जालोर. जिले में करीबन ढाई लाख से ज्यादा हेक्टेयर में इन दिनों किसानों ने रबी की फसल की बुवाई कर रखी है. जिस पर टिड्डी के हमले का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के पास में बचाव को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं है. ऐसे में किसान केवल भगवान भरोसे है. अगर टिड्डी दल जालोर के गांवों में दस्तक देता है तो जिले के किसानों में हाहाकार मच जाएगा, क्योंकि किसानों ने कर्ज लेकर लाखों हेक्टेयर में फसल की बुवाई कर रखी है.
बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्थान से लगातार टिड्डी भारत की ओर आ रही है. इसमें से एक दल ने सप्ताह भर पहले ही जालोर के कुछ गांवों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन किसानों की तकदीर ने साथ दिया और अचानक हवा का रुख बदल गया. जिससे टिड्डियों का दल गुजरात की ओर चला गया.
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साथ ही जो अभी तक सुईगांव के पास कंटीली झाड़ियों में बैठा है, जबकि दूसरे टिड्डियों के कई दल बाड़मेर के गांवों में मौजूद है. जो धीरे धीरे जालोर की सीमा की ओर बढ़ रहे है. जिसके कारण अब जिले के किसानों के माथे में चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है.
सरकार की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहे है किसान-
टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार और टिड्डी नियंत्रण दल की लापरवाही के कारण आज जालोर और बाड़मेर के किसान बर्बाद हो रहे है, क्योंकि 19 सितम्बर 2019 में पाकिस्तान के खोखरापार जीरो पॉइंट पर सयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि उनको चीन ने कीटनाशक दवाई नहीं दी है. जिसके कारण टिड्डी पर नियंत्रण नहीं हो पायेगा.
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उसके बाद भारत की सरकार को टिड्डी नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी रही. जिसके कारण टिड्डी पाक से भारत की और बढ़ती गई और बॉर्डर के कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद कर रही है, लेकिन सरकार टिड्डी पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है.
केंद्रीय मंत्री के गृह जिले में सबसे बुरे हालात, लेकिन इंतजाम जीरो-
टिड्डी नियंत्रण में केंद्र सरकार पूरी तरह से फैल हो गई है. वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी बाड़मेर के है. उनके गृह जिले में भयावक हालात है. हजारों हेक्टेयर में फैली रबी फसल को टिड्डियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए गए. अब भी टिड्डियों पर नियंत्रण या प्रभावित क्षेत्र के किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा इसके बारे में भी संशय बना हुआ है.