी है.

रबी की फसल पर अब भी मंडरा रहा है टिड्डियों का खतरा

बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्थान से लगातार टिड्डी भारत की ओर आ रही है. इसमें से एक दल ने सप्ताह भर पहले ही जालोर के कुछ गांवों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन किसानों की तकदीर ने साथ दिया और अचानक हवा का रुख बदल गया. जिससे टिड्डियों का दल गुजरात की ओर चला गया.

पढ़ेंः स्पेशल : पुरी में जब जगन्नाथ के पट हो जाते हैं बंद तो यहां खुलते हैं...

साथ ही जो अभी तक सुईगांव के पास कंटीली झाड़ियों में बैठा है, जबकि दूसरे टिड्डियों के कई दल बाड़मेर के गांवों में मौजूद है. जो धीरे धीरे जालोर की सीमा की ओर बढ़ रहे है. जिसके कारण अब जिले के किसानों के माथे में चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है.

सरकार की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहे है किसान-

टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार और टिड्डी नियंत्रण दल की लापरवाही के कारण आज जालोर और बाड़मेर के किसान बर्बाद हो रहे है, क्योंकि 19 सितम्बर 2019 में पाकिस्तान के खोखरापार जीरो पॉइंट पर सयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि उनको चीन ने कीटनाशक दवाई नहीं दी है. जिसके कारण टिड्डी पर नियंत्रण नहीं हो पायेगा.

पढ़ेंः जयपुर में आयोजित हुई VHP के फाउंडेशन संगठन की पाठशाला

उसके बाद भारत की सरकार को टिड्डी नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी रही. जिसके कारण टिड्डी पाक से भारत की और बढ़ती गई और बॉर्डर के कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद कर रही है, लेकिन सरकार टिड्डी पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है.

केंद्रीय मंत्री के गृह जिले में सबसे बुरे हालात, लेकिन इंतजाम जीरो-

टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार पूरी तरह से फैल हो गई है. वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी बाड़मेर के है. उनके गृह जिले में भयावक हालात है. हजारों हेक्टेयर में फैली रबी फसल को टिड्डियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए गए. अब भी टिड्डियों पर नियंत्रण या प्रभावित क्षेत्र के किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा इसके बारे में भी संशय बना हुआ है.

जालोर. जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर में इन दिनों किसानों ने रबी की फसल की बुवाई कर रखी है. जिस पर टिड्डी के हमले का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के पास में बचाव को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है. ऐसे में किसान केवल भगवान भरोसे है. अगर टिड्डी दल जालोर के गांवों में दस्तक देता है तो जिले के किसानों में हाहाकार मच जाएगा, क्योंकि किसानों ने कर्ज लेकर लाखों हेक्टेयर में फसल की बुवाई कर रखी है.

रबी की फसल पर अब भी मंडरा रहा है टिड्डियों का खतरा

बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्थान से लगातार टिड्डी भारत की ओर आ रही है. इसमें से एक दल ने सप्ताह भर पहले ही जालोर के कुछ गांवों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन किसानों की तकदीर ने साथ दिया और अचानक हवा का रुख बदल गया. जिससे टिड्डियों का दल गुजरात की ओर चला गया.

पढ़ेंः स्पेशल : पुरी में जब जगन्नाथ के पट हो जाते हैं बंद तो यहां खुलते हैं...

साथ ही जो अभी तक सुईगांव के पास कंटीली झाड़ियों में बैठा है, जबकि दूसरे टिड्डियों के कई दल बाड़मेर के गांवों में मौजूद है. जो धीरे धीरे जालोर की सीमा की ओर बढ़ रहे है. जिसके कारण अब जिले के किसानों के माथे में चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है.

सरकार की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहे है किसान-

टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार और टिड्डी नियंत्रण दल की लापरवाही के कारण आज जालोर और बाड़मेर के किसान बर्बाद हो रहे है, क्योंकि 19 सितम्बर 2019 में पाकिस्तान के खोखरापार जीरो पॉइंट पर सयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि उनको चीन ने कीटनाशक दवाई नहीं दी है. जिसके कारण टिड्डी पर नियंत्रण नहीं हो पायेगा.

पढ़ेंः जयपुर में आयोजित हुई VHP के फाउंडेशन संगठन की पाठशाला

उसके बाद भारत की सरकार को टिड्डी नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी रही. जिसके कारण टिड्डी पाक से भारत की और बढ़ती गई और बॉर्डर के कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद कर रही है, लेकिन सरकार टिड्डी पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है.

केंद्रीय मंत्री के गृह जिले में सबसे बुरे हालात, लेकिन इंतजाम जीरो-

टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार पूरी तरह से फैल हो गई है. वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी बाड़मेर के है. उनके गृह जिले में भयावक हालात है. हजारों हेक्टेयर में फैली रबी फसल को टिड्डियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए गए. अब भी टिड्डियों पर नियंत्रण या प्रभावित क्षेत्र के किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा इसके बारे में भी संशय बना हुआ है.

Intro:जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर में इन दिनों किसानों ने रबी की फसल की बुवाई कर रखी है। जिस पर टिड्डी के हमले का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के पास में बचाव को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है। ऐसे में किसान केवल भगवान भरोसे है। अगर टिड्डी दल जालोर के गांवों में दस्तक देता है तो जिले के किसानों में हाहाकार मच जाएगा, क्योंकि किसानों ने कर्ज लेकर लाखों हेक्टेयर में फसल की बुवाई कर रखी है, अगर अब टिड्डी की चपेट में आता है तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।


Body:जिले में रबी की ढाई लाख हेक्टेयर फसल पर अब भी मंडरा रहा है टिड्डी का खतरा, प्रशासन के पास कोई संसाधन नहीं
जालोर
पाकिस्तान के बलूचिस्थान से लगातार टिड्डी भारत की ओर आ रही है। इसमें से एक दल ने सप्ताह भर पहले ही जालोर जिले के कुछ गांवों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन किसानों की तकदीर ने साथ दिया और अचानक हवा का रुख बदल गया। जिससे टिड्डियों का दल गुजरात की ओर चला गया, जो अभी तक सुईगांव के पास कंटीली झाड़ियों में बैठा है, जबकि दूसरे टिड्डियों के कई दल बाड़मेर जिले के गांवों में मौजूद है जो धीरे धीरे जालोर जिले की सीमा की ओर बढ़ रहे है। जिसके कारण अब जिले के किसानों के माथे में चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है। जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर जमीन पर रबी की फसल की बुवाई की गई है। ऐसे में अगर टिड्डियों का झुंड हवा के साथ जालोर के गांवों की तरफ बढ़ता है तो जिले में रबी की पूरी फसल चौपट कर सकता है। इनको रोकने या नष्ट करने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास भी कोई संसाधन नहीं है।
सरकार की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहे है किसान
टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार व टिड्डी नियंत्रण दल की लापरवाही के कारण आज जालोर व बाड़मेर जिले के किसान बर्बाद हो रहे है, क्योंकि 19 सितम्बर 2019 में पाकिस्तान के खोखरापार जीरो पॉइंट पर सयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि उनको चीन ने कीटनाशक दवाई नहीं दी है। जिसके कारण टिड्डी पर नियंत्रण नहीं कर पायेगा। उसके बाद भारत की सरकार को टिड्डी नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी रही। जिसके कारण टिड्डी पाक से भारत की और बढ़ती गई। आज बॉर्डर के कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद कर रही है, लेकिन सरकार टिड्डी पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
केंद्रीय मंत्री के गृह जिले में सबसे बुरे हालात, लेकिन इंतजाम जीरो
टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार पूरी तरह से फैल हो गई है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी बाड़मेर जिले के है। उनके गृह जिले बाड़मेर में भयावक हालात है। हजारों हेक्टेयर में
फैली रबी फसल को टिड्डियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए। अब भी टिड्डियों पर नियंत्रण या प्रभावित क्षेत्र के किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा इसके बारे में भी संशय बना हुआ है।




Conclusion:टिड्डी व खेतों के विजुअल रेप से भेज रहा हूं। खेत व टिड्डी के विजुअल मोजो में सूट नहीं है।
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